बरेली में रामगंगा तट की निगरानी करेंगी टीमें, बिना अनुमति नहीं होगी अंत्येष्टि
बरेली, जेएनएन: कोरोना व अन्य बीमारियों से हो रही मौतों के बाद अब शवों का अंतिम संस्कार रामगंगा नदी क
बरेली, जेएनएन: कोरोना व अन्य बीमारियों से हो रही मौतों के बाद अब शवों का अंतिम संस्कार रामगंगा नदी के किनारे नहीं किया जा सकेगा। इसके लिए नगर निगम से अनुमति लेनी होगी। नदी किनारे अंतिम संस्कार और नदी में शवों को बहाए जाने से रोकने के लिए नगर निगम ने निगरानी कमेटी का गठन किया है। दो अधिकारियों व 11 पार्षदों की कमेटी वहां नजर रखेगी। प्रवर्तन दल के कर्मचारी बतौर सुरक्षा गार्ड तैनात रहेंगे और रोजाना अपनी रिपोर्ट देंगे।
रामगंगा नदी का क्षेत्र नगर निगम की सीमा में नहीं आता है, लेकिन बीते दिनों वहां नदी में शव बहाए जाने और किनारे पर शवों का अंतिम संस्कार करने से रोकने को निगम आगे आया है। महापौर डॉ. उमेश गौतम ने अधिकारियों के साथ बैठक कर रामगंगा नदी की निगरानी का फैसला लिया। निर्णय लिया गया है कि 11 पार्षद और दो नगर निगम के अधिकारी रोजाना रामगंगा नदी का निरीक्षण करेंगे। कोविड व नान कोविड शवों को नदियों में प्रवाहित नहीं होने दिया जाएगा। यदि कोई शव वहां अंतिम संस्कार के लिए आता है तो उसकी सूचना निगरानी कमेटी को देंगे। समिति की ओर से संबंधित थाना पुलिस को इसकी जानकारी दी जाएगी।
शहर के श्मशान घाटों पर भी रखेंगे नजर
नगर निगम की टीम रामगंगा तट के अलावा शहर के श्मशान घाटों पर भी नजर रखेगी। इसके लिए भी सदस्य नामित किए गए हैं।
निगरानी स्थल नामित सदस्य
रामगंगा तट अजय चौहान, मुनेंद्र यादव
गुलाबबाड़ी श्मशान छंगामल मौर्य
संजय नगर श्मशान संजय राय, कपिल कांत
सिटी श्मशान अजय चौहान, मुनेंद्र
छोटी बिहार श्मशान नरेश पटेल
तुलाशेरपुर श्मशान नरेश पटेल, राधे गुर्जर
ततारपुर श्मशान अतुल कपूर, महेश राजपूत
सीबीगंज श्मशान सुभाष वर्मा, नरेश पटेल
वर्जन
बीते दिनों रामगंगा नदी में शवों को बहाने की जानकारी मिली थी। इसे रोकने के लिए दो अधिकारियों के साथ ही 11 पार्षदों को लगाया गया है।
डॉ. उमेश गौतम, महापौर रामगंगा नदी के किनारे शवों का अंतिम संस्कार रोकने के लिए टीमों को लगाया गया है। शहर के श्मशान घाटों की निगरानी के लिए भी टीम बनी है।
अजीत कुमार सिंह, अपर नगर आयुक्त