पीलीभीत जंक्शन से अभी तक लंबी दूरी की ट्रेनों का संचालन नहीं

पूर्वोत्तर रेलवे गोरखपुर के पीलीभीत जंक्शन से अभी तक लंबी दूरी की ट्रेनों का संचालन नहीं हो सका है।

By JagranEdited By: Publish:Mon, 21 May 2018 04:55 PM (IST) Updated:Mon, 21 May 2018 04:55 PM (IST)
पीलीभीत जंक्शन से अभी तक लंबी दूरी की ट्रेनों का संचालन नहीं
पीलीभीत जंक्शन से अभी तक लंबी दूरी की ट्रेनों का संचालन नहीं

बरेली (जेएनएन)। पूर्वोत्तर रेलवे गोरखपुर के पीलीभीत जंक्शन से अभी तक लंबी दूरी की ट्रेनों का संचालन शुरू नहीं हो सका है, जिससे यात्रियों को काफी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। रेल अफसर चुप्पी साधे हैं।

तत्कालीन रेल मंत्री सुरेश प्रभाकर प्रभु ने पीलीभीत से भोजीपुरा होते हुए बरेली सिटी तक बड़ी रेल लाइन की ट्रेन को हरी झंडी दिखाकर शुभारंभ किया था, जिसे डेढ़ साल का समय हो रहा है। पीलीभीत-मझोला पकड़िया तक बड़ी लाइन की ट्रेन चलाई गई। टनकपुर से पीलीभीत के लिए सीधी पैसेंजर ट्रेन संचालित की गई। अभी टनकपुर अथवा पीलीभीत से लंबी दूरी की ट्रेन का संचालन नहीं किया जा सका है। टनकपुर व पीलीभीत से दिल्ली, देहरादून, लखनऊ, इलाहाबाद आदि स्टेशनों के लिए सीधी एक्सप्रेस ट्रेन सेवा नहीं है। उद्घाटन के दौरान केंद्रीय महिला एवं बाल विकास मंत्री मेनका गांधी ने एक माह के अंदर दिल्ली के लिए एक्सप्रेस ट्रेन चलवाने का वादा किया था, जो अभी तक पूरा नहीं हो पाया है। अभी टनकपुर से पीलीभीत और पीलीभीत से बरेली सिटी तक पैसेंजर ट्रेन का संचालन किया जा रहा है। इन ट्रेनों को बरेली जंक्शन से भी नहीं जोड़ा गया। जन प्रतिनिधियों की उपेक्षापूर्ण रवैये की वजह से टनकपुर अथवा पीलीभीत से लंबी दूरी की एक्सप्रेस ट्रेन संचालित नहीं हो पा रही है, जिसका खामियाजा आम जनता को उठाना पड़ रहा है। टनकपुर से रोजाना हजारों की संख्या में यात्री दिल्ली व देहरादून के लिए यात्रा करता है, लेकिन रेलवे की नजर में कुछ भी नहीं है। पीलीभीत से प्रत्येक सोमवार को व्यापारी दिल्ली जाते हैं। सीधी ट्रेन सेवा न होने की वजह से व्यापारियों को अधिक किराया अदा करके रोडवेज बस से जाने के लिए मजबूर हो रहे हैं। सिविल लाइन साउथ निवासी शिवम कश्यप, राजीव मिश्र, तेजपाल राठौर का कहना है कि पीलीभीत से एक्सप्रेस ट्रेन सेवा का संचालन जल्द शुरू किया जाए, जिससे यात्रियों को सफर करने में आसानी हो जाएगी। बरेली जाकर ट्रेन को बदलना नहीं पड़ेगा। इस दिशा में रेलवे को कदम उठाना चाहिए।

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