भारत से मजहबी रिश्ते मजबूत करने दरगाह आला ए हजरत आया नेपाल का प्रतिनिधि मंडल, सलीम बोले- नेपाल की सरजमीन से मुसलमानाें का पुराना रिश्ता

Indo-Nepal Religious Relationship News मजहबी रिश्ते मजबूत करने के इरादे से रविवार शाम नेपाल का एक प्रतिनिधिमंडल दरगाह आला हजरत पहुंचा। उलमा की अगुआई में आए 25 सदस्यीय प्रतिनिधिमंडल में शामिल सामाजिक कार्यकर्ताओं व मुस्लिम पत्रकारों का दरगाह पर जोरदार स्वागत किया गया।

By Ravi MishraEdited By: Publish:Mon, 30 Aug 2021 09:45 AM (IST) Updated:Mon, 30 Aug 2021 09:52 AM (IST)
भारत से मजहबी रिश्ते मजबूत करने दरगाह आला ए हजरत आया नेपाल का प्रतिनिधि मंडल, सलीम बोले- नेपाल की सरजमीन से मुसलमानाें का पुराना रिश्ता
भारत से मजहबी रिश्तें मजबूत करने दरगाह आला ए हजरत आया नेपाल का प्रतिनिधि मंडल

बरेली, जेएनएन। Indo-Nepal Religious Relationship News : मजहबी रिश्ते मजबूत करने के इरादे से रविवार शाम नेपाल का एक प्रतिनिधिमंडल दरगाह आला हजरत पहुंचा। उलमा की अगुआई में आए 25 सदस्यीय प्रतिनिधिमंडल में शामिल सामाजिक कार्यकर्ताओं व मुस्लिम पत्रकारों का दरगाह पर जोरदार स्वागत किया गया। दरगाह प्रमुख, सज्जादानशीन के साथ मुलाकात से पहले उन्होंने दरगाह पर हाजिरी दी।

दरगाह आला हजरत के मीडिया प्रभारी नासिर कुरैशी ने बताया कि कुछ समय पहले दरगाह से नेपाल के कई क्षेत्रों में सूफीयत के प्रसार को प्रतिनिधिमंडल गया था। वहां तमाम लोगों को राशन वितरण व अन्य सहयोग भी किया गया। मंजरे इस्लाम के वरिष्ठ शिक्षक मुफ्ती सलीम नूरी ने कहा कि आला हजरत इमाम अहमद रजा खां बरेलवी सुन्नी बरेलवी सूफी विचारधारा व मरकजे अहल-ए-सुन्नत बरेली और आला हजरत के खानदान ने नेपाल के सुन्नी मुसलमानों की शैक्षिक और रूहानी व सूफियाना स्तर पर खूब खिदमत की है।

नेपाल की सरजमीन से और यहां के मुसलमानों से आला हजरत, खानदाने आला हजरत, मरकज और यादगारे आला हजरत जामिया रजविया मंजरे इस्लाम का बहुत गहरा और पुराना रिश्ता रहा है। नेपाल के बहुत से गरीब छात्र बरेली के मदरसा मंजरे इस्लाम में रहकर शिक्षा प्राप्त करते रहे हैं। दरगाह प्रमुख सुब्हानी मियां और सज्जादानशीन अहसन मियां ने नेपाल के छह जनपदों से नायाब काजी की अगुवाई में 25 आलिमों, मुस्लिम पत्रकारों, समाजिक कार्यकर्ताओं के प्रतिनिधिमंडल को आमंत्रित किया है जो यहां 30 अगस्त तक रहेगा।

इस से भारत-नेपाल के सुन्नी उलमा के दरमियान संबंध भी मजबूत होंगे और उन्हें सुन्नी सूफी विचारधारा को प्रसारित करने की ऊर्जा भी प्राप्त होगी। देर रात दरगाह प्रमुख और सज्जादानशीन के साथ प्रतिनिधिमंडल की बैठक हुई।

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