Namami Gange News : गोमती नदी में तलाशे जाएंगे प्राकृतिक जल स्त्रोत, पीलीभीत डीएम ने की पहल, भूगर्भ जल विज्ञानियों की टीम भेजने का किया आग्रह

Namami Gange News लखनऊ की लाइफलाइन मानी जाने वाली गोमती नदी का उद्गम से लेकर जिले की सीमा तक बहाव अविरल नहीं है। इसके लिए पिछले कई साल से सरकारी एवं गैर सरकारी प्रयास होते रहे लेकिन अभी तक पूर्ण सफलता नहीं मिल सकी है।

By Ravi MishraEdited By: Publish:Sat, 31 Jul 2021 04:56 PM (IST) Updated:Sat, 31 Jul 2021 04:56 PM (IST)
Namami Gange News : गोमती नदी में तलाशे जाएंगे प्राकृतिक जल स्त्रोत, पीलीभीत डीएम ने की पहल, भूगर्भ जल विज्ञानियों की टीम भेजने का किया आग्रह
Namami Gange News : गोमती नदी में तलाशे जाएंगे प्राकृतिक जल स्त्रोत,

बरेली, जेएनएन। Namami Gange News : लखनऊ की लाइफलाइन मानी जाने वाली गोमती नदी का उद्गम से लेकर जिले की सीमा तक बहाव अविरल नहीं है। इसके लिए पिछले कई साल से सरकारी एवं गैर सरकारी प्रयास होते रहे लेकिन अभी तक पूर्ण सफलता नहीं मिल सकी है। जिलाधिकारी ने इस मामले में व्यक्तिगत रुचि लेकर नदी के प्राकृतिक जल स्रोत तलाशने के लिए शासन से भूगर्भ जल विज्ञानियों की टीम बुलाने के लिए पत्र भेजा है।

गोमती नदी की धारा को उद्गम स्थल से ही अविरल बनाने के लिए भूगर्भ जल विज्ञानियों से सर्वे कराया जाएगा। विज्ञानी इस प्राचीन नदी के प्राकृतिक जलस्रोत तलाश करेंगे। प्राकृतिक स्रोत मिल जाने के बाद उन्हें खोला जाएगा, जिससे नदी सदानीरा होकर अविरल बहती रहे। जिलाधिकारी पुलकित खरे ने शासन के नमामि गंगे एवं जलापूर्ति विभाग के प्रमुख सचिव को पत्र भेजा है।

इसमें कहा गया कि जिले के माधोटांडा क्षेत्र में स्थित गोमती उद्गम स्थल के प्रति लोगों में बहुत श्रद्धा है। आसपास के जिलों से भी पर्यटक वहां पहुंचते हैं। इसी कारण मुख्यमंत्री पर्यटन संवर्द्धन योजना में इस स्थल को शामिल किया गया है। उद्गम स्थल के प्राकृतिक जल स्रोतों से जल प्रवाह न्यून होता जा रहा है। इस कारण गोमती नदी का जलस्तर निरंतर घटता जा रहा है। इस कारण उद्गम जलाशय एवं गोमती नदी सूखती जा रही है।

इस कारण स्थल को पर्यटन के रूप में विकसित किए जाने तथा गोमती नदी की धारा को अविरल बनाने के प्रयासों पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ रहा है। ऐसे में भूगर्भ जल विज्ञानियों एवं अभियंताओं की टीम भेजकर नदी के जलस्रोतों का परीक्षण कराने तथा उनको पुनर्जीवित कराने की आवश्यकता है। जिससे नदी का प्रवाह निरंतर बना रहे।

chat bot
आपका साथी