Kolaghat Bridge : काश दो माह पहले चेत जाते तो बच जाता हादसा, न टूटता 11 करोड़ का 13 साल पुराना पुल
Kolaghat Bridge Collapsed in Shahjahanpur ठीक दो माह पहले अगर दैनिक जागरण के चेताने पर चेत जाते तो आज शायद 13 साल पहले बना 11 करोड़ का पुल टूटने से बच जाता। जागरण ने पुल के एक हिस्से का कुछ भाग अंदर की ओर धंसने की बात बताई थी।
बरेली, जेएनएन। Kolaghat Bridge Collapsed in Shahjahanpur : ठीक दो माह पहले अगर दैनिक जागरण के चेताने पर अफसर चेत जाते तो आज शायद 13 साल पहले बना 11 करोड़ का यह पुल टूटने से बच जाता।जागरण ने शाहजहांपुर दिल्ली राज्यमार्ग पर स्थित कोलाघाट पुल के उत्तरी छोर से एक हिस्से का कुछ भाग अंदर की ओर धंसने पर अफसरों का ध्यान आकर्षित कराया था। साथ ही पुल पर हो रहे गडढे का हवाला दिया था। जिसका प्रशासन ने संज्ञान तो लिया। डीएम के आदेश पर लोक निर्माण विभाग ने पुल की मरम्मत भी की, लेकिन पिलर की ओर किसी ने कोई ध्यान नहीं दिया।
जर्जर हो गई थी कोलाघाट पुल की हालत
शाहजहांपुर-दिल्ली राज्य राजमार्ग स्थित कोलाघाट पुल की हालत जर्जर हो गई है। पुल पर गड्ढा हो जाने के कारण इसका एक हिस्सा धंस सा गया है। जिस कारण यहां से गुजरने वालों को हादसे की आशंका बनी हुई है। प्रशासन को यह बात दैनिक जागरण ने प्रसारण के जरिए बताई थी। रामगंगा व बहुगल नदी पर 2006 में सपा शासनकाल में कोलाघाट पुल का निर्माण शुरू हुआ था। 2008-2009 में इसका संचालन शुरू हुआ।
इससे पहले मिर्जापुर, कलान के लोगों का जलालाबाद तहसील व जिला मुख्यालय से संपर्क टूट जाता था। पुल बनने के बाद लोगों को आवगमन में तो सुविधा के साथ ही समय की भी बचत हुई, लेकिन मेंटीनेंस के अभाव में पुल पर जगह-जगह गड्ढे हो गए हैं। इसके उत्तरी छोर से लगभग 15 मीटर आगे गड्ढा सा बन गया है। ऐसे में ध्यान न देने पर इस पुल से गुजरने वाले वाहनों को झटका लगता है।
इसलिए गुजरते है ज्यादा वाहन
इस राजमार्ग पर टोल प्लाजा नहीं है। नो इंट्री भी नहीं है। ऐसे में दिल्ली, बदायूं जाने वाले भारी वाहन सबसे ज्यादा इस मार्ग से गुजरते हैं। करीब 20 रोडवेज बसों का संचालन भी इस मार्ग से होता है। ऐसे में इस पुल पर यातायात का दबाव ज्यादा है।