मुख्यमंत्री के स्वागत में बरेली में जानिये क्यों बिछाई गई थी गुलाबी कालीन, सच जानकर हो जाएंगे हैरान
मुख्यमंत्री के दौरे के वक्त जिस गांव की गलियों में गुलाबी कालीन बिछाए गए थे। मुख्यमंत्री के जाते ही वहां बजबजाती नालियां भिनभिनाती मुख्यियां नजर आने लगी। प्रशासन को भी भान था कि लापरवाही छिपना मुश्किल है इसलिए मजिस्ट्रेट की मौजूदगी में यहां सफाई के लिए टीम लगा दी गई।
बरेली, (अभिषेक पांडेय)। ‘तुम्हारी फाइलों में गांव का मौसम गुलाबी है, मगर ये आंकड़े झूठे हैं ये दावा किताबी है।’ अदम गोंडवी के शब्द मुख्यमंत्री के दौरे के वक्त गुलाबी कालीन से ढके मुड़िया अहमदनगर गांव पर सटीक बैठते हैं। वजह भी है, जिस गांव में मुख्यमंत्री के आने से पहले गलियों में गुलाबी कालीन बिछाए गए थे। मुख्यमंत्री के जाते ही वहां बजबजाती नालियां, भिनभिनाती मुख्यियां नजर आने लगी। सैनिटाइजेशन दूर की कौड़ी है। प्रशासन को भी भान था कि लापरवाही छिपना मुश्किल है, इसलिए रविवार को मजिस्ट्रेट की मौजूदगी में यहां सफाई के लिए टीम लगा दी गई। गांव के लोग भी हैरान थे। कुछ की जुबां पर था कि मुख्यमंत्री जी, आप आते रहा करिए।
अचानक मुख्यमंत्री के दौरे का प्रोटोकॉल आने के बाद अधिकारियों को तैयारी का समय कम मिला। वर्चुअल बैठक के दौरान मुख्यमंत्री ने एक गांव के दौरे की इच्छा जता दी। एयरफोर्स स्टेशन के पास इज्जतनगर के मुड़िया अहमदनगर गांव पर सहमति बनी। लेकिन सफाई के लिए समय कहां था। इसलिए नालियों पर लकड़ी के पटरे रखकर पूरी गलियों में गुलाबी कालीन बिछाए गए। ताकि खंड़जें छिपेंगे साथ ही गंदगी भी। उनके आगमन से पहले पूरा गांव चमचमा रहा था। न कहीं गंदगी दिखी, न बजबजाती नालियां। खुद मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को सराहा।
पांच मिनट ठहरने के बाद दो ग्रामीणों से उन्होंने हकीकत पूछी। उनकी क्या बिसात की कुछ हकीकत से पर्दा उठाते। इसलिए दौरा शानदार रहा। मुख्यमंत्री आए और सब ठीक देखकर वापस चले गए।अब उनके जाते ही गुलाबी कालीन हटी। उठती दुर्गन्ध, कीचड़ ने गांव की व्यवस्था की पोल खोल दी। बजबजाती नालियों और गलियों मेज के नीचे बह रहा गंदा पानी देख अफसरों के भी पसीने छूट गए। इसके बाद रविवार को गांव की साफ सफाई के लिए मजिस्ट्रेट की निगरानी में तीन दर्जन सफाई कर्मचारी पहुंचे। साफ सफाई और फॉगिंग कर हकीकत को अमली जामा पहनाने की तस्वीरें जागरण के कैमरे में कैद हो चुकी थी।20 से ज्यादा यहां मौत हुई, एक मौत तो सीएम दौरे के बाद ही हो गई
गांव में अब तक 20 से अधिक मौत हो चुकी है। गांव में बाहर से आने वालों की निगरानी तक नहीं हो रही है। गांव के लोगों का कहना है कि यहां मुख्यमंत्री के आने से पहले हमें घरों के अंदर ही रहने को कहा गया। कुछ चुनिंदा लोग ही उनके दौरे के दौरान बाहर थे। सैनिटाइजेशन और कांटेक्ट ट्रैसिंग यहां कभी नहीं हुई। एक बुजुर्ग की मौत शनिवार रात में ही हो गई थी। जिसकाे दफन रविवार को किया गया।