अब रावण, कुंभकर्ण, मेघनाथ के पुतले नहीं भर पा रहे पेट, छाेटा हाे रहा रावण के पुतले का कद, जानिए पुतला कारीगरों के हालात
Distress in Effigy Artisan शारदीय नवरात्र के दौरान होने वाली रामलीला और दशमी के दिन रावण दहन का लोग बेसब्री से इंतजार करते थे। गली-मुहल्लों के चौक-चौराहों के अलावा बड़े-बड़े मैदानों पर भी दशानन के साथ मेघनाथ और कुंभकर्ण के कई फुट ऊंचे पुतले लगते थे।
बरेली, जेएनएन। Distress in Effigy Artisan : शारदीय नवरात्र के दौरान होने वाली रामलीला और दशमी के दिन रावण दहन का लोग बेसब्री से इंतजार करते थे। गली-मुहल्लों के चौक-चौराहों के अलावा बड़े-बड़े मैदानों पर भी दशानन के साथ मेघनाथ और कुंभकर्ण के कई फुट ऊंचे पुतले लगते थे, जिनके दहन का नजारा अलग होता था। लेकिन पिछले दो सालों से जहां रावण का कद छोटा हुआ तो वहीं रावण, मेघनाद और कुंभकरण का पुतला बनाने कारीगरों पर भी आर्थिक संकट के बादल घिर आए। कारीगरों का कहना है कि सिर्फ यही साल है जो रामलीला के लिए पुतलों को रूप दे रहे हैं।
दो वर्ष पहले रावण, मेघनाद और कुंभकरण के पुतले बनाने की जो रौनक हाेती थी वो अब फीकी पड़ने लगी है। कोरोना संक्रमण के प्रकोप के चलते कई जगहों पर रामलीला की अनुमति न मिलने की वजह से कारीगरों में आमदनी न होने की वजह से उदासीनता है। ज्यादातर कारीगरों का कहना है कि अब यह काम छोड़कर दूसरा काम करेंगे। बताया कि पहले जहां रामलीला के दौरान पुतले बनाने में दो-ढाई लाख तक की कमाई हो जाती थी वहीं अब पुतले बनाने में आना वाला खर्च भी निकलना मुश्किल होता है।
जोगी नवादा में रावण का कद हो गया छोटा
जोगी नवादा स्थित वनखंडी नाथ मंदिर में होने वाली रामलीला में दशहरा पर रावण का कद पिछले साल की तुलना में 38 फीट बड़ा है तो दो साल पहले की तुलना में 15 फीट छोटा हो गया है। इस बार 50 फीट के रावण का पुतले का दहन होगा। श्री रामलीला समिति के सदस्य विशाल राठौर ने बताया कि पिछले वर्ष कोविड की वजह से रावण के पुतले का दहन नहीं हुआ था। रस्म को निभाने के लिए सिर्फ 12 फीट का पुतला बनाया गया था।
सुभाष नगर रामलीला में 20 फीट बढ़ी रावण की लंबाई
सुभाष नगर स्थित रामलीला ग्राउंड में होने वाली रामलीला में दशहरा पर इस बार 35 फीट के रावण के पुतले का दहन होगा। श्री रामलीला सभा के सचिव आलोक तयाल ने बताया कि पिछले वर्ष 15 फीट के रावण का पुतला बनवाया था। दो वर्ष पहले 49 फीट के रावण के पुतले का दहन किया गया था। वहीं इस वर्ष भी मेले का आयोजन नहीं होगा।
बाहर शहरों के लिए नहीं बनाए पुतले
वनखंडी नाथ मंदिर में पुतला कारीगार तेजपाल ने बताया कि वह बरेली के साथ ही हल्द्वानी, रुद्रपुर, बिसलपुर में होने वाली रामलीला में दशहरा के लिए रावण का पुतला बनाते हैं। लेकिन, इस बार वहां लीला न हाेने की वजह से आर्डर नहीं मिला। यहां भी रावण के पुतले का कद छोटा हो रहा है। जिस वजह से लागत भी निकलना मुश्किल हो रहा है।
बाेले - अब देखेंगे कोई और काम
मुहल्ला कसगरान में रावण वाली गली में पुतले बनाने वाली कारीगर मधु ने बताया कि पिछले दो सालों से आर्डर मिलना न के बराबर हो गया है। दो साल पहले तक गली रावण, मेघनाद और कुंभकरण के पुतलों से भरी रहती थी जो इस बार जैसे सुनी सी हो गई है। अब चाहे कोई छोटी सी दुकान खोलें लेकिन, यह काम नहीं करेंगे।