तय फार्मूले के आधार पर छात्रों की बौद्धिक क्षमता का आंकलन उचित नहीं

सीबीएसई व आइसीएसई की ओर से 12वीं के परीक्षा परिणाम को तैयार करने के लिए निकाले गए फार्मूले से छात्रों की बौद्धिक क्षमता का आंकलन करना उचित नहीं है। इस फार्मूले को लेकर न ही विशेषज्ञों की राय एक है और न ही विद्यार्थियों की।

By JagranEdited By: Publish:Sat, 19 Jun 2021 06:16 PM (IST) Updated:Sat, 19 Jun 2021 06:16 PM (IST)
तय फार्मूले के आधार पर छात्रों की बौद्धिक क्षमता का आंकलन उचित नहीं
तय फार्मूले के आधार पर छात्रों की बौद्धिक क्षमता का आंकलन उचित नहीं

जेएनएन, बरेली: सीबीएसई व आइसीएसई की ओर से 12वीं के परीक्षा परिणाम को तैयार करने के लिए निकाले गए फार्मूले से छात्रों की बौद्धिक क्षमता का आंकलन करना उचित नहीं है। इस फार्मूले को लेकर न ही विशेषज्ञों की राय एक है और न ही विद्यार्थियों की।

कोई संक्रमण के कारण यह निर्णय छात्र हित में बता रहा है तो कोई इस निर्णय से भविष्य में छात्रों के समक्ष दिक्कत होने की आशंका जता रहा है। वहीं छात्रों में भी इस निर्णय से कई संतुष्ट तो कई उदास दिख रहे हैं। परीक्षा परिणाम तैयार करने के लिए बनाए गए फार्मूले के तहत एक से ज्यादा विषय में फेल होने पर कंपार्टमेंट परीक्षा देनी होगी। यह परीक्षा बोर्ड की ओर से मुख्य परिणाम जारी होने के बाद होगी। क्या है फार्मूला

- 10वीं के पांच में से तीन विषय के अंक लिए जाएंगे। जिनमें विद्यार्थी के सबसे ज्यादा अंक हों। छात्र का 30 फीसद परिणाम इस पर निर्भर करेगा।

- 11वीं के सभी विषयों के अंक लिए जाएंगे। छात्र का 30 फीसद परिणाम इसी पर निर्भर होगा।

- 12वीं में यूनिट टेस्ट, अर्धवार्षिक व प्री-बोर्ड का औसत निकालकर 40 फीसद यहां से लिए जाएंगे। क्या कहते हैं विशेषज्ञ

रिजल्ट का फार्मूला चितनीय

सीबीएसई ने 12वीं के छात्रों के लिए जो रिजल्ट का फार्मूला दिया है, वह बहुत चितनीय है। चूंकि 12वीं के बाद जहां कुछ कालेज में दाखिला मेरिट के आधार पर होता है तो कहीं प्रवेश परीक्षा के माध्यम से। इसी तरह प्रतियोगी परीक्षाओं में बहुत सी परीक्षाएं ऐसी हैं, जहां मेरिट के आधार पर चयन होता है तो कहीं परीक्षा के आधार पर। लेकिन, अब जो तरीका बोर्ड ने दिया है वह सही नहीं है। क्योंकि इससे ऐसे बच्चों को सर्वाधिक फायदा होगा जिन्हें पढ़ाई से ज्यादा मतलब नहीं होता। जो बच्चे पढ़ाई में अच्छे हैं, उन्हें भविष्य में इसका खामियाजा भुगतना पड़ सकता है। बोर्ड परीक्षा उच्च शिक्षा व प्रतियोगी परीक्षाओं के लिए एक आधार का काम करती हैं।

-सुगम अग्रवाल, निदेशक, मैट्रिक्स करियर अकादमी परिस्थितिजन्य फैसला, फार्मूला उचित

संक्रमण के चलते सीबीएसई से 12वीं का परीक्षा परिणाम तैयार करने का फार्मूला उचित है। बोर्ड की नई मूल्यांकन नीति ने चर्चाओं व अटकलों को समाप्त कर दिया है। यह छात्रों के लिए बड़ी राहत है। वहीं कई स्कूलों के प्रधानाचार्यो की राय के बाद सीबीएसई ने जो फार्मूला तैयार किया है वह स्कूल और उच्च शिक्षा के बीच की खाई पाटने का कार्य करेगा। जो वर्तमान माहौल के अनुसार अत्यंत आवश्यक है। वहीं अगर, जिन छात्रों को कम अंक प्राप्त होने पर संतुष्टि नहीं होती है तो वे स्थितियां सामान्य होने पर परीक्षा दे सकते हैं। इसके लिए बोर्ड ने छात्रों को विकल्प दिया है। ऐसे में छात्रों में असमंजस की स्थिति नहीं होनी चाहिए।

- अशोक कुमार, निदेशक, चाणक्य ट्यूटोरियल क्या कहते हैं विद्यार्थी

सीबीएसई के इस फार्मूले से सहमत हूं। अगर परीक्षाएं होती तो और भी ज्यादा बेहतर अंक प्राप्त कर सकते थे। कोरोना के चलते ये फैसला छात्रों के हित में है।

-श्याम दीक्षित, छात्र सीबीएसई का यह निर्णय छात्रों के लिए बेहतर है। परीक्षा के लिए पूरे साल मेहनत की थी। अगर परीक्षा होती तो खुद का आंकलन करने में दिक्कत नहीं होती।

-अभय शंकर सक्सेना, छात्र मैं बोर्ड के इस निर्णय से सहमत नहीं हूं। प्री बोर्ड में छात्रों का प्रदर्शन भले ही बेहतर नहीं रहा हो। लेकिन, बोर्ड परीक्षा में बेहतर कर सकते थे।

-सेही राज, छात्रा प्री बोर्ड में प्रदर्शन औसत रहा। लेकिन, बोर्ड परीक्षा के लिए तैयार थे। ऐसे में आशा करता हूं कि परिणाम तैयार करते वक्त यह ंिबंदु भी रखा जाएगा।

-युवराज सक्सेना, छात्र

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