बानखाना बवाल में दारोगा समेत दो सिपाही सस्पेंड

प्रेमनगर के बानखाना चौराहे पर सोमवार को तख्त निकालने के दौरान नई परंपरा को लेकर हुए विवाद में गाज गिर गई

By JagranEdited By: Publish:Thu, 20 Sep 2018 11:49 PM (IST) Updated:Fri, 21 Sep 2018 01:53 AM (IST)
बानखाना बवाल में दारोगा समेत दो सिपाही सस्पेंड
बानखाना बवाल में दारोगा समेत दो सिपाही सस्पेंड

जागरण संवाददाता, बरेली :

प्रेमनगर के बानखाना चौराहे पर सोमवार को तख्त निकालने के दौरान नई परंपरा को लेकर हुए रास्ता विवाद प्रकरण में आखिर तीन पुलिसकर्मियों पर गाज गिर ही गई। सीओ व इंस्पेक्टर की प्रारंभिक जांच रिपोर्ट के बाद एसएसपी ने ड्यूटी पर तैनात किला के दारोगा राजेंद्र कुमार, सिपाही आशीष व प्रवीन को निलंबित कर दिया। तीनों अपनी ड्यूटी पर नहीं मिले थे। लेकिन, इस कार्रवाई से पुलिसकर्मियों में ही भारी आक्रोश है।

यह हुआ था सोमवार को

सोमवार रात को बानखाना चौराहे से डलाव वाली मठिया जाने वाले रास्ते पर नई परंपरा डालते हुए तख्त निकाला। दूसरे पक्ष ने इसका विरोध किया था। जानबूझकर माहौल खराब करने के आरोप लगाए। पुलिस ने दूसरे पक्ष के लोगों को ही उनके घरों के अंदर करवा दिया। शिकायत एसपी सिटी तक पहुंची थी। इसके बाद भी तख्त निकालने वाले पक्ष की ओर से दूसरे धर्म विरोधी व देश विरोधी नारे लगाए गए। तख्त को उठाने वालों में नवाब लंग्डा घोसी निवासी मोहल्ला घोसियान, नाजिश निवासी बानखाना, विम्मी, फुरकान निवासी सुर्खा व 10-12 अज्ञात लोगों के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया गया था।

24 घंटे की ड्यूटी पर थे, फिर भी कार्रवाई

वहीं कार्रवाई को लेकर दारोगा व सिपाहियों में भारी आक्रोश है। उनका कहना है कि उस दिन 24 घंटे ड्यूटी की। ड्यूटी प्वाइंट से हटे तक नहीं थे। बवाल के दौरान लोगों को शांत कराकर जुलूस निकलवाया। चंद कदमों की दूरी पर निकल रहे दूसरे जुलूस में हंगामे की सूचना मिली। कर्तव्य समझकर अपने प्वाइंट से वहां शांति व्यवस्था के लिए गए थे। शांतिपूर्वक जुलूस निकलवाया। इसी दौरान सीओ प्रथम तख्त वाले जुलूस में पहुंचे, जहां पुलिसकर्मी पूर्व निर्धारित प्वाइंट पर नहीं दिखे थे।

डिस्चार्ज हो गई थी वायरलेस की बैट्री, कैसे देते जबाब

सीओ के वायरलेस पर अपनी लोकेशन नहीं दे सके थे, क्योंकि 24 घंटे होने के कारण वायरलेस बैट्री डिस्चार्ज हो चुकी थी। इस कारण दूसरे जुलूस में निकलने की बात नहीं बता पाए। सीओ ने गैरहाजिर मानकर उनकी रपट लिख दी।

अपनी बात रखने तक का अवसर नहीं दिया

पुलिसकर्मियों ने बताया कि इंस्पेक्टर किला ने जांच की। उनसे एक बार पूछा तक नहीं। अपनी तरफ से रिपोर्ट अधिकारियों को भेज दी। यहां तक विभागीय जांच तक बैठा दी गई। जबकि तीनों ने 24 घंटे जागने के बाद भी ड्यूटी की थी।

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