पीलीभीत में भाकियू चढूनी के राष्ट्रीय अध्यक्ष बोले- किसानों की लड़ाई जीतने तक जारी रहेगा संघर्ष, तैयार कर रहे भारत बंद की रणनीति

पीलीभीत में भारतीय किसान यूनियन चढूनी के राष्ट्रीय अध्यक्ष गुरनाम सिंह चढूनी ने कहा कि कृषि कानूनों के विरोध में चल रही लड़ाई जीतने तक आंदोलन जारी रहेगा। इसमें सभी वर्गों को आगे आना होगा। भारत बंद को लेकर रणनीति तैयार की जाएगी।

By Ravi MishraEdited By: Publish:Sat, 18 Sep 2021 05:27 PM (IST) Updated:Sat, 18 Sep 2021 05:27 PM (IST)
पीलीभीत में भाकियू चढूनी के राष्ट्रीय अध्यक्ष बोले- किसानों की लड़ाई जीतने तक जारी रहेगा संघर्ष, तैयार कर रहे भारत बंद की रणनीति
पीलीभीत में भाकियू चढूनी के राष्ट्रीय अध्यक्ष बोले- किसानों की लड़ाई जीतने तक जारी रहेगा संघर्ष

बरेली, जेएनएन। पीलीभीत में भारतीय किसान यूनियन चढूनी के राष्ट्रीय अध्यक्ष गुरनाम सिंह चढूनी ने कहा कि कृषि कानूनों के विरोध में चल रही लड़ाई जीतने तक आंदोलन जारी रहेगा। इसमें सभी वर्गों को आगे आना होगा। भारत बंद को लेकर रणनीति तैयार की जाएगी।

शाहजहांपुर जनपद के बंडा क्षेत्र के गांव सुनासर में आयोजित भाकियू की पंचायत में शामिल होने के लिए भाकियू चढूनी के राष्ट्रीय अध्यक्ष पूरनपुर होकर रवाना हुए। पूरनपुर पहुंचने पर घुंघचाई चौराहे पर स्वागत किया गया। वह पूरनपुर बंडा रोड पर स्थित शहबाजपुर गुरुद्वारा पहुंचे। यहां उनका फूल मालाएं पहनाकर स्वागत किया गया। गुरुद्वारे में उन्होंने मत्था टेका। उन्होंने कहा कि सरकार कारपोरेट जगत को फायदा पहुंचाना चाहती है।

इसके लिए लड़ाई जारी रहेगी। यह लड़ाई लड़ना मजबूरी है। इससे देश की आधी आबादी बेरोजगार हो जाएगी। यहां पहले से ही बेरोजगारी चरम सीमा पर है। खेती करने वाले लोग अगर बेरोजगार हो जाएंगे तो जिंदा रहने का साधन नहीं बचेगा। इसलिए यह लड़ाई तब तक लड़ी जाएगी जब तक वह जीत नहीं जाते। चाहे इसके लिए कितना भी समय लग जाए। उन्होंने कहा कि जल्द ही भारत बंद का आवाहन है।

इसके लिए किसान सहित सभी वर्गों के लोगों को आगे आना चाहिए। यह किसानों की नहीं सभी की समस्या है। सभी का बिजनेस कारपोरेट को जा रहा है। सबा साल से इसकी लड़ाई लड़ी जा रही है। दस महीने से किसान सड़कों पर बैठे है। सैकड़ों किसान शहीद हो चुके हैं। निर्दयी सरकार है। कोई लोकतंत्र नहीं बचा है। उन्होंने बताया कि भारत बंद को लेकर संयुक्त मार्चे की मीटिंग होगी। इसके बाद रणनीति तैयार होगी। इस दौरान जसविंदर सिंह, गुरसेवक सिंह, मंजीत सिंह, सुखजीत सिंह औलख, परमजीत सिंह सहित कई प्रमुख लोग मौजूद रहे।

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