Agle Janam Mohe Bitiya Na Keejo : जानिए आखिर क्यों हो रही इस शहर में बेटियों की दुर्दशा Bareilly News
हफ्ता में चौथी बार यानी हर दूसरे दिन ...जिले में बेटियों को मरने के लिए फेंक दिया गया। इस बार मीरगंज में ऐसी घटना हुई। फूल सी बच्ची बेफिक्र अपनों की गोद में मुस्कुरा रही थी।
जेएनएन, बरेली : एक हफ्ता में चौथी बार, यानी हर दूसरे दिन ...जिले में बेटियों को मरने के लिए फेंक दिया गया। इस बार मीरगंज में ऐसी घटना हुई। फूल सी बच्ची बेफिक्र अपनों की गोद में मुस्कुरा रही थी। नहीं पता था कि वे अपने ही उसे खेत में छोड़कर भाग जाएंगे। उसकी मासूमियत, उसकी मुस्कान और खुद से दगा कर वे इंसानियत को दफन करने पहुंच गए। लोगों ने देखा तो चेहरा छिपाकर भाग निकले। जन्म देने वाली मां ने भले ही उस मासूम को हमेशा के लिए छोड़ दिया मगर, एक अजनबी महिला ने उसे अपनी गोद में समेट लिया। दुलार दिया... य़ह कहते हुए कि अब ताउम्र मासूम को उस बेदर्द मां की याद नहीं सताने दूंगी।
घटना मीरनगर उर्फ नौगवा गांव की है। गुरुवार दोपहर को वहां रहने वाले मोनू शर्मा अपने खेत में धान की कटाई के लिए जा रहे थे। बोले, उसी वक्त बाइक सवार दो लोग गन्ने के खेत में उतरे और एक बच्ची को लिटाकर वापस जाने लगे। आवाज लगाने पर वे बाइक से भाग निकले। उनकी सूचना पर पुलिसकर्मी पहुंचे मगर बाइक सवार युवकों का पता नहीं चल सका। इसके बाद पुलिस बच्ची को सीएचसी ले गई। वहां चिकित्सा अधीक्षक डॉ. अमित कुमार सिंह ने बताया कि बच्ची तीन-चार दिन की लग रही है। वह पूरी तरह से स्वस्थ है।
दंपती ने लिया जिम्मा
खेत में लावारिस बच्ची मिलने की सूचना हुई तो ग्रामीण सीएचसी में जुट गए। राज भारती भी अपनी पत्नी रचना के साथ पहुंचे। पुलिस से कहा कि शादी को छह साल हो गए, कोई बच्चा नहीं है। वे बच्ची को पालना चाहते हैं। गोद लेने की जो प्रक्रिया होगी वह पूरी की जाएगी। पुलिस ने फिलहाल बच्ची उनकी सुपुर्दगी में देकर उसके परिजनों की तलाश शुरू कर दी है।
विगत 10 अक्टूबर को सीबीगंज में सिटी श्मशान भूमि पर गड्ढे में मटके के अंदर नवजात जिंदा दफन मिली थी जिसका इलाज चल रहा है। वहीं, सोमवार को संजय नगर में सड़क पर मृत नवजात का शव मिला था। गुरुवार को भी जिला अस्पताल के टॉयलेट में नवजात का शव मिला था।