News Education Policy News : अब कान्वेंट स्कूलाें की तर्ज पर पढ़ेंगे बेसिक स्कूल के बच्चे, तीन साल में हाेगा प्री-नर्सरी में दाखिला
News Education Policy News बेसिक स्कूलों में अभी तक छह साल की उम्र होने पर कक्षा एक में दाखिला मिलता था। जबकि निजी स्कूलों में तीन साल की उम्र में प्री-नर्सरी में दाखिला मिलता है। नई शिक्षा नीति में सरकारी स्कूल में अब प्री-नर्सरी की भी पढ़ाई होगी।
बरेली, शुभम शर्मा। New Education Policy News : बेसिक स्कूलों में अभी तक छह साल की उम्र होने पर कक्षा एक में दाखिला मिलता था। जबकि निजी स्कूलों में तीन साल की उम्र में प्री-नर्सरी में दाखिला मिलता है। नई शिक्षा नीति में सरकारी स्कूल में बच्चों को बुनियादी शिक्षा देने के लिए अब प्री-नर्सरी की भी पढ़ाई होगी। कम उम्र में भी इनका दाखिला हो सकेगा और छह साल की उम्र तक आते-आते बच्चे ज्यादा बेहतर पढ़कर बुनियाद मजबूत कर सकेंगे।
नई शिक्षा नीति के तहत 5 3 3 4 की शिक्षा प्रणाली पर विभाग में विचार चल रहा है। बीएसए के अनुसार निर्देश मिलते ही इस सत्र से यह प्रणाली लागू हो जाएगी। इसमें परिषदीय विद्यालयों में बच्चे तीन वर्ष की उम्र में कान्वेंट स्कूल की तर्ज पर नर्सरी या प्री नर्सरी में दाखिला ले सकेंगे। ताकि छोटी उम्र से ही उनकी बुनियादी शिक्षा को मजबूत बनाया जाए। अब तक प्राथमिक विद्यालयों में कक्षा एक में ही छात्रों का दाखिला होता था।
जिस वजह से जो बच्चा निजी स्कूल में तीन से चार साल की उम्र में कक्षा नर्सरी से पढ़ता था, वह छह वर्ष की आयु तक आते-आते हिंदी व अंग्रेजी के शब्दों के साथ ही वाक्य बनाना सीख जाता था। जबकि परिषदीय स्कूल में पहली कक्षा का छात्र अक्षरों को पढ़ना शुरु करता था। परिषदीय स्कूलों के बच्चों की बुनियादी शिक्षा भी शुरू से ही बेहतर हो सके। इसको देखते हुए सरकार ने यह निर्णय लिया है।
इस तरह हुआ है 5 3 3 4 फार्मेट का विभाजन
नई शिक्षा प्रणाली में 5 3 3 4 के फार्मेट में बच्चों की उम्र को बांटा गया है। इसमें 3-8, 8-11, 11-14, 14-18 उम्र के बच्चों को शामिल किया गया है। इसमें प्राइमरी से कक्षा दूसरी तक एक हिस्सा, तीसरी कक्षा से पांचवी कक्षा तक दूसरा हिस्सा, कक्षा छठी से आठवीं तक तीसरा हिस्सा और नवीं से 12वीं तक आखिरी यानी चौथा हिस्सा होगा।
इस शिक्षा प्रणाली के तहत बेसिक स्कूल से अब तक दूर रहे 3-6 उम्र के बच्चाें को स्कूली पाठ्यक्रम के तहत लाने का प्रावधान है। छाेटी उम्र से ही बच्चों का मानसिक विकास जरूरी है। सरकार की ओर से निर्देश मिलते ही तीन साल की उम्र के बच्चे का भी प्राथमिक विद्यालय में दाखिला हो सकेगा। - विनय कुमार, बीएसए