Mann Ki Baat : प्रधानमंत्री ने किया बरेली का जिक्र, शिक्षिका के कार्य को सराहते हुए बोले - अन्य शिक्षक भी ले प्रेरणा

Mann Ki Baat प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रविवार को मन बात कार्यक्रम में प्राथमिक विद्यालय डभौरा गंगापुर की सहायक अध्यापिका दीपमाला पांडेय के वन टीचर वन काल अभियान का जिक्र किया। प्रधानमंत्री ने उनकी सराहना कर उनसे प्रेरणा लेकर अन्य शिक्षकों को भी प्रेरित किया।

By Ravi MishraEdited By: Publish:Sun, 26 Sep 2021 02:37 PM (IST) Updated:Sun, 26 Sep 2021 02:37 PM (IST)
Mann Ki Baat : प्रधानमंत्री ने किया बरेली का जिक्र, शिक्षिका के कार्य को सराहते हुए बोले - अन्य शिक्षक भी ले प्रेरणा
Mann Ki Baat : प्रधानमंत्री ने किया बरेली का जिक्र, शिक्षिका के कार्य को सराहते हुए बोले

बरेली, जेएनएन। Mann Ki Baat : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रविवार को मन बात कार्यक्रम में प्राथमिक विद्यालय डभौरा गंगापुर की सहायक अध्यापिका दीपमाला पांडेय के वन टीचर, वन काल अभियान का जिक्र किया। इस पहल के जरिए दिव्यांग बच्चों को शिक्षा की मुख्यधारा से जोड़ने के लिए उनके इस प्रयास की प्रधानमंत्री ने सराहना कर उनसे प्रेरणा लेकर अन्य शिक्षकों को भी प्रेरित किया।

दीपमाला ने बताया कि दिव्यांग बच्चों के लिए वह पिछले चार वर्षों से काम कर रही हैं। वर्ष 2019 के मार्च में उन्होंने इस पहल को वन टीचर, वन काल का नाम देकर इसे अभियान के रुप में तब्दील किया। बताया कि इसके लिए उन्होंने अपने साथी शिक्षकों के साथ मिलकर एक टोली बनाई, जो अपने क्षेत्र में दिव्यांग बच्चों को तलाश कर उनका स्कूलों में प्रवेश कराती हैं। शिक्षकों को जोड़ उन्होंने अपील की कि एक शिक्षक कम से कम एक दिव्यांग छात्र-छात्रा का स्कूल में दाखिला कराएं। ताकि सामान्य बच्चों की तरह दिव्यांग बच्चे भी शिक्षा से जुड़कर अपनी मंजिल पा सकें। शिक्षक ने बताया कि उन्होंने अब तक 350 शिक्षकों के साथ करीब 600 बच्चों का प्रवेश कराया है।

अच्छी शिक्षा देने के लिए हर महीने शिक्षकों की होती है बैठक

दीपमाला ने बताया कि बच्चों को किस तरह आसानी से अच्छे से समझाया जाए इसके लिए आनलाइन बैठक होती है। उन्हें समझाने के लिए किन-किन संसाधनों को जुटाया जाए, किस तरह वेबिनार और ध्यानाकर्षण माड्यूल के तहत प्रोजेक्ट तैयार कर उन्हें पढ़ाया इसके लिए हर महीने शिक्षकों की बैठक में चर्चा होती है।

अब निजी स्कूलों बच्चों का कराना है दाखिला

आरटीई 2009 के तहत दिव्यांग बच्चे व उनके अभिभावक जिस स्कूल में बच्चों को पढ़ाना चाहते हैं, उनका दाखिला वहां करा सकते हैं। इसलिए दिव्यांग बच्चों का दाखिला अब का निजी स्कूल में कराने के लिए प्रयास करना है। ताकि निजी स्कूलों में पढ़ने वाले बच्चों की तरह ऐसे बच्चे भी बेहतर शिक्षा पा सकें। 

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