Just Be Careful : पीलीभीत हाईवे मतलब, धचको का सफर, जानिए क्या है स्थिति

बरेली से पीलीभीत जाने के लिए इस्तेमाल होने वाला हाईवे खस्ताहाल हो गया है। रिठौरा से लेकर नवाबगंज के बीच जगह-जगह सड़क पूरी तरह से उधड़ चुकी है।

By Ravi MishraEdited By: Publish:Fri, 21 Aug 2020 09:09 AM (IST) Updated:Fri, 21 Aug 2020 01:48 PM (IST)
Just Be Careful : पीलीभीत हाईवे मतलब, धचको का सफर, जानिए क्या है स्थिति
Just Be Careful : पीलीभीत हाईवे मतलब, धचको का सफर, जानिए क्या है स्थिति

बरेली, जेएनएन। बरेली से पीलीभीत जाने के लिए इस्तेमाल होने वाला हाईवे खस्ताहाल हो गया है। रिठौरा से लेकर नवाबगंज के बीच जगह-जगह सड़क पूरी तरह से उधड़ चुकी है। बारिश होने के बाद गहरे गड्डों की थाह मिलना भी मुश्किल हो चुका है। इसलिए हादसे होना यहां एक आम बात है। हाईवे की दुर्दशा ऐसी है कि रिठाैरा के आगे कालू नदी के पुल पर गहरे गड्ढे हैं। यहां अक्सर पानी भरा रहता है।

नदी में बहाव होने की वजह से यहां हादसे का खतरा बना हुआ है। इसके बाद गांव खाई खेड़ा के पास में सड़क पूरी तरह से टूट चुकी है। जगह-जगह दरक चुकी सड़क को दवा नहीं पूरे ऑपरेशन की जरूरत है। इसके आगे गांव लवेरा पर भी हाईवे की बहुत ज्यादा हालत खराब है। नवाबगंज बाईपास पर भी टूटा हाईवे नवाबगंज : रिठौरा के आगे नवाबगंज पर हाईवे में कोई सुधार नहीं है। गड्ढे पहले से थे, लेकिन बारिश होने के बाद हालात और बिगड़ गए हैं। यहां एक पखवाड़े में छोटे कई हादसे हो चुके हैं। हाईवे पर दिक्कत ये भी है कि अचानक आने वाले इन गड्ढों से वाहन चलाने वाले बच नहीं पाते हैं और हादसे का शिकार होते है।

कंक्रीट की भराई करके दिया सहारा 

बहगुल नदी के पुल पर धंसी हुई सड़क पर कंक्रीट की भराई की गई है। इससे पहले मजदूरों ने मिट्टी भरी थी, लेकिन एक दिन पहले हुए बारिश में मिट्टी बह गई। इसके बाद गुरुवार को कंक्रीट गड्ढे में भरकर मरम्मत की कोशिश हुई है। हालांकि यहां पत्थर रखकर डायवर्जन किया गया है। बगल की पुलिया से ही वाहनों को गुजारा जा रहा है। 

एनएचएआई की टीमें भरती रही गड्ढे 

एनएचएआई के अधिकारियों ने बरेली से शाहजहांपुर के बीच करीब 20 से ज्यादा टीमों को उतारा है। गुरुवार को जगह-जगह डिवाइडर सुधारते, गड्ढों को भरते और सड़क को बराबर करने के लिए मिट्टी की भराई करते हुए मजदूर नजर आए। हाईवे के किनारे से मिट्टी दरकने के बाद वहां मिट्टी की बोरी लगाई गई हैं। ताकि सड़क को धंसने से रोका जा सके।

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