पीलीभीत में नेपाली हाथियों के साथ बाघों का आंतक, दहशत में ग्रामीण Pilibhit News

बार्डर क्षेत्र के गांव गोरखडिब्बी में नेपाली हाथियों का कहर चौथे दिन भी जारी रहा। दो ग्रामीणों की झोपड़ी गिराकर उनको तहस नहस कर दिया।

By Ravi MishraEdited By: Publish:Fri, 21 Feb 2020 01:44 PM (IST) Updated:Fri, 21 Feb 2020 05:59 PM (IST)
पीलीभीत में नेपाली हाथियों के साथ बाघों का आंतक, दहशत में ग्रामीण Pilibhit News
पीलीभीत में नेपाली हाथियों के साथ बाघों का आंतक, दहशत में ग्रामीण Pilibhit News

पीलीभीत, जेएनएन : बार्डर क्षेत्र के गांव गोरखडिब्बी में नेपाली हाथियों का कहर चौथे दिन भी जारी रहा। दो ग्रामीणों की झोपड़ी गिराकर उनको तहस नहस कर दिया। ग्रामीणों ने बमुश्किल आग जलाकर हाथियों को खदेड़ा। हाथियों की लगातार आमद से अब ग्रामीण काफी भयभीत हो गए हैं और रात जागकर काटने को मजबूर हैं। हाथियों की मॉनीटरिंग रस्मअदायगी के रूप में की जा रही है, जिससे उन पर अंकुश नहीं लग रहा है।

शारदा पार बसे गांव गुन्हान, गोरखडिब्बी, ढकिया तालुके महाराजपुर में नेपाली वन्यजीवों से ग्रामीणों का जीना दुश्वार हो गया है। ग्रामीण इन वन्यजीवों से अब पूरी तरह से अपने आप को असुरक्षित महसूस कर रहे हैं। पिछले कुछ माह पहले हाथियों ने वहां के ग्रामीणों का जीना दुश्वार कर दिया था। कई माह तक लगातार आकर उनकी फसलों को बर्बाद करते रहे।

कुछ माह तक तो ग्रामीणों को उन हाथियों से निजात मिली लेकिन अब दोबारा से हाथी ग्रामीणों के लिए मुसीबत बन गए हैं। लगातार चार दिन से हाथी उत्पात मचा रहे हैं। लगातार गोरखडिब्बी में आकर ग्रामीणों के घरों को नुकसान पहुंच रहा है। बुधवार को गोरखडिब्बी निवासी चित्रो राय और पवित्र के घर में नेपाली हाथी घुस गए। झोपड़ीपोश घरों को तोड़ डाला। हाथियों के आने से ग्रामीणों में दहशत फैल गई।

सामूहिक रूप से एकत्र होकर उन्होंने आग जलाई और उन्हें कड़ी मशक्कत के बाद भगाया लेकिन थोड़ी देर बाद हाथी फिर से पहुंच गए। रात भर ग्रामीण हाथियों को भगाते रहे। ग्रामीणों ने बताया कि वन विभाग के लोग सिर्फ रस्म अदायगी से हाथियों की मॉनीटरिंग कर रहे हैं। ठीक से मॉनीटरिंग न होने से वह बार-बार आ रहे हैं। उन्होंने शीघ्र ही मॉनीटरिंग कराने की मांग की है।

बाघों से भी दहशत में है ग्रामीण 

टाइगर रिजर्व के माला रेंज में गांव महुआ निवासी कारज सिंह के फार्म हाउस खेत में मजदूर गन्ना छील रहे थे, तभी अचानक गन्ने के पास से बाघ निकलता हुआ दूसरे गन्ने के खेत में छुप गया। मजदूर बाघ को देखकर भाग खड़े हुए और खेत मालिक को बताया। खेत मालिक ने वन विभाग को सूचना दी। वन विभाग की टीम ने मौके पर पहुंचकर मौका मुआयना किया और बाघ के पगमार्क ट्रेस किए। मजदूरों को सतर्क रहने के लिए कहा।

क्षेत्र में बाघ की लगातार चहलकदमी होने से ग्रामीण परेशान हैं। दो सप्ताह पूर्व बाघ ने दो किसानों को हमला कर मार डाला था। बाघों की चहलकदमी खेतों से लेकर सड़कों तक आ गई है। खास बात यह है कि लगातार बाघ दिखने व घटनाएं होने के बावजूद वन विभाग के अधिकारी व कर्मचारी कोई मुकम्मल इंतजामात नहीं कर रहे हैं। माला रेंज बीट प्रभारी बसंत लाल ने बताया कि बाघ गन्ने के खेत में हो सकता है। ऐसे में ग्रामीणों को सतर्क रहने के लिए जागरूक किया गया है।

जिस जमीन पर ग्रामीणों ने झोपड़ी डाल रखी है, वह वन विभाग की है। नेपाल से शुक्ला फांटा जंगल से आने वाले हाथियों के लिए यह प्राकृतिक कॉरीडोर है। इन लोगों से कई बार जमीन खाली करने के लिए कहा जा चुका है। हालांकि हाथियों की भी लगातार मॉनीटरिंग कराई जा रही है। -दिनेश गोयल, रेंजर पीलीभीत टाइगर रिजर्व बराही रेंज

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