बरेली में सीमित संख्या में भक्तों को मंदिर में मिला प्रवेश

कोरोना के बढ़ते संक्रमण को देखते हुए लोग जागरूक हुए हैं। नवरात्र के दूसरे दिन मंदिरों में भक्तों की अधिक भीड़ न दिखना इसका उदाहरण है। घरों में घटस्थापना व अखंड ज्योति प्रज्जवलित करने वाले भक्तों के साथ ही अन्य भी अब घरों पर ही मां की आराधना कर रहे हैं।

By JagranEdited By: Publish:Thu, 15 Apr 2021 05:31 AM (IST) Updated:Thu, 15 Apr 2021 05:31 AM (IST)
बरेली में सीमित संख्या में भक्तों को मंदिर में मिला प्रवेश
बरेली में सीमित संख्या में भक्तों को मंदिर में मिला प्रवेश

बरेली, जेएनएन: कोरोना के बढ़ते संक्रमण को देखते हुए लोग जागरूक हुए हैं। नवरात्र के दूसरे दिन मंदिरों में भक्तों की अधिक भीड़ न दिखना इसका उदाहरण है। घरों में घट स्थापना व अखंड ज्योति प्रज्जवलित करने वाले भक्तों के साथ ही अन्य भी अब घरों पर ही मां की आराधना कर रहे हैं। मंदिरों में भी पहुंचे लोगों को शारीरिक दूरी व कोविड गाइडलाइन के मुताबिक ही मंदिर परिसर में प्रवेश दिया गया। शहर के कालीबाड़ी मंदिर में दूसरे दिन जहां मंदिर के बाहर लगी बैरिकेडिग से ही भक्तों ने मां के दर्शन किए। वहीं सुभाषनगर स्थित मां ललिता देवी मंदिर में हाथ सैनिटाइज करने, मास्क लगाने के बाद बैरिकेडिग से ही दर्शन करने की अनुमति दी गई। इसी प्रकार 84 घंटा मंदिर में तीन-तीन लोगों को ही मंदिर में शारीरिक दूरी के साथ दर्शन करने की अनुमति दी गई। कोरोना के बढ़ते संक्रमण को देखते हुए मंदिर के पुजारी व महंत भी इस बार घरों पर ही मां की आराधना व कोरोना मुक्ति की प्रार्थना करने की अपील कर रहे हैं।

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वर्षों से नवरात्र व्रत रहकर कर रहे मां की आराधना

जासं, बरेली : नवरात्र प्रमुख आस्था और श्रद्धा का पर्व होता है। पूरे नौ दिन लोग अपने घरों में पूजा पाठ करते हैं। इस बार कोरोना संक्रमण के चलते मंदिरों में जाने से लोग बच रहे हैं। कई ऐसे परिवार भी है जो वर्षों से घर पर घट स्थापित कर पूजा अर्चना करते हैं।

नौ दिन केवल मां की आराधना में लीन रहता है यह परिवार

रोहिली टोला पुराना शहर निवासी पवन गुप्ता की देवचरा में गल्ले की आढ़त है। परिवार में पत्नी रश्मि, बेटी राम्या गुप्ता, विदुषी गुप्ता, वंशिका गुप्ता व बेटा निश्चल गुप्ता है। पवन बताते हैं कि वह पिछले 15 वर्षों से परिवार के साथ नवरात्र के नौ दिन व्रत रहते हैं। इस दौरान वह घर के अलावा कहीं नहीं जाते हैं। परिवार के साथ मां की आराधना करते हैं। आम दिनों में वह सुबह सात बजे के करीब उठते हैं, लेकिन नवरात्र में सुबह पांच बजे उठकर ही मंदिर की सफाई आदि करने के साथ ही विधि-विधान से पूजन करते हैं। इसलिए लोग भी घरों पर रहकर मां की आराधना करें और अपने इम्यूनिटी सिस्टम को मजबूत करें।

वर्षों से चली आ रही परंपरा का कर रहे निर्वहन

पुराना शहर निवासी विजय कुमार इलेक्ट्रिक इंजीनियर हैं। परिवार में मां विमला देवी, भाई-भाभी व भतीजी है। बड़े भाई की नौकरी बाहर होने के कारण वह बाहर रहते हैं। जबकि वर्षों पुरानी घर पर ही घट स्थापना व मां की ज्योति पूरे नवरात्र जलाने की परंपरा का निर्वह्न वह परिवार के साथ करते हैं। विमला बताती हैं कि यह परंपरा काफी लंबे समय से चली आ रही है। पूरे नवरात्र परिवार के सदस्य घर पर ही मां की पूजा-अर्चना कर उन्हें प्रसन्न करते हैं। विजय ने बताया कि पहले दिन सुबह जल्दी उठकर घर व मंदिर की साफ-सफाई कर घट स्थापना व मां की ज्योति जलाई। अब नौ दिन व्रत में पूरा घर केवल फलाहार करता है। घर पर ही सभी लोग मां का पाठ व भजन करते हैं। कोरोना संक्रमण को देखते हुए घरों पर ही रहकर मां की पूजा कर अपने इम्यूनिटी सिस्टम को मजूबत करें।

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