Kalan Galla Mandi : शासन की स्वीकृति के सात साल बाद पूरा नहीं हो सका शाहजहांपुर के किसानों का सपना, अब तक नहीं मिली गल्ला मंडी

Kalan Galla Mandi गंगा रामगंगा की गोद में बसी कलान तहसील के किसानों को अभी तक गल्ला मंडी का तोहफा नहीं मिल सका। किसानों को जलालाबाद तथा बदायूं जनपद की मंडी में उपज बिक्री को मजबूर होना पड़ रहा है। इससे उन्हें उपज का उचित मूल्य भी नहीं मिल पाता।

By Ravi MishraEdited By: Publish:Tue, 21 Sep 2021 02:54 PM (IST) Updated:Tue, 21 Sep 2021 02:54 PM (IST)
Kalan Galla Mandi : शासन की स्वीकृति के सात साल बाद पूरा नहीं हो सका शाहजहांपुर के किसानों का सपना, अब तक नहीं मिली गल्ला मंडी
Kalan Galla Mandi : शासन की स्वीकृति के सात साल बाद पूरा नहीं हो सका शाहजहांपुर के किसानों का सपना

बरेली, जेएनएन। Kalan Galla Mandi: गंगा, रामगंगा की गोद में बसी कलान तहसील के किसानों को अभी तक गल्ला मंडी का तोहफा नहीं मिल सका। किसानों को जलालाबाद तथा बदायूं जनपद की मंडी में उपज बिक्री को मजबूर होना पड़ रहा है। इससे उन्हें उपज का उचित मूल्य भी नहीं मिल पाता, परिवहन व्यय भी बढ़ जाता है। जबकि शासन तहसील के साथ ही गल्ला मंडी को भी मंजूरी दे दी थी। अब नए कृषि कानून का गतिरोध बताकर गल्ला मंडी की उम्मीदों पानी फेरा जा रहा है।

कलान, मिजापुर, परौर आदि क्षेत्रों से जुड़े तहसील में शासन स्तर से 2013 में गल्ला मंडी की मंजूरी मिली थी। लेकिन प्रशासनिक शिथिलता के कारण अभी तक गल्ला मंडी नहीं बन सकी। दरअसल प्रशासन सात साल तक गल्ला मंडी के लिए भूमि ही नहीं तलाश सका। कलान से 10 किलोमीटर दूर तहसील भवन के पास मिर्जापुर में गल्ला मंडी के लिए भूमि की तलाश हुई। लेकिन अब नए कृषि कानून को गल्ली मंडी में रोड़ा बताया जा रहा है।

मजबूरी का फायदा उठा रहे बिचौलिए

गल्ला मंडी न होने से किसान परेशान हैं। बिचौलिया मनमानी कीमत पर कृषि उपज विक्री को विवश करते है। इससे किसानों का खेती से मोहन भंग रहा है। पर्याप्त भूमि के बावजूद युवा नौकरी के लिए क्षेत्र से पलायन कर रहे है।

... तब अंगाया राइस का प्रस्ताव स्वीकृत हुआ

मंडी के लिए उच्चाधिकारियों ने सर्किल रेट पर गल्ला मंडी के लिए जमीन मांगी थी। कलान से अंगाया राइस मिल स्वामी व पीसीएस अधिकारी विश्राम सिंह यादव, नया मुबारकपुर से विपिन कुमार, नया मुबारकपुर से रविंद्र सक्सेना तथा सुरजीत गुप्ता ने गल्ला मंडी के लिए कृषि योग्य भूमि देने को राजी हो गए थे। तत्कालीन मंडी सचिव लालमन यादव ने सभी प्रस्ताव भेज दिए। अंगाया राइस का प्रस्ताव शासन ने स्वीकृत कर लिया गया था।

सर्किल रेट को लेकर फंसा पेंच, अब टूटने लगी उम्मीद

अंगाया राइस मिल स्वामी ने कृषि योग्य भूमि को अकृषक में परिवर्तित करा लिया। इससे जमीन का सर्किल रेट बढ़ गया। नतीजतन बजट को लेकर प्रशासन बैकफुट पर आ गया। इसके बाद मिर्जापुर के पास खाली पड़ी ग्राम समाज की भूमि पर गल्ला मंडी बनाए जाने का प्रस्ताव शासन को भेजा गया। लेकिन गत वर्ष 21 जून को शासन ने नए गल्ला मंडी भवनों के निर्माण पर पूर्ण रूप से रोक लगा दी।

कलान में गल्ला मंडी बनाए जाने के लिए प्रयास हुए। लेकिन नई कृषि कानून नीति के तहत सरकार ने फिलहाल नई गल्लामंडी निर्माण पर रोक लगा दी है। कलान में स्वीकृत गल्ला मंडी को बनाने का अब कोई विचार नहीं है।जगदीश वर्मा, मंडी सचिव, जलालाबाद

क्षेत्र के लिए गल्ला मंडी बेहद जरूरी है। शासन, प्रशासन को इस ओर ध्यान देना चाहिए। सात साल बाद प्रस्ताव पर अमल न होना दुखद है। चमन गुप्ता

जलालाबाद व बदायूं से कलान काफी दूर है। इस कारण गल्ला मंडी यहां बेहद जरूरी है। जनप्रतिनिधियों को इस ओर ध्यान देना चाहिए। मोहित मिश्रा

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