जीनोम सिक्वेंसिंग के लिए बरेली से लखनऊ भेजा एनआरआइ का सैंपल
ब्रिटेन से बीते 26 नवंबर को शहर पहुंचे एनआरआइ की कोविड जांच रिपोर्ट पाजिटिव आने के बाद स्वास्थ्य महकमे में अफरा-तफरी का माहौल है। कैंट सदर बाजार में पिता से मिलने आया एनआरआइ कोरोना के ओमिक्रोन वैरिएंट का शिकार तो नहीं इसका पता लगाने के लिए स्वास्थ्य विभाग ने सोमवार को जीनोम सिक्वेंसिंग कराने के लिए सैंपल लखनऊ स्थित किग जार्ज मेडिकल यूनिवर्सिटी (केजीएमयू) भेजा है।
जागरण संवाददाता, बरेली: ब्रिटेन से बीते 26 नवंबर को शहर पहुंचे एनआरआइ की कोविड जांच रिपोर्ट पाजिटिव आने के बाद स्वास्थ्य महकमे में अफरा-तफरी का माहौल है। कैंट सदर बाजार में पिता से मिलने आया एनआरआइ कोरोना के ओमिक्रोन वैरिएंट का शिकार तो नहीं, इसका पता लगाने के लिए स्वास्थ्य विभाग ने सोमवार को जीनोम सिक्वेंसिंग कराने के लिए सैंपल लखनऊ स्थित किग जार्ज मेडिकल यूनिवर्सिटी (केजीएमयू) भेजा है। इसकी रिपोर्ट आने पर ही कोरोना के वैरिएंट का पता चल सकेगा। उधर, एनआरआइ के पिता अभी तक स्वस्थ हैं। स्वास्थ्य विभाग की सर्विलांस टीम उनके संपर्क में है। एक-दो दिन बाद उनकी आरटी-पीसीआर जांच होगी। एनआरआइ के संपर्क में आए अन्य स्वजन का ब्योरा भी स्वास्थ्य विभाग ने हासिल कर लिया है। मंगलवार को उनकी भी आरटी-पीसीआर जांच कराई जाएगी।
ब्रिटेन पहुंच भी गया एनआरआइ
एनआरआइ के मोबाइल नंबर पर अभी तक स्वास्थ्य विभाग की टीम का संपर्क नहीं हो पाया है। हालांकि उसके पिता ने स्वास्थ्य विभाग की टीम को बताया है कि बेटे से उनकी बात हुई है, वह ब्रिटेन पहुंच गया है। ऐसे में साफ है कि अंतरराष्ट्रीय फ्लाइट के लिए एनआरआइ ने कहीं न कहीं से फर्जी निगेटिव आरटी-पीसीआर रिपोर्ट का इंतजाम किया। चूंकि उसके डेटा में फोकल लैब के टेक्नीशियन का नंबर था, ऐसे में निजी लैब कर्मी भी पूरे मामले में संदेह के घेरे में है।
एयरपोर्ट व निजी अस्पतालों में बढ़ी जांच
एनआरआइ का पाजिटिव केस सामने आने के बाद स्वास्थ्य विभाग की टीम सक्रिय हो गई है। जिला सर्विलांस अधिकारी ने बरेली एयरपोर्ट पर सोमवार से विशेष रूप से सैंपलिग शुरू कराई है। सोमवार को भी यहां मुसाफिरों और एयरपोर्ट कर्मचारियों की जांच हुई। निजी अस्पतालों में भी आने वाले संदिग्ध मरीजों और उनके साथ आए लोगों के सैंपल लिए गए। हालांकि एंटीजन रिपोर्ट में कोई पाजिटिव नहीं मिला है।
फोकस लैब को दिया जा चुका है नोटिस
चूंकि एनआरआइ को चार दिसंबर की शाम दिल्ली से अंतरराष्ट्रीय फ्लाइट के जरिये वापस ब्रिटेन जाना था, इसलिए लैब पर तीन दिसंबर को इससे संबंधित ब्योरा दर्ज कराकर उन्होंने सैंपलिग कराई थी। ब्रिटिश पासपोर्ट पर बरेली का मूल निवासी होने की ही बात थी, पूरा पता दर्ज नहीं था। ऐसे में फोकस लैब को स्थानीय पता और मोबाइल नंबर लेना चाहिए था, लेकिन ऐसा नहीं हुआ। इस वजह से ही पाजिटिव रिपोर्ट आने के बाद एनआरआइ को समय पर ट्रेस नहीं किया जा सका। टीम के पहुंचने से पहले ही एनआरआइ ब्रिटेन के लिए रवाना हो चुका था। इससे देश ही नहीं बल्कि विदेश में भी संक्रमण फैलने का खतरा बढ़ गया है।
वर्जन..
जिले की सीमाओं के साथ ही एयरपोर्ट, रेलवे स्टेशन और बस स्टैंड पर सैंपलिग बढ़ा दी गई है। सोमवार को एंटीजन सैंपल में कोई पाजिटिव केस नहीं मिला। जांच जारी रहेगी। वहीं एनआरआइ के सैंपल को जीनोम सिक्वेंसिग के लिए लखनऊ भेज दिया गया है।
- डा.अनुराग गौतम, प्रभारी, आइडीएसपी