Nepalese clashing with Indian Border Security Forces: पीलीभीत में नेपालियाे ने दी जवानाें काे धमकी, बोले- सड़क निर्माण का विरोध किया तो कर देंगे पथराव
Nepalese clashing with Indian Border Security Forces पीलीभीत बार्डर पर तैनात सशस्त्र सीमा बलों के जवानों से नेपाली भिड़ रहे है।शुक्रवार को नेपाली ग्रामीणों के समूह ने जवानों को धमकी दी है कि अगर उन्होंने सड़क निर्माण का विरोध बंद नहीं किया तो वह अंजाम भुगतने के लिए तैयार रहे।
बरेली, जेएनएन। Nepalese clashing with Indian Border Security Forces: पीलीभीत बार्डर पर तैनात सशस्त्र सीमा बलों के जवानों से नेपाली भिड़ रहे है।शुक्रवार को नेपाली ग्रामीणों के समूह ने जवानों को धमकी दी है कि अगर उन्होंने सड़क निर्माण का विरोध बंद नहीं किया तो वह अंजाम भुगतने के लिए तैयार रहे। क्योंकि वह भारतीय सैनिकाें पर पथराव कर देंगे।विवाद देखकर जवानों ने नेपाली सीमा पुलिस को बुलाया, तब ग्रामीणों को शांत किया गया।
तनातनी देखते हुए टिल्ला नंबर चार के पास सशस्त्र सीमा बल के जवानों की संख्या बढ़ाई जा रही है।गौरतलब है कि भारत नेपाल सीमा पर चौकी टिल्ला नंबर चार के पास नेपाल अपने क्षेत्र में सड़क बनाते हुए नो मैंस लैंड की ओर बढऩे लगा था। भारत की ओर से एतराज के बाद नो मैंस लैंड में हो रहा निर्माण रुकवा दिया गया था। काम रुकने से नाराज नेपाल सीमा के भीतर सीमावर्ती गांवों के लोग अक्सर भारतीय सशस्त्र सीमा बल के जवानों से तल्खी में बात करते हैं।
भारत नेपाल सीमा के नोमेंस लैंड पर नेपाली लोगों द्वारा वीडियो बनाने से रोकने पर एसएसबी जवानों के साथ अभद्रता का प्रयास कर धमकी देने से बार्डर का माहौल खराब करने की कोशिश की गई। इस बीच मामले को लेकर दोनों देशों के अधिकारियों की बैठक कर कई तरह की आपसी सहमति बनी है।नोमेंस लैंड के पास नेपाल पिछले साल से हुलाकी राजमार्ग बना रहा है।जिस जगह यह सड़क बनाई जा रही है।
उसका कुछ हिस्सा भारतीय क्षेत्र में आता है। भारतीय अधिकारियों ने आपत्ति जताते हुए सड़क का निर्माण रुकवा दिया था। जिसके बाद से नेपाल लगातार सड़क बनाने के प्रयास में है। लेकिन सीमा पर तैनात एसएसबी जवानों की सक्रियता के कारण वह सफल नहीं हो पा रहा है।
इस बीच विगत दिवस अंतरराष्ट्रीय स्तंभ संख्या 38 के पास तीन नेपाली युवक कैमरा लेकर पहुंचे। तीनों नेपालियों ने नो मेंस लैंड के प्रतिबंधित एरिया की वीडियोग्राफी करनी शुरू कर दी। यह देख वहां मौजूद एसएसबी जवानों ने उन्हें रोका तो वह विरोध जताते हुए धमकाने लगे। उन्होंने धरना प्रदर्शन की चेतावनी देते जवानों के साथ अभद्रता का प्रयास किया।
इस मामले को लेकर बार्डर पर काफी देर तक हंगामे की स्थिति रही। बाद में नेपाल एपीएफ के जवानों के पहुंचने पर तीनों नेपालियों को किसी तरह नेपाल ले जाया गया। एसएसबी ने उक्त घटना की बाबत अपने उच्चाधिकारियों को सूचित कर दिया।
इधर, शनिवार को अंतरराष्ट्रीय पिलर 38 के नजदीक एसएसबी 49 वीं वाहिनी के कमांडेंट गोविंद सिंह और नेपाल एपीएफ के वीरेन्द्र अय्यर की बैठक हुई। इसमें यथास्थिति बनाए रखने को लेकर वार्ता हुई। इसके अलावा नोमेंस लैंड पर आकर वीडियोग्राफी कर लोगों को भड़काने वाले व्यक्तियों पर कड़ी कार्रवाई करने, जल्द से जल्द दोबारा से सर्वे किए जाने तथा सर्वे के बाद नए बार्डर पिलर बनाए जाने पर मंत्रणा हुई।
कमांडेंट ने बताया कि नेपाली युवक धमकी दे रहे थे कि एसएसबी काम रुकवा रही है। इसको लेकर धरना प्रदर्शन किया जाएगा। जल्द काम शुरू किया जाएगा। नेपाल के कुछ स्थानीय नेता और मीडिया कर्मी सड़क निर्माण को लेकर लोगों को भड़काने का कार्य कर रहे हैं। अगर वह भारतीय क्षेत्र में आते हैं तो उनके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।
विदेश मंत्रालय को भेजी जाएगी पूरी रिपोर्ट
पूरनपुर सीमा पर पिछले कुछ दिनों से लगातार कुछ नेपाली अराजकतत्व वहां के स्थानीय लोगों को भड़काने का कार्य कर रहे हैं। कई बार वह ऐसा कर चुके हैं। 49 वीं वाहिनीं एसएसबी के सहायक कामंडेंट सुनील अहलावत ने बताया कि पूरे मामले की रिपोर्ट हेड क्वार्टर के जरिये विदेश मंत्रालय को भेजी जाएगी।
माहौल बिगाड़ने का कर रहे हैं प्रयास
सीमा पर तैनात 49 वीं वाहिनी एसएसबी की सख्ती के कारण तस्करों के हौंसले पस्त हो गए हैं। पिछले कुछ दिनों से वहां के कुछ अराजकतत्व सीमा पर माहौल बिगाड़ने का प्रयास कर रहे हैं। इससे कई तरह के प्रश्नचिंह लग रहे हैं। लगातार नोमेंस लैंड में आकर माहौल बिगाड़ने का प्रयास कर रहे हैं। एसएसबी ने इन अराजकतत्वों को चिंहित कर लिया है।