Indian Railway Time Table News : डिजिटल एट ए ग्लास से रेलवे बदल रहा 150 साल पुराना समय सारिणी का इतिहास

Indian Railway Time Table News रेलवे की दो सौ पन्ने वाली समय सारणी अब गुजरे जमाने की बात होगी। इसकी जगह डिजिटल एट ए ग्लास लेने जा रहा है। ट्रेनों के परिचालन में जो भी संशोधन होगे उसे डिजिटल एट ए ग्लांस पर अपडेट कर दिया जाएगा।

By Ravi MishraEdited By: Publish:Mon, 02 Aug 2021 04:28 PM (IST) Updated:Mon, 02 Aug 2021 04:28 PM (IST)
Indian Railway Time Table News : डिजिटल एट ए ग्लास से रेलवे बदल रहा 150 साल पुराना समय सारिणी का इतिहास
Indian Railway Time Table News : डिजिटल एट ए ग्लास से रेलवे बदल रहा

बरेली, जेएनएन। Indian Railway Time Table News : रेलवे की दो सौ पन्ने वाली समय सारणी अब गुजरे जमाने की बात होगी। इसकी जगह डिजिटल एट ए ग्लास लेने जा रहा है। ट्रेनों के परिचालन में जो भी संशोधन होगे उसे डिजिटल एट ए ग्लांस पर अपडेट कर दिया जाएगा। रेलवे ने इसका जिम्मा आइआरसीटीसी को सौंपा है। पूरे देश के ट्रेनों की जानकारी देने वाला रेल टाइम टेबिल की उपयोगिता खत्म होने के साथ ही खर्चीला होने की वजह से रेलवे ने इसे न प्रकाशित करने का निर्णय लिया है।

आइआरसीटीसी को ट्र्रेनाें काे शामिल करने के दिए निर्देश

पूरे देश के ट्रेनों की जानकारी देने वाला रेल टाइम टेबल की उपयोगिता खत्म होने के साथ ही खर्चीला होने की वजह से रेलवे ने इसे न प्रकाशित करने का निर्णय लिया है। यात्रियों को ट्रेनों को लेकर कोई असुविधा न हो इसके लिए आइआरसीटीसी को ट्रेन एट ए ग्लांस में सभी ट्रेनों को शामिल करने को कहा गया है। डिजिटल समय सारणी में सबकुछ वैस ही रहेगा जैसा टाइम टेबल में रहता है। डिजिटल रूप में ट्रेनों को समझने में थोड़ी आसानी जरूरी होगी।

150 साल पुराना है रेलवे के टाइम टेबल छपने का इतिहास

रेलवे जानकारों के मुताबिक टाइम टेबिल में छपने का इतिहास 150 साल पुराना है। रेलवे के अस्तित्व में आने के समय से ही समय सारणी छपती आ रही है। शुरुआत में केवल 18 पेज से लेकर दो सौ पेज तक के टाइम टेबल का सफर बड़ा ही सुहाना रहा है। किराए और दूरी की जानकारी महज 30 रुपये में आसानी से मिल जाती थी। जो कि हर स्टेशन के एएच व्हीलर शाप पर महज 30 रुपये में मिल जाती थी। यही नहीं किताब में बिना टिकट पकड़े जाने पर जुर्माना की राशि, किसी प्रकार की समस्या होने पर किस नंबर पर फोन करें, इसकी भी जानकारी दी जाती थी।

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