उर्दू के मशहूर शायर बसीम बरेलवी की बेटी कनाडा में रोशन कर रही नाम

बहुत कम लोग जानते हैं कि उर्दू के मशहूर शायर वसीम बरेलवी की बेटी और दामाद कनाडा में बरेली का नाम रोशन कर रहे हैं। 20 साल पहले उनके दामाद आमिर अली खान कनाडा के सेंट जॉन कैपिटल सिटी की मेमोरियल यूनीवर्सिटी में पर्यावरण पर शोध कर रहे थे।

By Ravi MishraEdited By: Publish:Sat, 09 Jan 2021 01:36 PM (IST) Updated:Sat, 09 Jan 2021 01:36 PM (IST)
उर्दू के मशहूर शायर बसीम बरेलवी की बेटी कनाडा में रोशन कर रही नाम
उर्दू के मशहूर शायर बसीम बरेलवी की बेटी कनाडा में रोशन कर रही नाम

बरेली, जेएनएन। बहुत कम लोग जानते हैं कि उर्दू के मशहूर शायर वसीम बरेलवी की बेटी और दामाद कनाडा में बरेली का नाम रोशन कर रहे हैं। 20 साल पहले उनके दामाद आमिर अली खान कनाडा के सेंट जॉन कैपिटल सिटी की मेमोरियल यूनीवर्सिटी में पर्यावरण पर शोध कर रहे थे। निकाह होने के बाद बाशरा खान भी कनाडा शिफ्ट हो गईं। उनकी कामयाबी का सफर निकाह के दो साल बाद मिनिस्ट्री ऑफ एजुकेशन (प्लानिंग एंड कारपोरेट सर्विस) में तैनाती के साथ शुरू हुआ। शौहर मिनिस्ट्री ऑफ इंवायरमेंट (इंडस्ट्री, एनर्जी एंड टेक्नोलॉजी) में सेवाएं दे रहे थे। आमिर पर्यावरण के अंतर्राष्ट्रीय प्रोजेक्ट पर काम करते हैं।

बाशरा का बचपन बरेली के मोहल्ले साहूकारा में बीता। पढ़ाई सेंट मारिया कॉन्वेंट स्कूल से हुई। बरेली कॉलेज से उन्होंने बायो से बैचलर इन साइंस की डिग्री हासिल की। करियर उन्हें मेडिकल में बनाना था, लेकिन एक साल की तैयारी में रुझान बदला। उन्होंने दिल्ली दरियागंज के टाइम्स साइंस स्कूल ऑफ मार्केटिंग में प्रवेश लिया। बाशरा का दावा है कि वह दिल्ली के टाइम्स इंस्टीट्यूट में पहुंचीं बरेली की पहली छात्र थीं। पढ़ाई के पहले ही साल में ही एक प्रतिष्ठित अंग्रेजी समाचार पत्र में नौकरी की शुरुआत की। कुछ महीनों में ही उन्होंने भारत की टॉप की विज्ञापन कंपनी के लिए काम शुरू किया। छह महीने के अंदर ही उनका निकाह बरेली नकटिया में रहने वाले आमिर अली खान से तय हुआ।

बाशरा के मुताबिक वर्ष 1999 में उनका निकाह आमिर अली खान से हुआ। आमिर का खानदान भी बरेली में नामचीन रहा। मसूरी के बोर्डिंग स्कूल से उनकी पढ़ाई हुई। अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय से बैचलर डिग्री लेने के बाद सऊदी से मास्टर डिग्री इंवायरमेंट एंड साइंस में हासिल की। इसके बाद वह कनाडा के सेंट जॉन कैपिटल सिटी की मेमोरियल यूनीवर्सिटी से पीएचडी करने गए। वर्ष 2001 में आमिर की मिनिस्ट्री ऑफ इंवायरमेंट (इंडस्ट्री, एनर्जी एंड टेक्नोलॉजी) में लीड मैनजर नियुक्त हुए। उन्होंने टर्की, आस्ट्रेलिया, स्विट्जरलैंड समेत कई देशों में पर्यावरण के अंतरराष्ट्रीय प्रोजेक्ट पर काम किए।

वर्ष 2002 में बाशरा खान ने मिनिस्ट्री ऑफ एजुकेशन (प्लानिंग एंड कारपोरेट सर्विस) में बतौर मैनेजर नौकरी की शुरुआत की। कनाडा सरकार के प्रस्ताव, बजट पर उनका काम होता है। बरेली से बेहद लगाव रखने वाली बाशरा खान कहती हैं कि हर साल तीन बार वह बरेली आती है। कोविड के समय अपने वालिद के जरिए वह बरेली के लोगों की मदद करती रहीं।

शायर की बेटी का हिंंदी प्रेम : वालिद भले ही उर्दू के मशहूर शायर हैं, लेकिन बाशरा को हंिदूी से बेहद लगाव है। उन्होंने घर में अंग्रेजी या फ्रांसीसी बोलने पर पाबंदी लगा रखी है। बातचीत हंिदूी में ही होती है। उनकी 18 साल की बेटी महीवा खान और 15 साल के बेटे फारिस अली खान भी अच्छी हंिदूी बोलते हैं।

‘फ्रेंड ऑफ इंडिया’ ग्रुप बनाकर बनीं मददगार

कनाडा में भारतीय संस्कृति को जींवत रखने के लिए बाशरा प्रयास कर रही हैं। भारतीय मूल के नागरिकों का एक ग्रुप ‘फ्रेंड ऑफ इंडिया’ तैयार किया है। होली, दशहरा, ईद, बैशाखी त्योहारों पर भारतीय मूल के नागरिक इकट्ठा भी होते है और धूमधाम से मनाते भी है। मंदिर जाना, आयोजनों में शामिल होकर विदेश में भारतीयता को जिंदा रखे हुए हैं। उनका यह ग्रुप भारतीय मूल के नागरिकों के बच्चों की पढ़ाई और छात्रवृत्ति उपलब्ध कराता है।

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