Ram mandir in Ayodhya : सांसद विधायक से लेकर रामदूतों के हाथों में समर्पण थैला, लोग भी सहयोग राशि देने को दिखे आतुर

अयोध्या में भव्य राममंदिर के लिए समर्पण निधि के सूत्र में रामभक्तों की माला पिरोए जाने की शुरुआत शुक्रवार सुबह हुई। जोश से लबरेज केसरिया झोले लिए रामदूत जयघोष करते निकले। सालों लंबे इंतजार के बाद आई बेला में रामभक्त अपनी भागीदारी के लिए आतुर नजर आए।

By Sant ShuklaEdited By: Publish:Sat, 16 Jan 2021 07:10 AM (IST) Updated:Sat, 16 Jan 2021 07:10 AM (IST)
Ram mandir in Ayodhya : सांसद विधायक से लेकर रामदूतों के हाथों में समर्पण थैला, लोग भी सहयोग राशि देने को दिखे आतुर
सबने अपनी तरफ से राममंदिर के लिए अपनी आस्था से समर्पण किया।

बरेली, जेएनएन।  अयोध्या में भव्य राममंदिर के लिए समर्पण निधि के सूत्र में रामभक्तों की माला पिरोए जाने की शुरुआत शुक्रवार सुबह हुई। जोश से लबरेज केसरिया झोले लिए रामदूत जयघोष करते निकले। सालों लंबे इंतजार के बाद आई बेला में रामभक्त अपनी भागीदारी के लिए आतुर नजर आए। क्या पॉश कॉलोनी.. क्या मलिन बस्ती। समर्पण निधि अर्पित करने के लिए निर्धन भी अमीर थे, क्योंकि सबने अपनी तरफ से राममंदिर के लिए अपनी आस्था से समर्पण किया।
पॉश कॉलोनी इंद्रानगर की 72 वर्षीय पुष्पा भसीन सुबह से घर के दरवाजे पर कुर्सी डाल बैठ गईं। उन्हें इंतजार रामदूतों के आने का था। सुबह का आहार लेने से इन्कार था, क्योंकि वह प्रभु के मंदिर की समर्पण राशि देकर ही आहार लेने का मन बना चुकी थीं। रामदूत करीब दस बजे उनके द्वार तक पहुंच चुके थे। कूपन लेते हुए पुष्पा को जीवन सफल होने का आभास हो रहा था। दृश्य कुछ ऐसा बना कि पूरी कॉलोनी के दरवाजों पर माताएं-बहनें आ चुकी थीं। इंतजार बस इतना था कि रामदूत उनके प्रभु के काज में उनका समर्पण भी स्वीकार कर लें।
राजेंद्रनगर, ग्रीनपार्क, महानगर, वीरसावरकरनगर की पॉश कॉलोनियों से लेकर भूड़, कोहाड़ापीर, किला, साहूकारा, बड़ाबाजार, बीडीए कॉलोनी में दृश्य जुदा नहीं था। रामभक्तों के लिए यह उत्सव, उल्लास और उत्साह का दिन रहा। रामधुन के साथ घर के द्वार तक पहुंचते रामभक्तों के लिए लोग समर्पण राशि की भेंट देते रहे। यह सिलसिला अनवरत दोपहर 12 बजे तक चलता रहा। विश्व हिंदू परिषद और राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के पदाधिकारी भी द्वार-द्वार समर्पण राशि स्वीकार करते रहे।

समर्पण के लिए व्रत रखा
समर्पण निधि देने और लेने के लिए उत्सव में रामभक्तों ने व्रत रखा। रामदूतों का प्रण था कि समर्पण राशि लेने के बाद ही अन्न लेंगे। वही समर्पण देने वाले भक्तों ने भी समर्पण राशि देने के बाद ही अन्न ग्रहण किया।

सांसद-विधायक के हाथ में समर्पण का थैला
 बरेली : सांसद-विधायक सभी जनप्रतिनिधि शुक्रवार को प्रचारक की भूमिका में रहे। केंद्रीय मंत्री संतोष गंगवार, शहर विधायक डॉ. अरुण कुमार, महापौर उमेश गौतम, प्रदेश सहकोषाध्यक्ष संजीव अग्रवाल, राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के विभाग प्रचारक आनंद सुबह ही ग्रीन पार्क में उद्यमी दिनेश गोयल के घर ग्रीन पार्क पहुंचे। यहां दिनेश गोयल और अभिनव अग्रवाल ने पांच लाख की समर्पण राशि दी। इसके बाद जनप्रतिनिधि चरण पाल सिंह सोबती के कार्यालय पहुंचे। यहां आर्किटेक्ट सौर्य भी आ गए। चरण पाल  ने दो लाख, जबकि सौर्य ने एक लाख की समर्पण राशि दी। सुबह से शुरू हुआ यह सिलसिला दोपहर तक चलता रहा।

ढोलक, मंजीरा पर गाई रामचरितमानस की चौपाई

 बरेली : कवन सो काज कठिन जग माही। जो नहीं होइ तात तुम पाहीं। रामचरितमानस की चौपाई गातीं महिलाएं... ढोलक की थाप और झांझ, मंजीरा लेकर चलते युवा। यह दृश्य दिखा पवन विहार कॉलोनी में। शहर में रामदूतों का अभियान भले ही विहिप और राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ चला रहे थे, लेकिन पवन विहार की महिलाएं और युवाओं के लिए यह दिन मंदिर बनने का उत्सव सरीखा था। कॉलोनी की सड़कों पर चौपाई, भजन के साथ राममंदिर बनने की खुशी सभी के चेहरों पर स्पष्ट नजर आ रही थी।युवाओं के लिए यह उत्साहित करने वाले क्षण थे, क्योंकि उन्होंने सिर्फ बड़ों के प्रयास के बारे मेें सुना, इंटरनेट मीडिया पर देखा था। अब पांच अगस्त को मंदिर की आधारशिला रखी गई, तब इतिहास रचा गया। उन्होंने वह दृश्य देखा। अब मंदिर निर्माण में उनके हाथ से दी गई निधि उनके लिए यादगार अनुभव है।

 
बोले रामभक्त...
दक्ष कहते हैं कि हम गौरवशाली पल के गवाह हैं। पांच अगस्त को भूमि पूजन के दौरान होने वाली खुशी अपार रही, अब मंदिर में हमारी हिस्सेदारी ने मन प्रफुल्लित कर दिया है। जबकि अभिषेक का कहना है कि घर के बड़ों ने मंदिर के लिए प्रयास किए। कितने बड़े आंदेालन हुए। बलिदान हुए। आज सब सार्थक होने जा रहा है।
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