बरेली के जिला अस्पताल में न तो हृदय रोग विशेषज्ञ, न हीआइसीयू और वेंटीलेटर
दशकों पुराने जिला अस्पताल को आज भी आइसीयू का इंतजार है। वजह यहां हृदय रोग विशेषज्ञ (कार्डियोलाजिस्ट) ही नहीं हैं। और जब अस्पताल में इंटेंसिव केयर यूनिट (आइसीयू) ही नहीं तो वेंटीलेटर भला कैसे मिल सकता है। काफी साल पहले जाने-माने शायर और एमएलसी वसीम बरेलवी ने जिला अस्पताल को विधायक निधि से दो वेंटीलेटर दिए थे लेकिन यहां उपयोग नहीं होने पर वापस ले लिए।
जागरण संवाददाता, बरेली: दशकों पुराने जिला अस्पताल को आज भी आइसीयू का इंतजार है। वजह, यहां हृदय रोग विशेषज्ञ (कार्डियोलाजिस्ट) ही नहीं हैं। और जब अस्पताल में इंटेंसिव केयर यूनिट (आइसीयू) ही नहीं, तो वेंटीलेटर भला कैसे मिल सकता है। काफी साल पहले जाने-माने शायर और एमएलसी वसीम बरेलवी ने जिला अस्पताल को विधायक निधि से दो वेंटीलेटर दिए थे, लेकिन यहां उपयोग नहीं होने पर वापस ले लिए। ऐसे में दशकों से जिला अस्पताल से गंभीर मरीज सीधे हायर सेंटर रेफर किए जाते हैं।
300 बेड अस्पताल में खाली पड़े हैं करीब 30 वेंटीलेटर
300 बेड कोविड अस्पताल में फिलहाल 33 वेंटीलेटर हैं। पिछले कुछ दिनों से यहां दो-तीन मरीज भर्ती हुए। हालांकि मरीज न होने की वजह से इनका उपयोग नहीं हो रहा है।
कोरोना संक्रमण के डर से बढ़ाई थी संख्या
300 बेड कोविड अस्पताल में दूसरी लहर के दौरान 18 वेंटीलेटर थे। हालांकि तब विशेषज्ञ डाक्टर व स्टाफ न होने से यहां इनका उपयोग नहीं हो सका। गंभीर मरीजों को उपचार के लिए लेवल-3 के श्रीराम मूर्ति स्मारक (एसआरएमएस) मेडिकल कालेज या रोहिलखंड मेडिकल कालेज रेफर किया जाता था। पुन: संक्रमण बढ़ने की आशंका के मद्देनजर स्वास्थ्यकर्मियों को प्रशिक्षित किया गया। साथ ही मुख्यालय से दो बार में 15 वेंटीलेटर और भेजे गए। इस तरह फिलहाल 33 वेंटीलेटर हैं।
वर्जन..
जिला अस्पताल में विशेषज्ञ डाक्टर व कार्डियोलाजिस्ट न होने की वजह से यहां आइसीयू नहीं है। ऐसे में वेंटीलेटर की भी जरूरत नहीं रहती। विशेषज्ञ चिकित्सकों और आइसीयू की डिमांड कई बार भेजी जा चुकी है।
- डा.सुबोध शर्मा, मंडलीय अपर निदेशक एवं प्रमुख अधीक्षक, जिला अस्पताल