हिसाब में हेरफेर, 29 और सूदखोरों के लाइसेंस निरस्त
शाहजहांपुर और बरेली में सूदखोरों के जाल में फंसकर खुदकुशी करने की घटनाओं के बाद पुलिस-प्रशासन सूदखोरों पर सख्ती कर रहा है। जिलाधिकारी नितीश कुमार ने 29 सूदखोरों के लाइसेंस निरस्त कर दिए हैं। इससे पहले 200 लाइसेंस निरस्त किए जा चुके हैं। प्रशासन का मानना है कि सूदखोर हिसाब में हेरफेर कर रहे हैं।
बरेली, जेएनएन : शाहजहांपुर और बरेली में सूदखोरों के जाल में फंसकर खुदकुशी करने की घटनाओं के बाद पुलिस-प्रशासन सूदखोरों पर सख्ती कर रहा है। जिलाधिकारी नितीश कुमार ने 29 सूदखोरों के लाइसेंस निरस्त कर दिए हैं। इससे पहले 200 लाइसेंस निरस्त किए जा चुके हैं। प्रशासन का मानना है कि सूदखोर हिसाब में हेरफेर कर रहे हैं।
एडीएम वित्त मनोज कुमार पांडेय ने सभी तहसीलदारों को जिम्मेदारी सौंपी गई है कि क्षेत्रवार सूद पर रकम देने का काम करने वालों के बही-खातों की जांच की जाए। गड़बड़ी की आशंका होने पर लाइसेंस निरस्त करने की संस्तुति की जाए। सूदखोरी अधिनियम के मुताबिक गिरवी रखने पर ब्याज दर 14 फीसद की होती है, जबकि गिरवी नहीं रखने पर सूद का काम करने वाले 17 फीसद तक ब्याज ले सकते हैं। हालांकि बाजार में ब्याज पर रुपये देने का धंधा करने वाले तय दर से अधिक ब्याज वसूल कर रहे हैं।
बरेली में मढ़ीनाथ निवासी सेल्समैन संजीव शर्मा ने हाल ही में सूदखोरों से तंग आकर आत्महत्या कर ली थी। इससे पहले शाहजहांपुर में मेडिकल कारोबारी अखिलेश गुप्ता ने पत्नी और दो बच्चों समेत खुदकुशी कर ली थी। इसके बाद जिले में नवीनीकरण के लिए आवेदन नहीं करने वाले करीब 200 सूदखोरों के लाइसेंस रद कर दिए गए थे। प्रशासन ने ब्याज पर रुपये देने का व्यवसाय करने वालों की बहियों को जांचने के लिए तहसीलदारों को जिम्मेदारी सौंपी है। वर्जन
सूदखोरी अधिनियम के तहत लाइसेंस लेने वालों को मानक के अनुरूप व्यवसाय करना होगा। ऐसा नहीं करने पर कार्रवाई की जाएगी।
- नितीश कुमार, जिलाधिकारी, बरेली