शारीरिक व मानसिक विकास के लिए जरूरी है आयोडीन

जन्म के बाद हमारे शारीरिक व मानसिक विकास में आयोडीन की महत्वपूर्ण भूमिका होती है। इसकी कमी से स्वास्थ्य संबंधी कई समस्याएं हो सकती हैं। इसलिए गर्भावस्था के दौरान ही बच्चे के विकास के लिए आयोडीन का पर्याप्त सेवन बहुत जरूरी है।

By JagranEdited By: Publish:Thu, 22 Oct 2020 02:51 AM (IST) Updated:Thu, 22 Oct 2020 02:51 AM (IST)
शारीरिक व मानसिक विकास के लिए जरूरी है आयोडीन
शारीरिक व मानसिक विकास के लिए जरूरी है आयोडीन

बरेली, जेएनएन : जन्म के बाद हमारे शारीरिक व मानसिक विकास में आयोडीन की महत्वपूर्ण भूमिका होती है। इसकी कमी से स्वास्थ्य संबंधी कई समस्याएं हो सकती हैं। इसलिए गर्भावस्था के दौरान ही बच्चे के विकास के लिए आयोडीन का पर्याप्त सेवन बहुत जरूरी है।

महिला अस्पताल की सीनियर कंसलटेंट डा. किरण बाला ने बुधवार को विश्व आयोडीन दिवस पर बताया कि गर्भवती महिलाओं में आयोडीन की कमी से गर्भपात, नवजात शिशुओं का वजन कम होना, शिशु का मृत पैदा होना आदि समस्याएं आती हैं। आयोडीन ब्लड सर्कुलेशन और हार्ट रेट को नियमित रखता है तथा मस्तिष्क के विकास में सहायक होता है। भुने आलू, दूध, मुनक्का और दही के सेवन से आयोडीन की कमी को दूर किया जा सकता है। ये लक्षण बतातें हैं आयोडीन की कमी

वरिष्ठ चिकित्सक डा. शुचिता ने बताया कि त्वचा का सूखापन, नाखूनों और बालों का टूटना, कब्ज और भारी और कर्कश आवाज आदि आयोडीन की कमी के प्रमुख लक्षण हैं। इसकी कमी से वजन बढ़ने लगता है। साथ ही चेहरा फूलना, गले में सूजन (गले के अगले हिस्से में थाइराइड ग्लैंड में सूजन) आना भी इसकी कमी के लक्षण होते हैं। थकान महसूस होना, अधिक ठंड लगन और एकाग्रता की कमी होना या चीजों को लगातार भूलना भी आयोडीन की कमी के लक्षण हैं।

chat bot
आपका साथी