नापसंद अफसर ही बन रहे 'सर्वोत्तम'
नगर निगम में एक ओर जिन अफसरों को नापसंद कहा जा रहा, वे ही पसंद काम के लिहाज से वरीयता में रखे जा रहे।
जागरण संवाददाता, बरेली : नगर निगम में एक ओर जिन अफसरों को नापसंद कहा जा रहा, वे ही पसंद काम के लिहाज से वरीयता में रखे जा रहे। उनकी जिम्मेदारी बढ़ा दी गई। जिनका तबादला हो गया, उन्हें रिलीव नहीं किया गया। लगातार कई साल से निगम में सेवाएं देने वाले ये अधिकारी व कर्मचारी अचानक नापसंद कैसे हो गए और फिर अचानक उन पर भरोसा जताया गया, यह सब हैरान करने वाला है।
शहर में गर्मी और फिर बारिश के दौरान जनसुविधाओं को दुरुस्त करने के लिए महापौर डा. उमेश गौतम ने बीते दिनों नगर विकास मंत्री को पत्र भेजा था। इसमें उन्होंने निगम में ठीक से काम नहीं करने वाले कुछ अधिकारियों के अन्यत्र तबादले की संस्तुति की थी। महापौर ने निगम के कार्यो को रुचिपूर्ण तरीके से नहीं करने की बात भी लिखी थी। बकायदा उनके नामों की सूची बनाकर नगर विकास मंत्री को पत्र भेजा था। इसके साथ ही अन्य जिलों से उनके स्थान पर अधिकारी तैनात करने की मांग भी की थी। इसके बाद ही नगर निगम में तबादले की प्रक्रिया शुरू हो गई। सबसे पहले अपर नगर आयुक्त ईश शक्ति कुमार सिंह का तबादला इलाहाबाद के लिए हो गया। इसके साथ ही जलकल अभियंता पीसी आर्य को बदायूं स्थानांतरित कर दिया गया। एक्सईएन विकास कुरील तो फिरोजाबाद रिलीव भी हो गए। बावजूद इसके धीरे-धीरे नापसंद अधिकारी भी पसंद आने लगे। अपर नगर आयुक्त का तबादला रुक गया और जलकल अभियंता को रिलीव नहीं किया गया। वही, अन्य नापसंद अधिकारियों के तबादले नहीं हुए।
तबादला नहीं बढ़ा दिया गया चार्ज
महापौर की सूची में सबसे पहले पर्यावरण अभियंता उत्तम कुमार वर्मा का नाम था। वे इस पद पर पिछले छह साल से काम कर रहे हैं। उन पर आरोप था कि वे अधिकांश दिवसों पर छुंट्टी लेकर मुख्यालय से बाहर चले जाते हैं, जिससे उनके काम प्रभावित होते हैं। यहां बता दें कि उत्तम वर्मा के पास पर्यावरण अभियंता के अलावा राजस्व प्रभारी, संपत्ति प्रभारी, अतिक्रमण प्रभारी, वाटर वर्क्स, कुछ समय से नगर स्वास्थ्य अधिकारी का प्रभार है। इतना ही नहीं चार दिन पहले उन्हें पथ प्रकाश विभाग का प्रभारी भी बना दिया गया है।
जलकल अभियंता को नहीं किया रिलीव
जलकल विभाग में छह वर्ष से कार्यरत प्रेम चंद्र आर्य भी महापौर की सूची में थे। उनका तबादला बदायूं होने पर भी उन्हें रिलीव नहीं किया गया। नगर आयुक्त ने शहर में पेयजल व सीवर की समस्या होने के चलते शासन को उनका तबादला रोकने को पत्र भेजा। जलकल महाप्रबंधक को हार्ट अटैक के बाद से छुंट्टी पर होने के कारण एकमात्र जेई के तौर पर उनके द्वारा सारा काम देखने का हवाला भी दिया।
ये अधिकारी भी सूची में शामिल
महापौर की सूची में कर निर्धारण अधिकारी संगीता गुप्ता दूसरे नंबर पर रही। उन पर अपने कर्तव्यों का निर्वहन ठीक से नहीं करने का आरोप लगा। महापौर ने तीन उप नगर आयुक्त और दो सहायक नगर आयुक्त के पद सृजित करने की मांग भी नगर विकास मंत्री से की थी। वर्जन
- हमें शहरवासियों की सुविधा के कार्य कराने हैं। जो भी अपने दायित्वों को ठीक से पूरा करेंगे, वो ही यहां रुकेंगे। पूर्व में कुछ अधिकारियों के स्थानांतरण की मांग की थी, लेकिन फिलहाल वे ठीक से काम कर रहे हैं, इसलिए बात आगे नहीं बढ़ाई है।
डा. उमेश गौतम, महापौर