कुतुबखाना पर डेढ़ किलोमीटर लंबा अंडरपास बनाना होगा मुश्किल
Qutubkhana Overbridge कुतुबखाना बाजार पर डेढ़ किलोमीटर लंबा अंडरपास का निर्माण मुश्किल हो सकता है। हालांकि व्यापारियों को 15 दिन का समय दिया गया है लेकिन अब तक वहां अंडरपास के सर्वे के लिए कोई नहीं पहुंचा है।
बरेली, जेएनएन। Qutubkhana Overbridge : कुतुबखाना बाजार पर डेढ़ किलोमीटर लंबा अंडरपास का निर्माण मुश्किल हो सकता है। हालांकि व्यापारियों को 15 दिन का समय दिया गया है, लेकिन अब तक वहां अंडरपास के सर्वे के लिए कोई नहीं पहुंचा है। वही, दूसरी ओर सेतु निगम की रिपोर्ट के बाद ओवरब्रिज निर्माण को टेंडर प्रक्रिया शुरू हो पाएगी।
स्मार्ट सिटी कंपनी ने कुतुबखाना फ्लाईओवर निर्माण के लिए 136 करोड़ रुपये की मंजूरी दे दी है। वहां कोहाड़ापीर पर नैनीताल रोड से कुतुबखाना चौराहा होते हुए कोतवाली तक फ्लाईओवर बनना है। वहां फ्लाईओवर निर्माण के लिए तमाम व्यापारी विरोध कर रहे हैं। इसे लेकर वह एक दिन की हड़ताल भी कर चुके हैं। बीते दिनों केंद्रीय मंत्री संतोष गंगवार और महापौर डॉ. उमेश गौतम ने व्यापारियों के साथ बैठक की थी। उन्होंने कहा था कि पंद्रह दिनों में अंडरपास की संभावनाएं तलाशने के लिए सर्वे कराया जाएगा।
पंद्रह दिन में से अब पांच दिन ही बचे हैं। सेतु निगम ने सर्वे नहीं किया है, न ही बाहर की कोई कंपनी सर्वे करने पहुंची है। हालांकि सेतु निगम के एक अधिकारी का कहना है कि कुतुबखाना पर करीब डेढ़ किलोमीटर लंबा अंडरपास बनाया जाना काफी मुश्किल है। घनी आबादी होने के कारण उस पर खतरा बन सकता है। इधर, अंडरपास को लेकर सेतु निगम की कोई रिपोर्ट नहीं मिलने के कारण ओवरब्रिज निर्माण की टेंडर प्रक्रिया भी लटकी हुई है। स्मार्ट सिटी कंपनी के सीईओ अभिषेक आनंद ने बताया कि सेतु निगम सर्वे कर रहा है। इसके बाद व्यापारियों के साथ बैठक की जाएगी। उनकी सहूलियत का ध्यान रखा जाएगा।
सुभाषनगर ओवरब्रिज निर्माण को जल्द दी जाएगी रकम
स्मार्ट सिटी के सीईओ अभिषेक आनंद ने बताया कि रेलवे विभाग की ओर से उन्हें पत्र मिल गया है। इस पर स्मार्ट सिटी की बैठक में बात की जाएगी। वहां ओवरब्रिज बनाने के लिए जल्द बजट उपलब्ध कराया जाएगा। बता दें कि पिछले दिनों केंद्रीय मंत्री संतोष गंगवार ने महापौर डॉ. उमेश गौतम, स्मार्ट सिटी के सीईओ अभिषेक आनंद और रेलवे अधिकारियों के साथ निरीक्षण कर ओवरब्रिज निर्माण को एस्टीमेट बनाने को कहा था। इस पर रेलवे के अधिकारियों ने एस्टीमेट बनाने के लिए बजट मांगा है।