Corona Virus Update: कोरोना संक्रमण से बचाने के काम आ रही पेट के कीड़े मारने वाली दवा

संक्रमण का प्रभाव जिले में बढ़ता ही जा रहा है। इस बीच शासन के आदेश के बाद संक्रमितों को होम आइसोलेट किया जाना भी शुरू कर दिया गया है।

By Abhishek PandeyEdited By: Publish:Mon, 03 Aug 2020 05:39 PM (IST) Updated:Mon, 03 Aug 2020 05:39 PM (IST)
Corona Virus Update: कोरोना संक्रमण से बचाने के काम आ रही पेट के कीड़े मारने वाली दवा
Corona Virus Update: कोरोना संक्रमण से बचाने के काम आ रही पेट के कीड़े मारने वाली दवा

बरेली, जेएनएन : संक्रमण का प्रभाव जिले में बढ़ता ही जा रहा है। इस बीच शासन के आदेश के बाद संक्रमितों को होम आइसोलेट किया जाना भी शुरू कर दिया गया है। ऐसे में जिला प्रशासन और स्वास्थ्य विभाग के सामने चुनौती है कि वह संक्रमितों से उनके परिवार के सदस्यों को संक्रमित होने से बचा सकें। इसके लिए तमाम नियम शर्तें तो रखी ही गई हैं। साथ ही अब संक्रमितों के सदस्यों तक एक दवा भी पहुंचाई जा रही है। बताया जा रहा है कि यह दवा संक्रमण के रोकथाम में कारगर है। इस दवा का नाम इवेर्मेक्टीन है। यह आम तौर पर पेट में होने वाले कीड़े मारने के काम में आती थी। लेकिन अब इसे संक्रमण की रोकथाम के लिए इस्तेमाल किया जा रहा है। हालांकि इसकी जानकारी न होने के चलते संक्रमित और उनके परिजन परेशान हैं। वह अपने जानकर डॉक्टर से सम्पर्क कर इसके बारे में जानकारी कर रहे हैं।

जिले में अब तक 2700 से ज्यादा लोग संक्रमित हो चुके हैं। वही सक्रिय संक्रमितों की संख्या 1725 हो गई है। इसमें करीब 1070 लोग होम आइसोलेट हो गए हैं। जबकि चार सौ से ज्यादा लोग लक्षण वाले होने के चलते एल-2 और एल-3 अस्पतालों में भर्ती हैं। जबकि 56 संक्रमित कोविड एल-1 अस्पताल में आइसोलेट हैं। अब कोविड अस्पतालों में भर्ती संक्रमितों को देखने के लिए तो चिकित्सक मौजूद रहते हैं लेकिन होम आइसोलेट संक्रमित दवा आदि को लेकर परेशान हो जाते हैं। इसके चलते ही डीएम कंट्रोल रूम और सीडीओ ऑफिस में मौजूद सर्विलांस टीम के लोग होम आइसोलेट संक्रमितों के लगातार संपर्क में रहते हैं। यहां मौजूद चिकित्सक अब संक्रमितों और उनके परिजनों से उनकी सेहत के बारे में जानकरी लेते है। साथ ही संक्रमण से बचाव के लिए इवेर्मेक्टीन दवा बता रहे हैं। चिकित्सकों का कहना है कि यह दवा शरीर मे पनपने वाले किसी भी वैक्टीरिया, पैरासाइट््स (परजीवी) को पनपने नहीं देती। इसके चलते इसे कोरोना संक्रमण के रोकथाम में भी कारगर माना जा रहा है।

डॉक्टर देंगे सलाह, खरीदनी होगी दवा

कलेक्ट्रेट में बने कंट्रोल रूम से फोन कर चिकित्सक होम आइसोलेट व्यक्ति से घर मे परिवारीजनों की संख्या के बारे में जानकारी लेते हैं। इसके बाद उन्हें इवेर्मेक्टीन दवा नोट कराई जाती है। यह दवा घर के सभी बड़े सदस्यों को दो महीने में चार बार दी जाने की सलाह दी जाती है। यह दवा खुद ही खरीदनी होगी।

घर तक पहुचाई जा रही हाइड्रोक्लोरोक्वीन

होम आइसोलेट संक्रमितों के घर तक स्वास्थ्य विभाग की टीम पहुँच रही है। पूर्व से ही बातचीत के अनुसार स्वास्थ्य विभाग की टीम हाइड्रोक्लोरोक्वीन लेकर पहुँचती है। यह दवा संक्रमित के सबसे नजदीकी व्यक्ति को खाने की सलाह दी जाती है। यह वह व्यक्ति होता है जो संक्रमित को खाना देने समेत अन्य कार्य मे सहयोग करता है।

होम आइसोलेट लोगों के लिए हर सुविधा मुहैया कराई जा रही है। उनसे फोन कर सम्पर्क किया जाता है। इसके बाद उन्हें इवेर्मेक्टीन दवा लेने की सलाह दी जाती है। यह संक्रमण रोकने के लिए कारगर है।

- डॉ. विनीत कुमार शुक्ला, सीएमओ  

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