Monkey Terror in Bareilly : बरेली के जनकपुरी में बंदराें का आतंक, रिटायर्ड फाैजी पर हमला कर किया घायल, दहशत में लाेग

Monkey Terror in Bareilly बरेली में बंदरों के हमलों से चोटिल होने की घटनाएं बढ़ती जा रही है। जनकपुरी में सोमवार तड़के एक रिटायर्ड फौजी पर बंदरों ने हमला कर दिया। उनके चेहरे पर काट लिया। लोगाें ने उन्हें बचाया।

By Ravi MishraEdited By: Publish:Tue, 21 Sep 2021 08:29 AM (IST) Updated:Tue, 21 Sep 2021 08:29 AM (IST)
Monkey Terror in Bareilly : बरेली के जनकपुरी में बंदराें का आतंक, रिटायर्ड फाैजी पर हमला कर किया घायल, दहशत में लाेग
Monkey Terror in Bareilly : बरेली के जनकपुरी में बंदराें का आतंक

बरेली, जेएनएन। Monkey Terror in Bareilly : बरेली में बंदरों के हमलों से चोटिल होने की घटनाएं बढ़ती जा रही है। जनकपुरी में सोमवार तड़के एक रिटायर्ड फौजी पर बंदरों ने हमला कर दिया। उनके चेहरे पर काट लिया। लोगाें ने उन्हें बचाया। लहूलुहान हालत में उन्हें निजी डॉक्टर के पास उपचार के लिए ले जाया गया। इस घटना के बाद जनकपुरी के लोगों में रोष है।

राकेश सक्सेना भारतीय नौसेना से रिटायर्ड हैं। सोमवार सुबह जनकपुरी निवासी रिटायर्ड फौजी घर से टहलने निकले थे। मंदिर की तरफ जाते हुए सड़क और आस-पास घरों की छतों पर मौजूद बंदरों के झुंड ने उनपर हमला कर दिया। संभलने से पहले बंदरों ने उन्हें घायल कर दिया। उनकी चीख पुकार सुनकर कालोनी के लोग दौड़ आए। किसी तरह से बंदरों को भगाकर रिटायर्ड फौजी को बचाया।

जनकपुरी के लोगों का कहना है कि नगर निगम और वन विभाग तक बंदरों की समस्या कई बार पहुंचाई है। लेकिन कोई फायदा नहीं हुआ। बंदर झुंड कभी भी कहीं पर लोगों पर हमला कर रहे हैं। लोगों का कहना है कि बंदरों के लिए नगर निगम को विशेष अभियान चलाना चाहिए।

पहले भी हो चुके है जनकपुरी में लोग घायल

रिटायर्ड फौजी के मुताबिक जनकपुरी में नजर आने वाले बंदरों के झुंड में 50 से 60 बंदर हैं। बंदरों के डर से बच्चों को छतों पर अकेले नहीं जाने दिया जाता है। बंदरों के हमले से कॉलोनी में रहने वाले चमेली गंगवार, पंकज अरोरा और सुखवीर सिंह सहित कई लोग घायल हो चुके हैं।

एनओसी के फेर में फंसा बंदर पकड़ो अभियान

नगर निगम के अधिकारियों के मुताबिक बंदरों को पकड़ने के लिए वन विभाग के डीएफओ से पत्राचार किया गया। ताकि उन्हें एनओसी मिल सके। वन विभाग के अधिकारियों ने नगर निगम के अधिकारियों को एनओसी के लिए सीधे वन विभाग के लखनऊ मुख्यालय पत्राचार करने के लिए कहा है। एनओसी नहीं मिलने की वजह से बंदरों के उत्पात को रोकने के लिए अभियान नहीं चलाया जा पा रहा है।

बंदरों के उत्पात को कम करने के लिए उन्हें पकड़ने का अभियान चलाया जा रहा है। जल्द लोगों को राहत मिल जाएगी।- डा. अशाेक कुमार, नगर स्वास्थ्य अधिकारी

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