Nigerian Cyber Criminals : बरेली में नाइजीरियन का गुर्गा रुकसाद गिरफ्तार, 27 लाख रुपये बरामद

Nigerian Cyber Criminals नाइजीरियन साइबर ठग राबर्ट का गुर्गा रुकसाद मंगलवार को पुलिस के हत्थे चढ़ गया। फरीदपुर के भूरे खां गौटिया निवासी रुकसाद के पास से पुलिस ने 27 लाख रुपये बरामद किये है। ठगी की रकम खपाने के लिए रुकसाद द्वारा खुलवाए गए

By Ravi MishraEdited By: Publish:Wed, 22 Sep 2021 06:10 AM (IST) Updated:Wed, 22 Sep 2021 06:10 AM (IST)
Nigerian Cyber Criminals : बरेली में नाइजीरियन का गुर्गा रुकसाद गिरफ्तार, 27 लाख रुपये बरामद
Nigerian Cyber Criminals : बरेली में नाइजीरियन का गुर्गा रुकसाद गिरफ्तार, 27 लाख रुपये बरामद

बरेली, जेएनएन। Nigerian Cyber Criminals : नाइजीरियन साइबर ठग राबर्ट का गुर्गा रुकसाद मंगलवार को पुलिस के हत्थे चढ़ गया। फरीदपुर के भूरे खां गौटिया निवासी रुकसाद के पास से पुलिस ने 27 लाख रुपये बरामद किये है। ठगी की रकम खपाने के लिए रुकसाद द्वारा खुलवाए गए। आरएम इंटरप्राइजेज नाम से संचालित फर्म के खाते में भी 30 लाख रुपये मिले है। जिसके कारण पुलिस ने रुकसाद का खाता फ्रीज कर दिया है।

25 अगस्त को फरीदपुर के भूरे खां की गौटिया से नाइजीरियन राबर्ट गिरफ्तार किया गया था। वीजा और पासपोर्ट न होने पर पूछताछ में राबर्ट के साइबर ठग के रूप में चेहरा सामने आया था। राबर्ट ने बताया था कि भूरे खां की गौटिया के रहने वाले मेंहदी हसन उर्फ हरपाल व उसके बेटे अरबाज के खाते में उसने 80 लाख रुपये भेजे थे लेकिन, दोनों ने रुपये देने से इन्कार कर दिया। राबर्ट तो पकड़ गया लेकिन, मेंहदी हसन व अरबाज भाग गए थे। इसी के बाद ठगी की रकम के खाते के सुराग में जुटी पुलिस को पता चला कि साइबर ठग ने कानपुर के स्वरुप नगर स्थित गणेशा ईकोटे प्राइवेट लिमिटेड के ईमेल को हैक कर 2.45 लाख रुपये निकाल कई खातों में भेजे थे।

मेंहदी हसन व अरबाज के खाते से 35 लाख 85 हजार रुपये रकसाद के खाते में भेजे जाने की पुष्टि हुई। पुलिस रुकसाद की तलाश में जुटी तो वह फरार मिला। इसी के बाद से सर्विलांस के जरिए उस पर नजर रखी जा रही थी। जैसे ही वह बरेली वापस लौटा, साइबर सेल की टीम ने उसे धर लिया। उसकी निशानदेही पर पुलिस ने 27 लाख रुपये व मोबाइल फोन बरामद किया। उसके खाते में मौजूद 30 लाख रुपये फ्रीज कर दिये गए। एसएसपी रोहित सिंह सजवाण ने प्रेस कांफ्रेस कर इस बारे में जानकारी दी।

भाग गया था कोयंबटूर, 26 दिन में खर्च कर दिये छह लाख

राबर्ट के पकड़े जाने के बाद रुकसाद तमिलनाडु के कोयंबटूर भाग गया। 26 दिन में उसने छह लाख रुपये शान-ए-शौकत में खर्च कर दिये। पूछताछ में रुकसाद ने बताया कि वह जरदोजी का काम करता है। आनलाइन मार्केटिंग कंपनी के जरिए वह तैयार सामान काे बेचता है। करीब डेढ़ साल पहले उसने भूरे खां की गौटिया स्थित आइसीआइसीआइ बैंक में आरएम इंटरप्राइजेज नाम की फर्म का करंट अकाउंट का खाता खुलवाया। उसी में ठगी की रकम खपाई जाने लगी। इसी बैंक में उसका बचत खाता भी है। तीन बार में उसने 27 लाख रुपये की रकम निकाली।

2012 से नाइजीरियन के संपर्क में हैं रुकसाद, मेंहदी, व अरबाज

साइबर सेल प्रभारी संजय कुमार धीर ने बताया कि पूछताछ में रुकसाद ने कहा कि वर्ष 2012 से ही मेंहदी, अरबाज व उसका एक अन्य साथी साहिद नाइजीरियन के संपर्क में है। मेंहदी ने सभी का संपर्क कराया। खाते में रकम आने के एवज में मेंहदी ने लाभ की बात बताई। चूंकि, मेंहदी, अरबाज व रुकसाद जरदोजी का ही काम करते हैं। पडोसी होने के साथ जयपुर में सभी एक ही साथ काम करता है। लिहाजा, लाभ के लालच में सभी ने खाते खुलवाए और नाइजीरयन ठगी की रकम इनके खाते में भेजने लगा। तफ्तीश में पुलिस को मेंहदी व अरबाज के जयपुर, नोएडा व दिल्ली में चार खाते मिले थे जिसे साइबर टीम ने फ्रीज करा दिया था।

भाजपा नेता बना था रुकसाद का सरपरस्त

पूछताछ में रुकसाद ने बताया कि जिस दिन उसके खाते में रकम आई उसी दिन कई बार में उसके खाते से 27 लाख रुपये निकाल लिये गए। यह रकम उसे नाइजीरियन को देनी थी लेकिन, इससे पहले ही राबर्ट पकड़ लिया गया। इसी के बाद उसने स्थानीय भाजपा पार्षद पति सुजीत के वहां 27 लाख रुपये रख दिये। तब से यह रकम भाजपा नेता के पास थी। पूछताछ में उसने कहा कि भाजपा नेता से उसने 40 लाख रुपये का कर्ज ले रखा था इसके एवज में 27 लाख रुपये भाजपा नेता को दिये गए। ऐसे में रुकसाद का यह बयान भाजपा नेता पर तमाम सवाल खड़े कर रहा है।

साइबर सेल की सबसे बड़ी बरामदगी

जनपद में यह पहली बार होगा जब साइबर सेल की टीम ने इतनी बड़ी बरामदगी कर दिखाई। 27 लाख रुपये बरामदगी के लिए एसएसपी रोहित सिंह सजवाण ने कार्य में लगी साइबर सेल, एसओजी व थाना पुलिस की पीठ थपथपाई।

20 फीसद रकम या तोहफे में मिलती थी जमीन

रकम के बदले नाइजीरियन मूल रकम का 20 फीसद हिस्सा खाताधारक को देता था। यही नहीं नाइजीरियन रकम का बड़ा हिस्सा जमीन खरीदने में लगाता था। खरीदी गई जमीन में बतौर कमीशन खाताधारक के नाम जमीन भी कराई जाती थी। अब पुलिस मेंहदी हसन, अरबाज, रुकसाद, साहिद की जमीनों की तलाश में भी जुट गई है।

शिकंजे में आ सकते हैं बैंककर्मी, भूमिका संदिग्ध

कानपुर से लेकर बरेली तक पूरे मामले में बैंककर्मियों की भूमिका संदेह के घेरे में है। गणेशा ईकोटेक के खाते से जिस दिन रकम निकली, उस रकम के बारे में बैंककर्मियों के अलावा किसी और काे जानकारी कैसे हो सकती है। ऐसे में सवाल है कि आखिर साइबर ठग को इतनी सटीक जानकारी कैसे मिली। दूसरा यह है कि एक-एक बार में इतनी मोटी रकम की निकासी के बाद भी बैंक को कोई संदेह नहीं हुआ। इनकम टैक्स तक को ऐसे संदिग्ध खातों की कोई जानकारी नहीं दी गई। पुलिस इन हर पहलुओं के जवाब तलाश रही है। बैंककर्मी भी जांच के शिकंजे में आ सकते हैं।

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