राजस्थान में सब्जी बेच रहा था 18 साल पहले पुलिस कस्टडी से फरार हुआ बावरिया गैंग का बदमाश, पुलिस ने पकड़ा ताे खुला ये राज

Bareilly Police News 18 साल पहले पेशी के दौरान पुलिस कस्टडी से फरार हुआ बावरिया गैंग का बदमाश राजस्थान में सब्जी बेचते पकड़ा गया। खुद को राजेश बताने वाले बदमाश का असल नाम मटरू निकलकर आया। आरोपित वर्ष 2002 में सिरौली में डकैती डालने के मामले में नामजद था।

By Ravi MishraEdited By: Publish:Thu, 24 Jun 2021 09:20 AM (IST) Updated:Thu, 24 Jun 2021 09:20 AM (IST)
राजस्थान में सब्जी बेच रहा था 18 साल पहले पुलिस कस्टडी से फरार हुआ बावरिया गैंग का बदमाश, पुलिस ने पकड़ा ताे खुला ये राज
राजस्थान में सब्जी बेच रहा था 18 साल पहले पुलिस कस्टडी से फरार हुआ बावरिया गैंग का बदमाश

बरेली, जेएनएन। Bareilly Police News : 18 साल पहले पेशी के दौरान पुलिस कस्टडी से फरार हुआ बावरिया गैंग का बदमाश राजस्थान में सब्जी बेचते पकड़ा गया। खुद को राजेश बताने वाले बदमाश का असल नाम मटरू निकलकर आया। आरोपित मटरू वर्ष 2002 में सिरौली में एक घर में डकैती डालने के मामले में नामजद था। जेल जाने के बाद जमानत न होने पर पेशी के दौरान पुलिस को चकमा देकर भाग गया था। मामले में तीन सिपाहियों पर गाज भी गिरी थी। मटरू 25 हजार का इनामी था।

11 फरवरी वर्ष 2002 में मटरू ने सिरौली कस्बे में वीरेंद्र के घर में डकैती डाली। वारदात को अंजाम देने के बाद वह मौके से ही सामान के साथ पकड़ गया था। पकड़े जाने के बाद उसने अपना नाम राजेश निवासी तेंदुआ फार्म पुवांया निवासी शाहजहांपुर बताया था। आरोपित के खिलाफ लूट व अन्य धाराओं में रिपोर्ट दर्ज की गई थी। विवेचना में पता चला कि उसने अपना पता तो पुलिस को सही बताया लेकिन, अपना नाम व पिता का नाम गलत बताया।

इस पर विवेचना में उसके खिलाफ धोखाधड़ी की धारा भी बढ़ा दी गई। इसके बाद उसके जमानत की आस भी खत्म हो गई। सात मई 2003 को उसे इसी मुकदमे में न्यायालय ले जाया गया। जहां वह रस्सी खोलकर पुलिस हिरासत से भाग गया। तब से पुलिस आरोपित की तलाश में थी। हाल में ही आंवला पुलिस को मटरू के राजस्थान के कच्ची बस्ती में होने की जानकारी मिली। आंवला पुलिस वहां पहुंची तो वह पुलिस को देखकर भागने लगा। हुलिए से पहचान कराने के बाद उसने अपना असल नाम मटरू बताया और पूरा सच कबूल किया।

आरोपित की उसके हुलिए से पहचान की गई। पुष्टि होने पर राजेश ने अपना असल नाम मटरू बताया। सात मई वर्ष 2003 में पेशी के दौरान पुलिस कस्टडी से भागने की बात कबूली। उसे गिरफ्तार कर जेल भेज दिया गया है। - राजकुमार अग्रवाल, एसपी देहात

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