केजीबीवी : बरेली बीएसए ने एनजीओ से मांगे शिक्षकों की नियुक्ति के रिकार्ड

कस्तूरबा गांधी आवासीय बालिका विद्यालयों में तैनात पांच ऐसे शिक्षक हैं जिनके पास 10 साल से नियुक्ति पत्र नहीं है। इन शिक्षकों की नियुक्ति करने वाले एनजीओ से रिकार्ड मांगा है।

By Ravi MishraEdited By: Publish:Wed, 08 Jul 2020 07:41 PM (IST) Updated:Wed, 08 Jul 2020 07:41 PM (IST)
केजीबीवी : बरेली बीएसए ने एनजीओ से मांगे शिक्षकों की नियुक्ति के रिकार्ड
केजीबीवी : बरेली बीएसए ने एनजीओ से मांगे शिक्षकों की नियुक्ति के रिकार्ड

बरेली, जेएनएन। कस्तूरबा गांधी आवासीय बालिका विद्यालयों (केजीबीवी) में तैनात पांच ऐसे शिक्षक हैं, जिनके पास 10 साल से नियुक्ति पत्र नहीं है। इन शिक्षकों की नियुक्ति करने वाले एनजीओ संचालक को नोटिस जारी कर मूल पत्रावलियों के साथ पूरा रिकार्ड तलब किया है। यह भी कहा है कि यदि रिकार्ड नहीं देते हैं, तो शिक्षकों की सेवा समाप्त करने की कार्यवाही की जाएगी। इसके अलावा अब तक दस्तावेजों का सत्यापन न कराने वाली फुलटाइम टीचर को आखिरी नोटिस देकर उपस्थित होने के निर्देश बीएसए ने दिए हैं। उन्होंने साफ तौर पर कहा है कि यदि शिक्षक नहीं आती हैं तो बर्खास्त किया जाएगा।

बरेली में 18 कस्तूरबा विद्यालय संचालित हैं। बीएसए विनय कुमार ने बताया कि शासन के आदेश पर शुरू हुई जांच में पांच शिक्षकों के पास नियुक्ति पत्र नहीं मिले थे। उन्हें नोटिस दी गई थी, जिस पर उन्होंने अपने जवाब में एनजीओ का एक पत्र दिखाया है। लेकिन उस पर कोई साइन या तारीख नहीं है। ऐसे में उसे विभाग ने सही न मानते हुए एनजीओ ग्रामोउद्योग संस्थान एटा से पत्रावली लेकर उपस्थित होने के लिए कहा है। अगर रिकार्ड नहीं आता है तो शिक्षकों की सेवाएं आगे नहीं बढ़ाई जाएंगी।

मृतक आश्रित कोटे में भी जांच

बेसिक शिक्षा विभाग ने मृतक आश्रित के रूप में नियुक्त शिक्षकों की भी जांच कराने का आदेश दिया गया है। इसके लिए बीएसए ने सभी खंड शिक्षा अधिकारियों को पत्र जारी किया है। जिसमें पूछा है कि किसी एक मृतक के आश्रित के रूप में एक से अधिक व्यक्ति तो कार्य नहीं कर रहे हैं । क्या किसी मृतक आश्रित ने अंतर्जनपदीय स्थानांतरण भी कराया है। मृतक आश्रित के रूप में नियुक्त अध्यापकों के शैक्षिक रिकॉर्ड के सत्यापन का निर्देश दिया गया है। एक सप्ताह के अंदर रिपोर्ट मांगी है।

राजकीय स्कूलों में चेक होगा रिकार्ड

एडेड के साथ-साथ राजकीय स्कूलों में शिक्षकों के भी दस्तावेज जांचे जाएंगे। इसके लिए चार सदस्य कमेटी को जिम्मेदारी दी गई है। कमेटी में डीएम से नामित प्रशासनिक अधिकारी, संयुक्त निदेशक, जिला विद्यालय निरीक्षक और राजकीय इंटर कॉलेज के प्रधानाचार्य शामिल होंगे। 15 दिनों के अंदर इन सभी शिक्षकों का रिकॉर्ड मानव संपदा पोर्टल पर अपलोड किया जाना है। इनके पैन कार्ड भी चेक किए जाएंगे। शिक्षकों के दस्तावेज संबंधित बोर्ड से सत्यापित कराने के लिए चार सप्ताह का समय दिया गया है। फर्जी पाए जाने पर कार्रवाई की जाएगी।

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