बरेली में कलेक्ट्रेट में वकीलों ने प्रदर्शन कर सुरक्षा मांगने को भरी हुंकार

अधिवक्ताओं की सुरक्षा से खिलवाड़ के मुद्दे पर बुधवार को वकीलों ने कलेक्ट्रेट में जमकर नारेबाजी की। बार एसोसिएशन के अध्यक्ष घनश्याम शर्मा ने कहा कि ज्ञापनबाजी से काम नहीं चलेगा अधिवक्ताओं को अब आर-पार की लड़ाई लड़ना होगी। इसके लिए बार काउंसिल आह्वान करे तो अधिवक्ता आगे बढ़ने को तैयार हैं।

By JagranEdited By: Publish:Wed, 20 Oct 2021 08:15 PM (IST) Updated:Wed, 20 Oct 2021 08:15 PM (IST)
बरेली में कलेक्ट्रेट में वकीलों ने प्रदर्शन कर सुरक्षा मांगने को भरी हुंकार
बरेली में कलेक्ट्रेट में वकीलों ने प्रदर्शन कर सुरक्षा मांगने को भरी हुंकार

जागरण संवाददाता, बरेली : अधिवक्ताओं की सुरक्षा से खिलवाड़ के मुद्दे पर बुधवार को वकीलों ने कलेक्ट्रेट में जमकर नारेबाजी की। बार एसोसिएशन के अध्यक्ष घनश्याम शर्मा ने कहा कि ज्ञापनबाजी से काम नहीं चलेगा, अधिवक्ताओं को अब आर-पार की लड़ाई लड़ना होगी। इसके लिए बार काउंसिल आह्वान करे तो अधिवक्ता आगे बढ़ने को तैयार हैं। उत्तर प्रदेश बार काउंसिल जल्द से जल्द एडवोकेट प्रोटेक्शन एक्ट मंजूर कराए, ताकि अधिवक्ताओं के साथ आपराधिक घटनाओं पर अंकुश लग सके। एक्ट की मंजूरी तक अधिवक्ताओं को आंदोलनरत रहने की जरूरत है।

उन्होंने शाहजहांपुर व बरेली के अधिवक्ताओं की हत्या के मामले में प्रशासनिक अधिकारियों को भी कटघरे में खड़ा किया। पुलिस पर अनदेखी का आरोप लगाया गया। कार्रवाई की मांग की। एसोसिएशन के सचिव वीपी ध्यानी ने शासन से हताहत अधिवक्ताओं के परिवारों को 50-50 लाख रुपये मुआवजा देने की बात कही। बीते माह संजय सिंह एडवोकेट के हत्यारों की गिरफ्तारी न होने से भी अधिवक्ता गुस्से में दिखे। दोपहर डेढ़ बजे वकीलों का हुजूम कलेक्ट्रेट पहुंचा और ज्ञापन सिटी मजिस्ट्रेट को सौंपा। पूर्व उपाध्यक्ष अमित बिसारिया ने कहा कि अधिवक्ताओं का वकालत करना मुश्किल होता जा रहा है। अधिवक्ता सदैव विपक्षी के निशाने पर रहता है। इसके बावजूद उनकी सुरक्षा का कोई बंदोबस्त नहीं है। मुख्यमंत्री को संबोधित ज्ञापन में बार एसोसिएशन ने अधिवक्ताओं की सुरक्षा व मृतक अधिवक्ताओं के परिवार के सदस्य को सरकारी नौकरी दिए जाने की मांग की। इस मौके पर वरिष्ठ अधिवक्ता शशिकांत शर्मा, अजय निर्मोही, अंतरिक्ष सक्सेना, शेर सिंह,मृत्युंजय मिश्रा, गौरव राठौर, अंचित द्विवेदी, पुरुषोत्तम पटेल, शंकर सक्सेना,ललित सिंह आदि सैकड़ों अधिवक्ता मौजूद रहे।

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अधिवक्ताओं की तलाशी लिए जाने का विरोध

धनश्याम शर्मा ने कोर्ट परिसर में सुरक्षा के नाम पर अधिवक्ताओं की तलाशी लिए जाने का विरोध किया। कहा कि कोर्ट परिसर में पुलिस चौकी खोल दी गई। यह सब न्यायिक अधिकारियों की सुरक्षा के लिए है। अधिवक्ताओं की सुरक्षा का कोई इंतजाम नहीं है। तलाशी लेना है तो आपराधिक तत्वों की ली जाए। कोर्ट परिसर में ऐसा माहौल बने, जिससे अधिवक्ता व वादकार निर्भीक होकर कोर्ट में दाखिल हो सकें। पुलिस के निरंकुश रवैये से वादकारों को कोर्ट में सरेंडर होने में भी बाधा आएगी जो न्यायिक प्रक्रिया के विरुद्ध है।

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कोतवाली पुलिस पर भी उठे सवाल

बीते दिनों अधिवक्ता आजम अली खां को विपक्षी वादकार ने कचहरी परिसर में ही मार डालने की धमकी दी थी। वकीलों ने मौके पर ही आरोपित को पकड़कर पुलिस के हवाले कर दिया। पुलिस ने आरोपित के खिलाफ रंगदारी का मुकदमा तो दर्ज कर लिया कितु दो दिन तक आरोपित को कोतवाली में बिठाकर तीसरे दिन शांति भंग में चालान करके खुद ही मामला रफा-दफा कर दिया। पूर्व उपाध्यक्ष अमित बिसारिया ने सिटी मजिस्ट्रेट के समक्ष यह मुद्दा उठाया। जिस पर अधिवक्ताओं ने कोतवाली पुलिस मुर्दाबाद के नारे भी लगाए।

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