Lucknow memorial scam News : जानें आखिर क्या वजह है जो बीडीए के मुख्य अभियंता दस दिन से नहीं आ रहे कार्यालय, अधिकारियों ने क्यों उनके खिलाफ विजिलेंस को भेजी है रिपोर्ट

Lucknow memorial scam News मायावती शासन में लखनऊ में हुए स्मारक घोटाले में बीडीए के मुख्य अभियंता त्रिलोकी नाथ की मुश्किलें बढ़ गई हैं। कुछ समय पहले उनके खिलाफ अधिकारियों ने विजिलेंस को रिपोर्ट भेजी थी। इसी कारण करीब दस दिन से वह कार्यालय नहीं आए हैं।

By Samanvay PandeyEdited By: Publish:Sun, 11 Apr 2021 05:14 PM (IST) Updated:Sun, 11 Apr 2021 05:14 PM (IST)
Lucknow memorial scam News : जानें आखिर क्या वजह है जो बीडीए के मुख्य अभियंता दस दिन से नहीं आ रहे कार्यालय, अधिकारियों ने क्यों उनके खिलाफ विजिलेंस को भेजी है रिपोर्ट
लखनऊ में मायावती शासन में हुए स्मारक घोटाले में चल रही विजिलेंस की जांच।

बरेली, जेएनएन। Lucknow memorial scam News : मायावती शासन में लखनऊ में हुए स्मारक घोटाले में बीडीए के मुख्य अभियंता त्रिलोकी नाथ की मुश्किलें बढ़ गई हैं। कुछ समय पहले उनके खिलाफ अधिकारियों ने विजिलेंस को रिपोर्ट भेजी थी। इसी कारण करीब दस दिन से वह कार्यालय नहीं आए हैं।उप्र. सतर्कता अधिष्ठान (विजिलेंस) ने स्मारक घोटाले के अभियुक्त कार्यदायी संस्था राजकीय निर्माण निगम के तत्कालीन चार बड़े अधिकारियों को एक दिन पहले गिरफ्तार किया है। इसके साथ ही विजिलेंस ने लखनऊ विकास प्राधिकरण (एलडीए) के इंजीनियरों पर भी शिकंजा कसा है।

मामले में एलडीए के पांच इंजीनियरों के खिलाफ भी जांच चल रही है। उनमें एक बरेली विकास प्राधिकरण (बीडीए) के मुख्य अभियंता त्रिलोकी नाथ भी शामिल हैं। बीडीए के अफसर उनके खिलाफ विजिलेंस को रिपोर्ट भेज चुके हैं। राजकीय निर्माण निगम के अधिकारियों की गिरफ्तारी के बाद उनकी मुश्किलें बढ़ गई हैं। पांच इंजीनियरों पर भी जल्द कार्रवाई की आशंका जताई जा रही है। गिरफ्तारी की आशंका से मुख्य अभियंता पिछले करीब दस दिनों से कार्यालय नहीं आए हैं। खुद पर कार्रवाई की तलवार लटकी होने के बावजूद मुख्य अभियंता ने बीते दिनों बीडीए अफसरों पर निर्माण के टेंडरों में तमाम गड़बड़ियों के आरोप लगाए थे। अब वह खुद ही कार्यालय से फरार चल रहे हैं।बीडीए उपाध्यक्ष जोगिंदर सिंह ने बताया कि मुख्य अभियंता के खिलाफ विजिलेंस ने रिपोर्ट मांगी थी, जो भेज दी गई है। मुख्य अभियंता पिछले करीब दस दिनों से दफ्तर नहीं आ रहे हैं।

यह है मामला

बसपा शासनकाल में लखनऊ में तमाम स्मारक बनाए गए थे। उनमें करोड़ों रुपये खर्च किया गया। लोकायुक्त ने 20 मई 2013 को शासन को सौंपी जांच रिपोर्ट में स्मारकों के निर्माण में करीब 1400 करोड़ रुपये के घोटाले की आशंका जताते हुए विस्तृत जांच सीबीआइ या अन्य सक्षम एजेंसी से कराने की संस्तुति की थी। इस पर वर्ष 2014 में सपा सरकार ने लोकायुक्त की जांच रिपोर्ट के आधार पर मामले की विस्तृत जांच विजिलेंस को सौंपी थी। विजिलेंस ने जनवरी 2014 में लखनऊ के गोमतीनगर थाने में पूर्व मंत्री नसीमुद्दीन सिद्दीकी और बाबू सिंह कुशवाहा समेत 19 नामजद व अन्य के खिलाफ एफआइआर दर्ज कराई थी।

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