सावन के अंतिम सोमवार को शिवालयों में जलाभिषेक, कम रही श्रद्धालुओं की संख्‍या

सावन के आखिरी सोमवार पर शिवालयों में श्रद्धालुओं की बहुत कम संख्या रही। सुबह नौ बजे तक बाबा विश्वनाथ मंदिर में इक्का दुक्का ही श्रद्धालुाअें का आवागमन था।

By Abhishek PandeyEdited By: Publish:Mon, 03 Aug 2020 01:31 PM (IST) Updated:Mon, 03 Aug 2020 01:31 PM (IST)
सावन के अंतिम सोमवार को शिवालयों में जलाभिषेक, कम रही श्रद्धालुओं की संख्‍या
सावन के अंतिम सोमवार को शिवालयों में जलाभिषेक, कम रही श्रद्धालुओं की संख्‍या

शाहजहांपुर, जेएनएन : सावन के आखिरी सोमवार पर शिवालयों में श्रद्धालुओं की बहुत कम संख्या रही। सुबह नौ बजे तक बाबा विश्वनाथ मंदिर में इक्का दुक्का ही श्रद्धालुाअें का आवागमन था। जबकि सामान्य दिनों में आखिरी साेमवार भक्तों का तांता लगा रहता था। कोविड संक्रमण विस्तार देख लोगों ने खुद भी दूरी बना ली। मंदिर प्रबंध समिति ओर से कोविड गाइड लाइन की सख्ती किए जाने से भी श्रद्धालु दूर से ही दर्शन कर लौट गए।

सावन माह में इस बार पांच सोमवार पड़े। अंतिम सोमवार पर शिवार्चन, जलाभिषेक को श्रद्धालु विशेष महत्व मानते है। लेकिन इस बार कोविड संक्रमण का तीव्र विस्तार देख श्रद्धालुओं ने घरों पर ही भगवान शिव का जलाभिषेक किया। हालांकि आखिरी सोमावर को भक्तों ने बिल्वपत्र, भांग, धतूरा, दूध, गंगाजल से पूजन किया। शिवलिंग पर रक्षा सूत्र बांधा। बाबा विश्वनाथ मंदिर में आमदिनों के सापेक्ष बहुत कम भीड़ रही। बाबा बनखंडी नाथ मंदिर में पारंपरिक शिवार्चन हुआ। चौकनी नाथ मंदिर की गली क्षेत्र में कोरोना पॉजिटिव पाए जाने की वजह से सील है। इस कारण पुजारी ने ही शिवार्चन किया। मठिया आश्रम, हनुमतधाम, फैक्ट्री इस्टेट आदि मंदिरों मे सीमित संख्या में श्रद्धालु पहुंचे। कलान के पटना देवकली मंदिर में भी बाहरी भक्तों के लिए कपाट बंद रखे गए। जलालाबाद क्षेत्र के भैंसटा कला मंदिर, बंडा के सुनासिर नाथ धाम में भी श्रद्धालुओं की संख्या सीमित रही। 

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