अब बिजली का बिल जमा करेंगी महिलाएं, स्वयं सहायता समूह को सौंपी जिम्मेदारी

महिलाए हर क्षेत्र में अपना परचम लहरा रही हैं। जिले में भी नारी सशक्तिकरण की झलक देखी जा सकती है। आज स्कूली ड्रेस से लेकर पुष्टाहार वितरण की जिम्मेदारी संभालने वाली स्वयं सहायता समूह की महिलाएं अब बिजली का बिल भी घर घर जाकर जमा करेंगी।

By Ravi MishraEdited By: Publish:Sat, 24 Oct 2020 11:54 AM (IST) Updated:Sat, 24 Oct 2020 11:54 AM (IST)
अब बिजली का बिल जमा करेंगी महिलाएं, स्वयं सहायता समूह को सौंपी जिम्मेदारी
अब बिजली का बिल जमा करेंगी महिलाएं, स्वयं सहायता समूह को सौंपी जिम्मेदारी

बरेली, जेएनएन। महिलाए हर क्षेत्र में अपना परचम लहरा रही हैं। जिले में भी नारी सशक्तिकरण की झलक देखी जा सकती है। आज स्कूली ड्रेस से लेकर पुष्टाहार वितरण की जिम्मेदारी संभालने वाली स्वयं सहायता समूह की महिलाएं अब बिजली का बिल भी घर घर जाकर जमा करेंगी। विभाग की तरफ से इसे अभी बिथरी चैनपुर ब्लॉक में लागू किया जा रहा है। बाद में दूसरे ब्लॉक की जिम्मेदारी भी इन महिलाओं को दी जाएगी।

बिजली विभाग का लाइन लॉस 14 से 17 प्रतिशत हैं। इस लाइन लॉस में बर्बाद बिजली के अलावा वह भी आंकड़ा शामिल होता है। जिस बिजली को जलाने के बाद उपभोक्ता बिल नहीं जमा करते हैं। सिर्फ 40 प्रतिशत ही ऐसे उपभोक्ता हैं जो नियमित तौर पर बिजली का बिल जमा करते हैं। बहुत सारे ऐसे लोग हैं जो बिजली बिल जमा करने के लिए लंबी लंबी लाइनों में खड़ा नहीं होना चाहते हैं। अब ऐसे लोगों के घर पर बिल जमा हो सकेगा। यह बिल स्वयं सहायता समूह की महिलाएं जमा करेगी। ज्यादा से ज्यादा बिल समय से जमा हो सके।

इसके लिए विभाग की तरफ से बिथरी ब्लॉक मे बिजली बिल जमा करवाने की जिम्मेदारी स्वयं सहायता समूह की महिलाओं को सौंपी गई है। स्वयं सहायता समूह की महिलाओं से एक तय राशि विभाग अपने पास जमा करवाएगा और जितना बिल वह जमा करेंगी। उतना पैसा उनकी जमा हुई रकम से बैलेंस हो जाएगा। विभाग महिलाओं के फोन में एक साफ्टवेयर डाउनलोड करवाएगा जिससे मॉनीटरिंग की जा सकेगी कि महिलाओं ने किस उपभोक्ता का कितना बिल जमा किया।

बिल जमा करने पर महिलाओं को उपभोक्ता को रसीद देनी पड़ेगी। समूह की महिलाओं को बिल जमा करवाने के एवज में कमीशन दिया जाएगा। इससे जहां एक तरफ महिलाओं को आमदनी और रोजगार मिलेगा। वहीं बिजली विभाग का राजस्व बढ़ेगा। अगर यह मॉडल सफल होता है तो इसे दूसरे ब्लाकों में भी लागू किया जाएगा।

हमने राजस्व बढ़ाने के लिए यह व्यवस्था लागू की है। अगर यह मॉडल सफल रहा तो हम महिलाओं को दूसरे ब्लाक और उपकेंद्रों की भी जिम्मेदारी सौंपेगे।  सैय्यद तारिक जलील, अधीक्षण अभियंता, देहात

 

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