बरेली में दिखा चांद, तरावीह में कोरोना खात्मे की दुआ

बरकत रहमत के साथ ही इबादत का महीना रमजान बुधवार से शुरू हो रहा। मंगलवार को चांद के दीदार के बाद ही दरगाह आला हजरत और मस्जिदों से रोजा रखने का एलान कर दिया गया।

By JagranEdited By: Publish:Wed, 14 Apr 2021 05:24 AM (IST) Updated:Wed, 14 Apr 2021 05:24 AM (IST)
बरेली में दिखा चांद, तरावीह में कोरोना खात्मे की दुआ
बरेली में दिखा चांद, तरावीह में कोरोना खात्मे की दुआ

बरेली, जेएनएन : बरकत, रहमत के साथ ही इबादत का महीना रमजान बुधवार से शुरू हो रहा। मंगलवार को चांद के दीदार के बाद ही दरगाह आला हजरत और मस्जिदों से रोजा रखने का एलान कर दिया गया। रात को तरावीह की नमाज पढ़ी गई। लोगों ने रब का सजदा किया। कोरोना वायरस के खात्मे की दुआ की गई। लोगों ने शारीरिक दूरी का पालन करते हुए मस्जिदों और घरों में इबादत की और रोजा रखा।

मंगलवार देर शाम रमजान का चांद नजर आते ही लोगों के बीच मुबारकबाद का सिलसिला शुरू हो गया। बाजार में रमजान को लेकर जमकर खरीदारी हुई। मस्जिदों में नमाज को लोग पहुंचे। देर शाम तरावीह की नमाज अदा की गई। रात के क‌र्फ्यू को ध्यान में रखते हुए तरावीह की नमाज नौ बजे तक पूरी कर ली गई।

दरगाह आला हजरत के मीडिया प्रभारी नासिर कुरैशी ने बताया कि प्रमुख मौलाना सुब्हान रजा खां व सज्जादानशीन मुफ्ती अहसन रजा कादरी ने मुल्क भर के मुसलमानों को रमजान की मुबारकबाद दी। दरगाह के सज्जादानशीन मुफ्ती अहसन मियां ने मुल्क में बढ़ते कोरोना संक्रमण मामलों पर फिक्र जाहिर करते हुए सभी से एहतियात बरतने की अपील की। उन्होंने कहा कि अल्लाह इस महीने एक नेकी के बदले 70 नेकियों का सवाब देता है। नमाज और तरावीह को समय पर अदा करें। रमजान माह की अहमियत पर रोशनी डाली

मस्जिदों के इमाम ने माह-ए-रमजान की अहमियत पर रोशनी डाली। उन्होंने बताया कि अल्लाह ने रोजेदारों को गुनाह बख्शवाने का बेहतर मौका दिया है। इबादत के साथ लोग अपने गुनाहों की माफी मांगें। इस महीने में तौबा के दरवाजे खुले रहते हैं। पहला अशरा रहमत का, अल्लाह की रहमत होती नाजिल

माह-ए-रमजान का पहला अशरा रहमत का होता है। इन दिनों अल्लाह की रहमत रोजेदारों पर नाजिल होती है। सुन्नी जामा मस्जिद के इमाम मुफ्ती खुर्शीद आलम ने कहा कि रोजेदारों को रमजान के पहले दस दिनों में अल्लाह से रहमत की दुआ मांगनी चाहिए। ऐ रब मुझे बख्श दे, तू ही सबसे बेहतर और रहम करने वाला है। यह रमजान का पहला अशरा है जो 10 दिन तक चलेगा।

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