घोटाले में उपयोग राशन कार्डो की करें जांच

जुलाई में प्रदेश के 43 जिलों में हुए राशन घोटाला प्रकरण में कार्डधारकों पर भी जांच बैठ गई है।

By JagranEdited By: Publish:Fri, 21 Sep 2018 11:00 PM (IST) Updated:Sat, 22 Sep 2018 03:06 AM (IST)
घोटाले में उपयोग राशन कार्डो की करें जांच
घोटाले में उपयोग राशन कार्डो की करें जांच

जागरण संवाददाता, बरेली : जुलाई में प्रदेश के 43 जिलों में हुए राशन घोटाला प्रकरण में कार्डधारकों पर भी जांच बैठ गई है। राज्य खाद्य एवं रसद विभाग ने जिला पूर्ति अधिकारियों को निर्देशित किया है कि वे कार्ड धारकों की स्थलीय जांच कराएं। यह पता लगाएं कि कार्ड धारक पात्र हैं या अपात्र। कार्ड पर जितने सदस्यों की संख्या दर्ज है, क्या वास्तव में परिवार में उतने लोग हैं? दुरुपयोग किए गए कार्ड के सापेक्ष कौन सी वस्तुएं कितनी मात्रा में ली गई हैं? इन बिंदुओं पर जांच रिपोर्ट तैयार कर 15 दिन में विभाग को उपलब्ध कराई जाए। ख्याल रखें कि यह जांच मौके पर जाकर की जाए। खाद्य एवं रसद आयुक्त आलोक कुमार ने जिला पूर्ति अधिकारियों को यह निर्देश जारी किया है। आयुक्त ने अपने पत्र में कहा कि एनआइसी के सहयोग से राशन आवंटन की डिटेल विभागों को भेज दी गई है। वहीं, इस प्रकरण की जांच एसटीएफ को सौंपी गई है। मगर बरेली में अभी तक एसटीएफ की टीम जांच के लिए नहीं पहुंची है।

ई-पॉस मशीनों से हुआ घोटाला

शहरी क्षेत्रों में ई-पॉस मशीनों से राशन बांटा जाता है। बरेली में 78 दुकानों से गड़बड़ी सामने आई थी। इसमें 12 दुकानों से 1,356 बार राशन का ट्रांजेक्शन हुआ, जबकि 66 कार्डो से 119 बार लेनदेन सामने आया है। घोटालेबाजों ने चंद आधार नंबरों का उपयोग कर कार्ड धारकों के हिस्से का अनाज हड़प लिया।

10 कोटेदारों पर दर्ज है मुकदमा

बरेली से करीब 300 कुंतल से ज्यादा राशन घोटाला हुआ है। इस मामले में दस कोटेदारों के विरुद्ध मुकदमा दर्ज है। इनकी दुकानें निलंबित कर दूसरी दुकानों से राशन वितरण कराया जा रहा है।

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खाद्य आयुक्त के निर्देशानुसार जांच शुरू करा दी गई है। सभी कार्ड धारकों का स्थलीय निरीक्षण कर रिपोर्ट भेजी जाएगी। -सीमा त्रिपाठी, जिला पूर्ति अधिकारी

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