नायब सज्जादा ने कहा- मां-बाप को मिली अनमोल दौलत हैं बेटियां
श्यामगंज में चल रहे 76वें आले रसूल वामिको निशात के आखिरी दिन दोपहर एक बजे कुल शरीफ की रस्म सादगी के साथ अदा की गई। इसमें नायब सज्जादा सय्यद असलम मियां ने बताया कि औरत को तीन शक्लों में देखा गया है।
बरेली, जेएनएन: श्यामगंज में चल रहे 76वें आले रसूल वामिको निशात के आखिरी दिन दोपहर एक बजे कुल शरीफ की रस्म सादगी के साथ अदा की गई। इसमें नायब सज्जादा सय्यद असलम मियां ने बताया कि औरत को तीन शक्लों में देखा गया है। पहला बेटी, जिसे अल्लाह की रहमत करार दिया गया है। दूसरा बीवी जो पति के साथ एक गाड़ी के दूसरे पहिए के समान है। तीसरा, मां की सूरत दिखाई है, मां के कदमों में जन्नत बताई है। डॉ. महमूद हुसैन ने खुसूसी खिताब किया। इसके बाद मुफ्ती फईम सकलैनी ने कुरानो हदीस पर रोशनी डाली। दोपहर एक बजे कुल शरीफ की रस्म अदा की गई। सभी ने शहर व मुल्क की तरक्की और कोरोना का दुनिया से खात्मे की दुआ की। इसके बाद कव्वाली और लंगर का आयोजन किया गया।
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पीरो मुरशिद का जश्ने यौमे विलादत जोश खरोश से मनाया
बरेली, जेएनएन : सिलसिला ए कादरिया, मुजद्दिदया, शराफतिया के पीरो मुरशिद हजरत शाह सकलैन मियां का जश्ने यौमे विलादत शनिवार को पूरे मुल्क में मुरीदों ने बड़े जोश-खरोश के साथ मनाया। हजरत शाह सकलैन मियां की पैदाइश 19 रबीउस्सानी 1366 हिजरी गुरुवार को हुई। सन 1965 ईसवी शुक्रवार को दादा हजरत शाह मौलाना शराफत अली मियां ने अपना खलीफा ओ जानशीन बनाया। लोगों ने घरों व मुहल्लों में फातिहा कराई और खूब लंगर किया। जरूरतमंदों को कपड़े व कंबल भी बांटे। मोहल्ला शाहबाद में जश्ने यौमे विलादत मनाया गया, जिसकी सदारत हजरत गाजी मियां की हुई। खानकाह शरीफ की गलियों को मुरीदों ने झालरों व चरागां करके सजाया, दीये रोशन किए गए।