नेपाल में भारतीय की हत्या से बढ़ी तल्खी, नोमेंस लैंड पर नेपाली करते रहे हैं विवाद

गुरुवार को नेपाल के गांव में पीलीभीत के पूरनपुर तहसील क्षेत्र के युवक गोविंंदा की हत्या के बाद सीमावर्ती गांवों में तल्खी बढ़ती दिखाई दे रही है। रात में ही भारतीय क्षेत्र के सीमावर्ती गांव में रहने वालों ने कहा कि नेपाल पुलिस ने गलत कार्रवाई की।

By Ravi MishraEdited By: Publish:Fri, 05 Mar 2021 09:10 AM (IST) Updated:Fri, 05 Mar 2021 09:10 AM (IST)
नेपाल में भारतीय की हत्या से बढ़ी तल्खी, नोमेंस लैंड पर नेपाली करते रहे हैं विवाद
नेपाल में भारतीय की हत्या से बढ़ी तल्खी, नोमेंस लैंड पर नेपाली करते रहे हैं विवाद

बरेली, जेएनएन। गुरुवार को नेपाल के गांव में पीलीभीत के पूरनपुर तहसील क्षेत्र के युवक गोविंंदा की हत्या के बाद सीमावर्ती गांवों में तल्खी बढ़ती दिखाई दे रही है। रात में ही भारतीय क्षेत्र के सीमावर्ती गांव में रहने वालों ने कहा कि नेपाल पुलिस ने गलत कार्रवाई की। इससे पहले भी नेपाल की ओर से नो मैंस लैंड को लेकर विवाद खड़े किए जा चुके हैं।

पिछले साल जुलाई में पूरनपुर क्षेत्र के हजारा के गांव टाटरगंज से लेकर टिल्ला नंबर चार के बीच नो मैंस लैंड पर विवाद हुआ था। तब नेपाल के सीमावर्ती गांवों में रहने वाले लोगों ने सड़क निर्माण शुरू कर दिया था। टाटरगंज के ग्रामीणों ने विरोध किया तो हाथापाई हो गई थी। बाद में सशस्त्र सीमा बल पहुंचा, तब काम रुकवाया जा सका था। इससे पहले इसी क्षेत्र में अंतरराष्ट्रीय स्तम्भ भी नेपाल के लोगों ने क्षतिग्रस्त कर दिया था। सीमांकन के बाद लगाए गए इस स्तम्भ को लेकर नेपाल के ग्रामीणों को आपत्ति थी।

मामले को शांत करने के लिए इस साल जनवरी में सशस्त्र सीमा बल के अधिकारियों व नेपाल की बार्डर पुलिस के बीच वार्ता हुई थी। संयुक्त बैठक में तय हुआ था कि नो मैंस लैंड में किसी तरह का अतिक्रमण न किया जाए। दोनों तरफ 15-15 फीट जगह खाली कराई जाए।

पिछले साल मार्च से बंद है बार्डर: कोरोना संक्रमण रोकथाम के लिए पिछले साल मार्च में दोनों देशों की ओर से बार्डर को बंद कर दिया गया था। हालांकि 52 किमी की खुली सीमा होने के कारण सीमावर्ती गांवों के लोगों की आवाजाही चोरी छिपे होती रहती है। नेपाल के लोग भारतीय गांवों में मजदूरी करने आते हैं। किराना की दुकानों पर रोजमर्रा की जरूरत का सामान खरीदकर ले जाते हैं।

भारतीय गांवों के लोग नेपाल के गांवों में जाकर जरूरत के अनुसार कपड़े-चादर आदि लेकर आते हैं। पिछले छह महीने में कपड़े व मादक पदार्थ की तस्करी के आठ मामले सशस्त्र सीमा बल ने पकड़े हैं। इनमें कुछ तस्कर नेपाल से सामान लेकर आ रहे थे तो कुछ नेपाल की ओर जा रहे थे। 

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