यूपी के इस जनपद में प्रशासनिक सख्ती के बाद बढ़ी पराली जलाने की घटनाएं, जानिए ताजा स्थिति
शाहजहांपुर में पराली जलाने पर राष्ट्रीय हरित प्राधिकरण (एनजीटी) के प्रतिबंध विधिक कार्रवाई के आदेश तथा शासन की सख्ती के बावजूद जनपद में पराली जलाने की घटनाओं का ग्राफ बढ़ा है। गत वर्ष के सापेक्ष जनपद में 4.7 गुना हुई घटनाएं इसका प्रमाण है।
बरेली, जेएनएन। शाहजहांपुर में पराली जलाने पर राष्ट्रीय हरित प्राधिकरण (एनजीटी) के प्रतिबंध विधिक कार्रवाई के आदेश तथा शासन की सख्ती के बावजूद जनपद में पराली जलाने की घटनाओं का ग्राफ बढ़ा है। गत वर्ष के सापेक्ष जनपद में 4.7 गुना हुई घटनाएं इसका प्रमाण है। इससे शासन स्तर पर प्रशासन की भी किरकिरी हो रही है। सबसे ज्यादा पुवायां तहसील में घटनाएं होने पर डीएम ने एसडीएम से जवाब भी तलब किया। लेकिन घटनाओं पर विराम नहीं लग रहा।
प्रदेश में शाहजहांपुर अव्वल, लखीमपुर दूसरे स्थान पर
सैटेलाइट से अब तक प्रदेश में 201 स्थलों पर पराली जलाने की घटनाएं दर्ज हुई। इनमें शाहजहांपुर की संख्या 94 है। जब गत वर्ष 12 अक्टूबर तक मात्र 20 स्थलों पर पराली जलाई गई थी। पीलीभीत में भी चार के सापेक्ष इस आठ घटनाएं हुई है। लखीमपुर खीरी के किसानों ने संयम अपनाया। वहां मांत्र 20 स्थलों पर पराली जली, जबकि गत वर्ष संख्या 23 थी।
मंडल में बरेली से संयम बरता, बदायूं बना आदर्श
बरेली मंडल के चार जिलों में बदायूं इकलोता एेसा जिला है, जहां पराली जलाने की कोई भी घटना पकड़ में नहीं आयी। बरेली से भी संयंम बरता। गत वर्ष की 8 घटनाओं के सापेक्ष 4 मामले ही पकड़े गए। मुरादाबाद में 2 के सापेक्ष एक, रामपुर में 16 के सापेक्ष 13 घटनाएं हुई।
प्रदेश के पराली जलाने में अग्रणी जनपदों में गत वर्ष की घटनाओं के सापेक्ष तुलनात्मक ब्योरा
जनपद : 2021 - 2020
शाहजहांपुर : 94 - 20
लखीमपुर : 20 - 23
रामपुर : 13 - 16
पीलीभीत : 08 - 04
बरेली : 04 - 08
मुरादाबाद : 01 - 02
मथुरा : 07 - 06
गौतमबुद्धनगर : 05 - 01
हरदोई : 05 - 02
अब तक की कार्रवाई
पराली जलाने
शाहजहांपुर : 94 - 20
लखीमपुर खीरी : 20 - 23
रामपुर : 13 - 16
पीलीभीत - 8- 4
हरदोई : 5 - 2
बरेली : 4 - 8
मुरादाबाद : 1 - 2
मथुरा : 7- 6
गौतमबुद्धनगर - 5 - 1
पराली जलाने पर रोक के लिए अब तक हुई कार्रवाई एक नजर
- 94 किसानों को नोटिस
- 54.15 हजार जुर्माना वसूली
- 3 कंबाइन मशीन सीज
- 10 लेखपालों समेत एसडीएम से जवाब तलब
- 25 घटनाओं में
पराली जलाने पर पूरी तरह प्रतिबंध है। पराली प्रबंधन के लिए कई योजनाओं संचालित है। पराली सड़ाने के लिए फ्री डिकंपोजर भी दिया जा रहा है। इसके बावजूद पराली जलाने पर किसानों के खिलाफ जुर्माना समेत कड़ी कार्रवाई की जा रही है। जनपद में गत वर्ष के सापेक्ष 4.7 गुना घटनाएं होना चिंतनीय है। धीरेंद्र सिंह, उप कृषि निदेशक