बरेली के स्वास्थ्य विभाग का हाल, देहात में मॉल नहीं फिर कहां से लिए 966 सैंपल

स्वास्थ्य महकमा बीमारों की सेहत सुधारने के लिए जाना जाता है लेकिन जिले में यह विभाग कोविड के आंकड़ों की सेहत सुधारने में लगा है। अब तक संक्रमितों की संख्या मौत आदि में खेल किया जा रहा था।

By JagranEdited By: Publish:Mon, 09 Nov 2020 02:42 AM (IST) Updated:Mon, 09 Nov 2020 02:42 AM (IST)
बरेली के स्वास्थ्य विभाग का हाल, देहात में मॉल नहीं फिर कहां से लिए 966 सैंपल
बरेली के स्वास्थ्य विभाग का हाल, देहात में मॉल नहीं फिर कहां से लिए 966 सैंपल

बरेली, जेएनएन : स्वास्थ्य महकमा बीमारों की सेहत सुधारने के लिए जाना जाता है, लेकिन जिले में यह विभाग कोविड के आंकड़ों की सेहत सुधारने में लगा है। अब तक संक्रमितों की संख्या, मौत आदि में खेल किया जा रहा था। अब शासन की ओर से दिए गए टारगेट सैंपलिग में भी खेल शुरू हो गया है। आठ दिनों की जो रिपोर्ट तैयार की गई, उसमें ग्रामीण क्षेत्र के मॉल से 966 लोगों के सैंपल लिए जाना दर्शाया गया है। खास बात यह है कि ग्रामीण क्षेत्र में कोई मॉल है ही नहीं।

अक्टूबर माह के अंत में शासन ने त्योहार पर संक्रमण का फैलाव रोकने के लिए ऑनलाइन बैठक की थी। इसमें त्योहार तक टारगेट सैंपलिग करने के लिए लक्ष्य निर्धारित किया गया था। शहर के ब्यूटी पार्लर, मेहंदी आर्टिस्ट, मिठाई विक्रेता व कर्मचारी, मॉल, प्रमुख बाजार, धार्मिक स्थल और मोटर शोरूम आदि में सैंपलिग की जानी थी। इसे टारगेट सैंपलिग का नाम दिया गया था। इसमें कुल आरटीपीसीआर का 30 और कुल एंटीजन का 50 फीसद सैंपलिग करने का लक्ष्य भी निर्धारित किया गया था।

शासन की गाइडलाइन और कोविड की मॉनीटरिग को देखते हुए लक्ष्य पूरा करने के चक्कर में विभाग भूल गया कि ग्रामीण क्षेत्र में कोई मॉल नहीं है। इसके बाद भी टारगेट सैंपलिग में मॉल के कर्मचारियों और सिक्योरिटी गार्ड के भी सैंपल लिए जा रहे हैं। अब देहात में मॉल कहां से आए और सैंपलिग कहां से हुई, इस पर सभी चुप्पी साधे हुए हैं।

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टारगेट सैंपलिग का लक्ष्य आवंटित कर दिया गया है। देहात में मॉल न होने पर भी सैंपलिग किया जाना दर्शाया गया है तो गलत है। इसकी जांच कराई जाएगी।

-डॉ. विनीत कुमार शुक्ला, सीएमओ

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