बरेली के केंद्रीय पक्षी अनुसंधान संस्थान में हुई ई-संगोष्ठी में किसानों ने जाना कैसे करें कुक्कुट पालन

केंद्रीय पक्षी अनुसंधान संस्थान ने शुक्रवार को आजादी का अमृत महोत्सव के तहत कुक्कुट पालन में विभिन्न समस्याओं और उनके समाधान के लिए एक आनलाइन संगोष्ठी की। कार्यक्रम में उत्तर प्रदेश के अलावा 15 राज्यों से 78 किसानों व संस्थान के वैज्ञानिकों ने हिस्सा लिया।

By Samanvay PandeyEdited By: Publish:Sat, 25 Sep 2021 02:10 PM (IST) Updated:Sat, 25 Sep 2021 02:10 PM (IST)
बरेली के केंद्रीय पक्षी अनुसंधान संस्थान में हुई ई-संगोष्ठी में किसानों ने जाना कैसे करें कुक्कुट पालन
केंद्रीय पक्षी अनुसंधान संस्थान में शुक्रवार को हुआ ई-संगोष्ठी का आयोजन

बरेली, जेएनएन। केंद्रीय पक्षी अनुसंधान संस्थान ने शुक्रवार को आजादी का अमृत महोत्सव के तहत कुक्कुट पालन में विभिन्न समस्याओं और उनके समाधान के लिए एक आनलाइन संगोष्ठी की। कार्यक्रम में उत्तर प्रदेश के अलावा उत्तराखंड, बिहार, छत्तीसगढ़, दिल्ली, हरियाणा, झारखंड, मध्य प्रदेश, राजस्थान आदि 15 राज्यों से 78 किसानों व संस्थान के वैज्ञानिकों ने हिस्सा लिया। संस्थान के निदेशक डा.अशोक कुमार तिवारी ने मुख्य अतिथि भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद (आइसीएआर) में सहायक महानिदेशक (पशु उत्पादन एवं प्रजनन) डा. वीके सक्सेना का स्वागत किया।

इस दौरान डा. वीके सक्सेना ने पशुपालन मंत्री गिरिराज सिंह की सलाह पर संस्थान में विकसित किए गए गिरी ग्राम तकनीकी फार्म के बारे में संक्षिप्त जानकारी दी। उन्होंने कहा की इस माडल को अपनाने से मुर्गियों के दाने पर आने वाली लागत को काफी हद तक कम किया जा सकता है। साथ ही उन्होंने देसी मुर्गियों को आम के बगीचों में पालने के फायदे बताए तथा अच्छे दाम हासिल करने के लिए खुद की कंपनी (एफपीओ) बनाने और सीएआरआइ की प्रमुख प्रजातियां जैसे कैरी निर्भीक, कैरी श्यामा, कैरी धनराज आदि को गिनाते हुए किसानों को इन्हें अपनाने की सलाह दी। संस्थान के निदेशक डा.अशोक कुमार तिवारी ने कहा कि किसान पोल्ट्री फार्मिंग में किसान काफी रुचि ले रहे हैं। कार्यक्रम में किसानों को आनलाइन प्रदर्शनी भी दिखाई गई।

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