बदायूं के ककोड़ा मेला को लेकर चल रही कशमकश समाप्त, शासन से मिली मेले की अनुमति
Badauns Kakoda Fair कोरोना संक्रमण के चलते पिछले दो साल से बदाूयं में गंगा किनारे मेला ककोड़ा नहीं लग पा रहा था। इस साल संक्रमण में कमी आने के बाद रुहेलखंड के मिनी कुंभ मेला ककोड़ा को भी शासन की अनुमति मिल गई है।
बरेली, जेएनएन। Badauns Kakoda Fair : कोरोना संक्रमण के चलते पिछले दो साल से बदाूयं में गंगा किनारे मेला ककोड़ा नहीं लग पा रहा था। इस साल संक्रमण में कमी आने के बाद शासन स्तर से गढ़ मेला को हरी झंडी मिल जाने के बाद यहां रुहेलखंड के मिनी कुंभ मेला ककोड़ा को भी शासन की अनुमति मिल गई है।इसको लेकर प्रशासनिक अमले में हलचल बढ़ गई है।जिला पंचायत के अधिकारियों ने सोमवार को आयाेजन स्थल का जायजा लिया। आयोजन स्थल पर अभी बाढ़ का पानी है लेकिन मेला लगने की संभावना बढ़ गई है।
शासन स्तर से कोराेना के चलते लगाए गए प्रतिबंधों में छूट बढ़ा दी गई है। सामाजिक, आर्थिक और धार्मिक गतिविधियों को भी छूट दे दी गई है। इसलिए अब कादरचौक स्थित ककोड़ा देवी मंदिर के सीध में कासगंज जिले की सीमा में लगने वाले ऐतिहासिक ककोड़ा मेला लगवाने की कवायद चल रही है। पिछले दिनों जिला पंचायत की बोर्ड की बैठक में बाढ़ के हालात को देखते हुए निर्णय लेने के लिए जिलाधिकारी की अध्यक्षता में एक कमेटी का गठन किया गया। इसमें एसएसपी, सीएमओ, बाढ़ खंड, पीडब्ल्यूडी के अभियंता भी शामिल किए गए हैं। कोरोना संक्रमण के चलते पिछले दो साल मेला का आयोजन नहीं किया जा सका। हजारों लोगों की आस्था से जुड़े इस मेले में परिवार और रिश्तेदारों के साथ लोग प्रवास करते हैं।
रीति-रिवाज और परंपरा का भी निर्वहन किया जाता है। इसको देखते हुए कुर्मी समाज की ओर से मेला लगवाने की पुरजोर मांग उठ रही है। जिला पंचायत के अधिकारियों ने आयोजन स्थल का जायजा लिया तो मुख्य मार्ग में बाढ़ का पानी होने के अलावा आयोजन स्थल पर भी पानी भरा हुआ है। कार्तिक पूर्णिमा पर मुख्य स्नान पर्व होता है, इसमें करीब महीनेभर का वक्त बचा है। मेले की तैयारी में महीनों का वक्त लगता है, इन हालातों में मेला लग पाएगा या नहीं असमंजस की स्थिति बनी हुई है। जिलाधिकारी दीपा रंजन का कहना है कि अधिकारियों की कमेटी बनी है, हालात का आकलन करके निर्णय लिया जाएगा।