बरेली में नवजात की मौत पर खाकी की 'सियासत', बहगुल नदी के पुल पर घंटों लटकता रहा नवजात का शव
जन्म हुआ तो मां ने त्याग कर दिया। मरने के बाद जब शव मिला तो खाकी के अंदर की इंसानियत खाक हो गई। उस मासूम के शव पर दो थानों की पुलिस घंटों ‘सियासत’ करती रही। यह सब देख उस मासूम की आत्मा जरूर रोयी होगी।
बरेली, जेएनएन। : जन्म हुआ तो मां ने त्याग कर दिया। मरने के बाद जब शव मिला तो खाकी के अंदर की इंसानियत खाक हो गई। उस मासूम के शव पर दो थानों की पुलिस घंटों ‘सियासत’ करती रही। यह सब देख उस मासूम की आत्मा जरूर रोयी होगी। यह ह्रदय विदारक मामला है फतेहगंज पूर्वी का।
बरेली-सीतापुर हाईवे पर बहगुल नदी पुल के पास शनिवार को चरवाहों ने नदी के पुल की सरियों के ऊपर एक नवजात शिशु का शव कपड़े में लिपटा झूलता हुआ देखा। सूचना पर फतेहगंज पूर्वी और कटरा थाने की पुलिस मौके पर पहुंची और फिर शुरू हुआ तेरी सीमा-तेरी सीमा का खेल। किसी को उस नवजात के शव की सुधि नहीं रही। घंटों तक नवजात का शव सरियों में ही लटकता रहा।
तमाम देर बाद थाना प्रभारी फतेहगंज पूर्वी को फर्ज का ध्यान आया तो नवजात बालक के शव पर कपड़ा डाल दिया लेकिन, दोनों थानों के प्रभारियों में सीमा युद्ध चलता रहा। मौके पर जांच के लिए जयदीप कुमार को बुलाया गया। लेखपाल ने सीमांकन के बाद घटना क्षेत्र को कटरा पुलिस का बताया। तब जाकर कटरा पुलिस ने नवजात बालक के शव को पोस्टमार्टम के लिए भेजा।
वह बच्चा जिसे मां ने ही त्याग दिया था क्योंकि ऐसा न होता तो कोई भी मां-बाप अपने बच्चे के शव को फेंक तो नहीं सकता था। उसके शव को भी सरकारी सिस्टम की उपेक्षा का शिकार होना पड़ा। सूचना मिलने पर पहुंची पुलिस शव को पोस्टमार्टम के लिए भेज सकती थी। उसके बाद सीमा विवाद निपटा लिया जाता लेकिन, अकर्मण्यता की जंजीरों में जकड़े इस सिस्टम में हर कोई कर्तव्य से बचना चाहता है। वैसा ही नजारा यहां दिखा।