बरेली में नामांतरण को लेकर पार्षदों ने की अफसरों की बोलती बंद, तीखी बहस के बाद अफसर बोले- सील होंगी दुकानें
Municipal Corporation Executive Committee News नगर निगम कार्यकारिणी समिति की बैठक खासी हंगामेदार रही। पार्षदों ने नगर निगम की संपत्तियों को खुर्द-बुर्द किए जाने दुकान का नामांतरण खुली भूमि समेत तमाम मुद्दों पर अधिकारियों को घेरा। ऐसे प्रमाण प्रस्तुत किए जिससे अधिकारी भी बैकफुट पर दिखाई दिए।
बरेली, जेएनएन। Municipal Corporation Executive Committee News : नगर निगम कार्यकारिणी समिति की बुधवार शाम हुई बैठक खासी हंगामेदार रही। पार्षदों ने नगर निगम की संपत्तियों को खुर्द-बुर्द किए जाने, दुकान का नामांतरण, खुली भूमि समेत तमाम मुद्दों पर अधिकारियों को घेरा। ऐसे प्रमाण प्रस्तुत किए जिससे अधिकारी भी बैकफुट पर दिखाई दिए। कुछ मामले सीधे बोर्ड की बैठक में रखने को कहा। नावेल्टी के पास 14 दुकानों को सील किए जाने को लेकर कार्यकारिणी ने मुहर लगा दी। गुरुवार को दुकानें सील किया जाना तय हुआ। वही, अन्य संपत्तियों को लेकर भी पार्षद और अधिकारी आमने सामने आ गए। महापौर डा. उमेश गौतम और नगर आयुक्त अभिषेक आनंद की मौजूदगी में बैठक में कार्यकारिणी के सदस्य और सभी अधिकारी शामिल रहे।
प्रस्तावों पर चर्चा से पहले सफाई निरीक्षक पर कार्रवाई
वार्ड-44 मलूकपुर के पार्षद राजकुमार गुप्ता ने बीते दिनों अपने क्षेत्र के सफाई निरीक्षक विवेक कुमार पर अभद्रता करने का आरोप लगाया था। इस बाबत उन्होंने अधिकारियों को प्रमाण भी दिया था। इसके बाद से ही संजय राय, कपिल कांत सहित कई पार्षद लामबंद होकर सफाई निरीक्षक पर कार्रवाई की मांग कर रहे थे। कार्यकारिणी बैठक में सबसे पहले पार्षद से अपमान का मुद्दा उठा। पार्षद राजकुमार गुप्ता ने पर्यावरण अभियंता संजीव प्रधान से पूछा कि क्या सीआई की निगम में उपस्थित लग रही थी तो वे इसका रिकार्ड नहीं दिखा पाए। विवेक कुमार की चरित्र पंजिका पर भी प्रतिकूल प्रविष्टि दर्ज न मिलने पर पार्षद भड़क गए। बैठक में ही उनकी सर्विस बुक मंगाकर उस पर इंट्री कराई गई। इसके साथ ही सफाई निरीक्षक को अपर नगर आयुक्त श्यामलता आनंद के कार्यालय में अटैच कर दिया गया है।
दुकानों पर कार्रवाई न करने पर भड़के पार्षद
बैठक में पार्षदों ने नॉवल्टी चौराहे के पास सरकारी दुकानों को खुर्द-बुर्द किए जाने और उनका स्वरूप बदलने के लिए अधिकारियों को घेरा। कहा, अफसरों की मिलीभगत से ही ऐसा हो रहा है। जांच में अवैध निर्माण की पुष्टि होने के बावजूद अधिकारियों ने अब तक कोई कार्रवाई नहीं की है। बताया, अपर नगर आयुक्त अजीत कुमार सिंह ने मौके पर पैमाइश और जांच के आधार पर 15 दुकानों में मानक से ऊंचे लिंटर बनाने सहित खुली भूमि पर भी निर्माण चिह्नित किया था। सिर्फ नोटिस देकर खानापूर्ति कर दी। पार्षद कपिलकांत, राजकुमार गुप्ता आदि ने पंजाबी मार्केट में बनी नगर निगम की 27 दुकानों का मामला भी जोरशोर से उठाया। गैलरी पर कब्जा, शर्तों का उल्लंघन कर स्वरूप बदलना और पुराना किराया वसूले जाने का आरोप लगाया। महापौर ने ने अपर नगर आयुक्त अजीत कुमार सिंह के नेतृत्व में पार्षदों को शामिल करते प्रकरण की रिपोर्ट देने को कहा।
पाबंदी के बाद प्याऊ को दुकान बनाकर कर दिया नामांतरण
पार्षद कपिल कांत ने किला क्रासिंग के पास तिलक इंटर कॉलेज के शौचालय के नजदीक बनी दो दुकानों का मामला भी उठाया। बताया कि दुकान नंबर चार प्याऊ में दर्ज थी। पास में तिलक इंटर कॉलेज का शौचालय बना है लेकिन नगर निगम के अधिकारियों ने इसे दुकान के तौर पर आवंटित कर दिया। इतना ही नहीं दूसरे के नाम नामांतरण भी कर दिया गया। इसकी जानकारी होने पर नगर आयुक्त तैरत में पड़ गए। फाइल पर उनके साइन भी थे। उन्होंने मामले की जांच खुद कर कार्रवाई का आश्वासन दिया। इसका केवल 30 हजार रुपये मामूली प्रीमियम और करीब 425 रुपये किराया तय किया गया है।
32 खुली भूमियों की पत्रावली नहीं मिली, अगली बैठक में होगी चर्चा
कार्यकारिणी के सदस्यों ने शहर में निगम की 32 खुली भूमियों के आवंटन, उनका प्रीमियम व किराया बढ़ाए जाने के प्रस्ताव पर भी चर्चा की। पार्षदों ने बताया कि इस प्रस्ताव के संबंध में खुली भूमियों की पत्रावलियां मांगी गई थी, लेकिन बैठक में अधिकारियों ने प्रस्तुत नहीं की। इस कारण किसी दुुकानदार को नुकसान न हो, इसके लिए प्रस्ताव को अगली बैठक में लाने को कहा गया। इससे पहले कमेटी पत्रावलियों की जांच करेगी। महापौर ने कमेटी में पार्षद कपिल कांत को भी शामिल करने के निर्देश दिए। एमबी इंटर कालेज के पास निगम की भूमि के आवंटन का प्रस्ताव बोर्ड की बैठक में रखने को कहा गया।