Elephant Fear in Pilibhit : पीलीभीत के रामकोट में नेपाली हाथियों ने ग्रामीणों को दौड़ाया, पटाखे छोड़कर ग्रामीणों ने बचाई अपनी जान
Elephant Fear in Pilibhit नेपाली हाथियों का झुंड पीलीभीत में जंगल किनारे बसे गांवों के ग्रामीण के लिए रतजगा का कारण बन रहा है। हाथी दिन के समय जंगल के भीतर आराम करते हैं। शाम ढलने के बाद हाथियों का रुख खेतों की ओर हो जाता है।
बरेली, जेएनएन। Elephants Fear in Pilibhit : नेपाली हाथियों का झुंड पीलीभीत में जंगल किनारे बसे गांवों के ग्रामीण के लिए रतजगा का कारण बन रहा है। हाथी दिन के समय जंगल के भीतर आराम करते हैं। शाम ढलने के बाद हाथियों का रुख खेतों की ओर हो जाता है। कई बार ये हाथी आबादी की ओर रुख कर देते हैं। गत दिवस रामकोट पहुंचे हाथियों ने फसलों की रखवाली करने वाले ग्रामीणों को दौड़ा लिया था। इस पर ग्रामीणों ने शोर मचाने के साथ ही पटाखे छोड़े तो हाथी भाग खड़े हुए।
कुछ दिन पहले नेपाली हाथी शारदा नदी पार करके टाइगर रिजर्व के लग्गा भग्गा वन क्षेत्र में पहुंच गए थे। तब यह माना जा रहा था कि उसी रास्ते से हाथी वापस नेपाल के जंगल की ओर जा सकते हैं। लेकिन ऐसा नहीं हुआ। गत दिवस तीन हाथी और एक बच्चा नदी पार करके फिर बराही रेंज के फैजुल्ला गंज, रामकोट में आ गए। उधर, एक हाथी शनिवार की रात रमनगरा क्षेत्र में थारू पट्टी गांव में घुस गया। ग्रामीणों ने जब जंगली हाथी को देखा तो शोर शराबा करने लगे। काफी प्रयास के बाद हाथी को खदेड़ा जा सका।
पिछले डेढ़ महीने से अधिक समय से ये हाथी जंगल किनारे खेतों में फसलों को नुकसान पहुंचाते रहे हैं। सर्वे हो चुका है लेकिन वन विभाग की ओर से प्रभावित किसानों को अभी तक मुआवजा नहीं मिल सका है। ग्रामीणों ने मांग की है कि वन विभाग के कर्मचारियों को लगाकर इन हाथियों को पुन: नेपाल की ओर खदेड़ा जाए। उधर, बराही के वन क्षेत्राधिकारी वजीर हसन का कहना है कि नेपाली हाथियों की निगरानी के लिए टीमें लगी हुई हैं। जंगल से निकलकर खेतों की ओर जाने पर वन विभाग की टीम उन्हें ग्रामीणों के सहयोग से वापस जंगल में खदेड़ देती है। हाथियों को फिर से लग्गा भग्गा वन क्षेत्र की ओर खदेड़ने का प्रयास किया जा रहा है।
पैरी फार्म के पास मिले तेंदुए के पगचिह्न : अमरिया क्षेत्र में जंगल से निकलकर तेंदुआ ने काफी समय से हलचल मचा रखी है। रोजाना तेंदुआ का मूवमेंट पैरी फार्म, श्मशान घाट सूरजपुर गांव के पास देखा जाता रहा है। रविवार को भी पैरी फार्म के पास तेंदुए को देखा गया है। तेंदुआ कई दर्जन मुर्गियां व पालतू जानवरों का शिकार कर चुका है। शाम होते ही आबादी के निकट पहुंच जाता है। दूसरा तेंदुआ उत्तराखंड से निकलकर यूपी की सीमा में घुस जाता है। इससे पहले शनिवार को क्योलारा के पास चहलकदमी करते ग्रामीणों ने देखा था। जिससे खलबली मच गई थी। वन कर्मियों ने तेंदुआ के पगचिह्न देखने के उपरांत ग्रामीणों को सतर्क किया था। दूसरे दिन रविवार को वह तेंदुआ फिर उत्तराखंड में प्रवेश कर गया। जिससे लोगों ने राहत महसूस की।