Jitin Prasad BJP Joined News : जितिन प्रसाद काे मिला भाजपा में मिला पुराने नेताओं का साथ, मिठाई खिलाकर किया स्वागत

Jitin Prasad BJP Joined News शाहजहांपुर में कांग्रेस छोड़कर भाजपा में आए जितिन प्रसाद को नये घर में भी पुराने साथी मिल गए। जिले के तीन विधायक ऐसे हैं जिन्होंने जितिन प्रसाद के परिवार से जुड़कर राजनीति की शुरूआत की थी। कांग्रेस में लंबे समय तक रहे।

By Ravi MishraEdited By: Publish:Thu, 10 Jun 2021 09:20 PM (IST) Updated:Thu, 10 Jun 2021 09:20 PM (IST)
Jitin Prasad BJP Joined News : जितिन प्रसाद काे मिला भाजपा में मिला पुराने नेताओं का साथ, मिठाई खिलाकर किया स्वागत
Jitin Prasad BJP Joined News : जितिन प्रसाद काे मिला भाजपा में मिला पुराने नेताओं का साथ

 बरेली, जेएनएन। Jitin Prasad BJP Joined News : शाहजहांपुर में कांग्रेस छोड़कर भाजपा में आए जितिन प्रसाद को नये घर में भी पुराने साथी मिल गए। जिले के तीन विधायक ऐसे हैं, जिन्होंने जितिन प्रसाद के परिवार से जुड़कर राजनीति की शुरूआत की थी। कांग्रेस में लंबे समय तक रहे, मगर पार्टी के खिसकते जनाधार को देखते हुए रास्ता बदल दिया। ये तीनों विधायक पिछले विधानसभा चुनाव से पहले भाजपा में शामिल हो गए थे। वर्ष 2017 से लेकर मंगलवार तक इनकी जितिन से दलगत दूरी बनी रही। बुधवार को उनके भाजपा में आने के बाद सबसे पहले इनमें से एक विधायक ने प्रसाद भवन जाकर समर्थकों का मुंह भी मीठा कराया।

पुवायां के भाजपा विधायक चेतराम की राजनीतिक पृष्टभूमि कांग्रेसी रही है। जितिन प्रसाद के पिता जितेंद्र प्रसाद के साथ रहकर उन्होंने कांग्रेस की राजनीति शुरू की थी। वर्ष 1985 से लगातार चार बार कांग्रेस के टिकट पर विधायक बनते रहे। जितेंद्र प्रसाद के निधन के बाद बेटे जितिन प्रसाद से उनकी सियासी जोड़ी बनी। वर्ष 2014 का लोकसभा चुनाव भी कांग्रेस के टिकट से लड़े थे, मगर हार गए। इसके बाद वर्ष 2017 में वे भाजपा में शामिल हो गए।

ददरौल से भाजपा विधायक मानवेंद्र प्रताप सिंह ने भी जितेंद्र प्रसाद के साथ रहकर कांग्रेस की राजनीति शुरू की थी। उनके करीबी होने के कारण 14 साल तक लगातार कांग्रेस के जिलाध्यक्ष रहे थे। बाद में जितिन प्रसाद के करीबी लोगों में उनकी गिनती की जाने लगी। मगर, जिले में कांग्रेस की खराब स्थिति देख मानवेंद्र प्रताप सिंह ने अपना राजनीति भविष्य दूसरे दलों में तलाशना शुरू कर दिया। वर्ष 2016 में उन्होंने कांग्रेस छोड़कर बसपा ज्वाइन की।

अगले ही साल भाजपा में चले गए। टिकट मिला और विधायक बन गए। हालांकि जितिन प्रसाद से उनके करीबी संबंध बने रहे। चार बार के कांग्रेस से तिलहर के विधायक रहे वीरेंद्र प्रताप सिंह मुन्ना ने भी जितिन के पिता के साथ सियासती जमीन बनानी शुरू की थी। उनके परिवार के खास होने के कारण वर्ष 1993 में तिलहर सीट से विधानसभा चुनाव लड़ा और जीत गए। इसके बाद वर्ष 1996 और 2002 में भी कांग्रेस से विधायक रहे।

इसके बाद क्षेत्र में कांग्रेस की जमीन दरकती गई, लेकिन मुन्ना ने जितिन प्रसाद के परिवार का साथ नहीं छोड़ा। इस बीच उनके बेटे वीर विक्रम सिंह सक्रिय राजनीति में आए, मगर कांग्रेस में भविष्य नहीं दिख रहा था। इस वजह से पिछले विधानसभा चुनाव से पहले मुन्ना व उनके बेटे भाजपा में शामिल हुए। वीर विक्रम को मीरानपुर कटरा से टिकट मिला और चुनाव जीत गए।

कांग्रेस की जिला टीम में अंदरखाने सुगबुगाहट

जिले में जितिन प्रसाद का परिवार कांग्रेस की धुरी रहा है। अब उनके भाजपा में जाने के बाद जिला की नगर व जिला की इकाई में भी अंदरखाने सुगबुगाहट हो रही है। माना जा रहा है कि जितिन से व्यक्गित रूप से जुड़े स्थानीय कांग्रेसी नेता भाजपा में जा सकते हैं।

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