बरेली में एमबीबीएस छात्रों के भविष्य से खिलवाड़ का खुला खेल, सामने आई बड़ी लापरवाही, पास हुए 24 फेल छात्र, जानिए कैसे

MBBS Failed Students Passed in Bareilly बरेली के रुहेलखंड विश्वविद्यालय कों चुनौती देने वाले छात्रों के पुर्न मूल्यांकन कराने पर एमबीबीएस के छात्रों के साथ हुई लापरवाही का बड़ा खेल सामने आया है। विश्वविद्यालय में कराए गए पुर्न मूल्यांकन में एमबीबीएस के फेल 24 छात्र पास हो गए।

By Ravi MishraEdited By: Publish:Thu, 02 Dec 2021 07:51 AM (IST) Updated:Thu, 02 Dec 2021 07:51 AM (IST)
बरेली में एमबीबीएस छात्रों के भविष्य से खिलवाड़ का खुला खेल, सामने आई बड़ी लापरवाही, पास हुए 24 फेल छात्र, जानिए कैसे
बरेली में एमबीबीएस के छात्रों के भविष्य से खिलवाड़ का खुला खेल, सामने आई बड़ी लापरवाही

बरेली, जेएनएन। MBBS Failed Students Passed in Bareilly : बरेली के रुहेलखंड विश्वविद्यालय कों चुनौती देने वाले छात्रों के पुर्न मूल्यांकन कराने पर एमबीबीएस के छात्रों के साथ हुई लापरवाही का बड़ा खेल सामने आया है। विश्वविद्यालय में कराए गए पुर्न मूल्यांकन में एमबीबीएस के फेल 24 छात्र पास हो गए। छात्रों के भविष्य के साथ मूल्यांकन के नाम पर होने वाले खिलवाड़ की हकीकत जहां विवि के अफसरों के सामने आई है। वहीं परीक्षाओं के मूल्यांकन में शिक्षकों द्वारा बरती गई लापरवाही पूरी तरह से खुल गई है।जिसके बाद विवि प्रशासन मूल्यांकन में लापरवाही बरतने वाले शिक्षकों से जवाब तलब करेगा

रुविवि में एमबीबीएस की उत्तर पुस्तिकाओं के मूल्यांकन में भारी लापरवही बरती गई। परीक्षकों की लापरवाही की वजह से अंतिम वर्ष के काफी छात्र फेल हो गए। फेल छात्रों ने मूल्यांकन को चुनौती दी। कापियों की दोबारा जांच में 24 छात्र पास हो गए। मामला बरेली के एक निजी मेडिकल कॉलेज का है। जहां एमबीबीएस फाइनल ईयर के छात्रों की इस साल परीक्षा हुई थी। एमबीबीएस की कापियों की जांच के लिए विशेषज्ञ डाक्टरों को आमंत्रित किया गया था। परिणाम आया तो काफी छात्र फेल हो गए। विवि ने चुनौती मूल्यांकन के लिए आवेदन मांगा था। इसके आधार पर विवि ने कापियों की अलग-अलग दो विशेषज्ञों ने दोबारा जांच की। उनके दिए नंबरों का औसत निकाला गया तो छात्रों के 20-22 नंबर तक बढ़ गए। यानि कि जो छात्र फेल हो गए थे वह चुनौती मूल्यांकन में अच्छे नंबरों से पास हो गए।

कापियों की जांच की जिम्मेदारी मेडिकल कॉलेज को सौंपी गई। कॉलेज प्रबंधन ने डाक्टरों का पैनल बनाया और दो डाक्टरों ने कापियों की अलग-अलग जांच की। इसमें पहले हुए मूल्यांकन में भारी गड़बड़ी पकड़ी गई। कई छात्रों की शिकायत की है उनको मेल पर कापी नहीं भेजी गई और न ही कापी की जांच कराई गई। चुनौती मूल्यांकन के बाद संशोधित नंबरों के आधार पर परिणाम जारी किया गया है। चुनौती मूल्यांकन के दिशानिर्देशों के अनुसार कुलपति के निर्देश पर परीक्षकों के खिलाफ कार्रवाई का निर्णय लिया जाएगा।

chat bot
आपका साथी