नैनो यूरिया से बढ़ेगी पैदावार, पर्यावरण भी रहेगा सुरक्षित

इफको के वैज्ञानिकों ने अनुसंधान के बाद गुजरात के कलोल स्थित नैनो जैव प्रौद्योगिकी अनुसंधान केन्द्र में नैनो यूरिया तैयार की है। इसके 500 एमएल की एक बोतल में 40 हजार पीपीएम नाइट्रोजन होता है जो सामान्य यूरिया की एक बोरी के बराबर नाइट्रोजन प्रदान करेगा। आधा लीटर नैनो यूरिया की कीमत 240 रुपये होगी जो सामान्य यूरिया के बैग के मूल्य से 10 फीसद कम है।

By JagranEdited By: Publish:Sat, 04 Dec 2021 08:01 PM (IST) Updated:Sat, 04 Dec 2021 08:01 PM (IST)
नैनो यूरिया से बढ़ेगी पैदावार, पर्यावरण भी रहेगा सुरक्षित
नैनो यूरिया से बढ़ेगी पैदावार, पर्यावरण भी रहेगा सुरक्षित

जागरण संवाददाता, बरेली: इफको के वैज्ञानिकों ने अनुसंधान के बाद गुजरात के कलोल स्थित नैनो जैव प्रौद्योगिकी अनुसंधान केन्द्र में नैनो यूरिया तैयार की है। इसके 500 एमएल की एक बोतल में 40 हजार पीपीएम नाइट्रोजन होता है, जो सामान्य यूरिया की एक बोरी के बराबर नाइट्रोजन प्रदान करेगा। आधा लीटर नैनो यूरिया की कीमत 240 रुपये होगी, जो सामान्य यूरिया के बैग के मूल्य से 10 फीसद कम है।

ट्रायल में उपज में मिली औसतन आठ फीसद वृद्धि

नैनो यूरिया की अवशोषण क्षमता सामान्य यूरिया से अधिक है। भारतीय कृषि अनुसंधान संस्थान और राज्य कृषि विश्वविद्यालयों के 20 से अधिक रिसर्च सेंटरों में 94 फसलों पर ट्रायल के दौरान उपज में औसतन आठ फीसद वृद्धि मिली। विशेषज्ञ बताते हैं कि पत्तियों पर छिड़काव के बाद नैनो यूरिया के कण स्टोमेटा एवं अन्य संरचनाओं के माध्यम से आसानी से भीतर प्रवेश कर कोशिकाओं द्वारा अवशोषित कर लिए जाते हैं। ये कण बड़ी आसानी से पौधे की आवश्यकतानुसार अन्य भागों में चले जाते हैं। पौधे के उपयोग के बाद बची नाइट्रोजन रिक्तिकाओं में जमा हो जाती है और आवश्यकतानुसार पौधों के काम आती है। नैनो यूरिया नाइट्रोजन का स्त्रोत है जो कि पौधों में कार्बोहाइड्रेट, प्रोटीन के निर्माण एवं पौधे की संरचना व वानस्पतिक वृद्धि के लिए उपयोगी है। सामान्य तौर पर एक स्वस्थ पौधे में नाइट्रोजन की मात्रा 1.5 से 4 फीसद तक होती है।

पर्यावरण व उपज, दोनों के लिए बेहतर

यह सभी फसलों के लिए उपयोगी है। सुरक्षित एवं पर्यावरण के अनुकूल टिकाऊ खेती के लिए उपयोगी है। मिट्टी, हवा और पानी की गुणवत्ता में सुधार के साथ इसकी उर्वरक उपयोग दक्षता भी अधिक है। पत्तियों पर छिड़काव करने से उत्पादन वृद्धि के साथ-साथ पर्यावरण भी सुरक्षित रहता है। क्योंकि इसका इस्तेमाल पत्तियों पर छिड़काव के रूप में होता है और यह सामान्य दानेदार यूरिया की तरह जमीन में जाकर मिट्टी को भी दूषित नहीं करता है। वहीं सुगम परिवहन के साथ यातायात खर्चों में भी कमी आती है।

इस तरह किया जाएगा नैनो यूरिया का उपयोग

दो से चार मिलीलीटर नैनो यूरिया करीब एक लीटर पानी में मिलाकर इसके घोल का खड़ी फसल पर छिड़काव करें। नाइट्रोजन की कम जरूरत वाली फसलों पर दो मिलीलीटर एवं अधिक आवश्यकता वाली फसलों पर चार मिलीलीटर तक नैनो यूरिया प्रति लीटर पानी की दर से उपयोग किया जा सकता है। अनाज, तेल, सब्जी, कपास इत्यादि फसलों में दो बार तथा दलहनी फसलों में एक बार नैनो यूरिया का उपयोग होगा। पहला छिड़काव अंकुरण या रोपाई के 30 से 35 दिन बाद तथा दूसरा छिड़काव फूल आने के एक सप्ताह पहले किया जा सकता है। एक एकड़ खेत में करीब 150 लीटर पानी से छिड़काव हो जाएगा।

नैनो यूरिया के लाभ और सावधानियां

नैनो यूरिया का पत्तियों पर छिड़काव करने से नाइट्रोजन की सफलतापूर्वक आपूर्ति हो जाती है, जिससे उत्पादन वृद्धि के साथ-साथ पर्यावरण भी सुरक्षित रहता है।

नैनो यूरिया की कीमत और बिक्री केंद्र

नजदीकी इफको बिक्री केंद्र पर संपर्क करें अथवा वेबसाइट www.द्बद्घद्घष्श्रढ्डड्ड5ड्डह्म.द्बठ्ठ पर आनलाइन आर्डर करके सीधे अपने घर पर मंगवा सकते हैं। अधिक जानकारी के लिए टोल फ्री नंबर 1800-103-1967 या ई-मेल आइडी ठ्ठढ्डह्मष्@द्बद्घद्घष्श्र.द्बठ्ठ पर भी संपर्क किया जा सकता है।

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